आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019922015894
आवेदक का नाम-Deepak Kumar Mauryaविषय-Sir, there is evidence of payment of Rs.89330 to the shopkeeper but cash memo not made available by the shopkeeper which is setup practice in the district Mirzapur to pave the way of TAX evasion. In this practice shopkeeper is defaulter not applicant. महोदय, दुकानदार को 89330 रुपये के भुगतान का प्रमाण है लेकिन दुकानदार द्वारा कैश मेमो उपलब्ध नहीं कराया गया है जो कर चोरी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए जिला मिर्जापुर में स्थापित है इस प्रथा में दुकानदार डिफॉल्टर है आवेदक नहीं Whether applicant is demanding compensation through police from the erring shopkeeper? क्या आवेदक दोषी दुकानदार से पुलिस के माध्यम से मुआवजे की मांग कर रहा है? The job of the police is to curb illegal activities going on in the society but police prefers to be judge in such matters to allow sale of spurious cement in the market.पुलिस का काम समाज में चल रही अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना है लेकिन पुलिस ऐसे मामलों में जज बनना पसंद करती है ताकि बाजार में नकली सीमेंट की बिक्री हो सकेThis matter is bipolar. One of the poles is to curb illegal sale of spurious cement and the other pole is to compensate damages. Here police are safeguarding sellers of spurious cement. यह मामला बाइपोलर है। एक पोल नकली सीमेंट की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए और दूसरा पोल नुकसान की भरपाई के लिए है। यहां पुलिस नकली सीमेंट बेचने वाले की सुरक्षा कर रही है Police failed to pursue its duties to curb illegal sale of spurious cement counselling the applicant how to seek compensation? नकली सीमेंट की अवैध बिक्री को रोकने के लिए पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रही, आवेदक को परामर्श दिया गया कि मुआवजा कैसे मांगा जाए?श्री मान जी प्रार्थी द्वारा ८९३३० रुपये ऑनलाइन पेमेंट किया गया है जिसका प्रमाण प्रार्थी द्वारा कुमार संतोष चौकी प्रभारी नटवां को उपलब्ध कराया तथा व्हाट्स ऍप चैटिंग Mohammad Shahid , Proprietor H.S.S. Hardware,के साथ की है भुगतान के सम्बन्ध में जो प्रमाणित और सिद्ध करता है की प्रार्थी द्वारा अल्ट्राटेक सीमेंट मोहम्मद शाहिद की दूकान से खरीदा गया है प्रार्थी द्वारा मोहम्मद शाहिद से की गई बातचीत की वॉइस रिकॉर्डिंग इस बात की पुष्टि करता है की प्रार्थी द्वारा सीमेंट मोहम्मद शाहिद की दूकान से खरीदा गया है खुद कुमार संतोष चौकी प्रभारी नटवां गवाहों विनीत कुमार मौर्या और धीरज कुमार मौर्या के समक्ष यह बात कही है कि वाइस रिकॉर्डिंग न्यायालय में साक्ष्य के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है श्री मान जी प्रार्थी द्वारा ८९३३० रुपये ऑनलाइन पेमेंट किया गया है मोहम्मद शाहिद की दूकान में सीमेंट और सरिया बेचा जाता है किसी भी रशीद की कार्बन कॉपी या कॉपी खुद दुकानदार के अपने रिकॉर्ड में होनी चाहिए किन्तु कुमार संतोष चौकी प्रभारी नटवां न्यायाधीश की तरह यही बरगलाते रहे तुम्हारे पास रशीद नहीं है जब की दूकानदार के रिकॉर्ड को चेक करके सच्चाई जानने का प्रयास नहीं किया गया श्री मान जी दुकन द्वारा कोई रशीद दी ही नहीं जाती सच्चाई तो यह है किन्तु ईमानदार कुमार संतोष चौकी प्रभारी नटवां का ध्यान इस और गया ही नहीं सोचिये नकली सीमेंट बेचने वाला दुकानदार कभी रशीद देकर अपने आप को कानून के पचड़े में फसाये गा श्री मान जी क्या एक पुलिस जांच अधिकारी का कार्य सच्चाई के तह तक जाना है या अतार्किक बातो को उठा कर मामले का पटाक्षेप करना In conclusion, phone audio recording is admissible as evidence in Courts under section 65B of the Indian Evidence Act, 1872.However, the conversation bit recorded must be relevant to the case where the voice of the individual parties must be identifiable. अंत में, फोन ऑडियो रिकॉर्डिंग भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 65 बी के तहत न्यायालयों में साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य है हालांकि, रिकॉर्ड की गई बातचीत बिट उस मामले के लिए प्रासंगिक होनी चाहिए जहां व्यक्ति पार्टियों की आवाज पहचान
Department -पुलिसComplaint Category -
नियोजित तारीख-07-08-2022शिकायत की स्थिति-
Level -क्षेत्राधिकारी स्तरPost -क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अग्रसारित विवरण :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 08-07-2022 07-08-2022 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-क्षेत्राधिकारी , नगर ,जनपद-मिर्ज़ापुर,पुलिस अनमार्क
जनसुनवाई
समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली, उत्तर प्रदेश
सन्दर्भ संख्या:- 40019922015894
लाभार्थी का विवरण
नाम Deepak Kumar Maurya पिता/पति का नाम Shiv Prasad Maurya
मोबइल नंबर(१) 9794282281 मोबइल नंबर(२)
आधार कार्ड न. ई-मेल myogimpsingh@gmail.com
पता Mohalla-Shivala Mahanth, Post-Putalighar, Mirzapur city District-Mirzapur, PIN Code-231001, Mobile number-9794282281
आवेदन पत्र का ब्यौरा
आवेदन पत्र का संक्षिप्त ब्यौरा Sir, there is evidence of payment of Rs.89330 to the shopkeeper but cash memo not made available by the shopkeeper which is setup practice in the district Mirzapur to pave the way of TAX evasion. In this practice shopkeeper is defaulter not applicant. महोदय, दुकानदार को 89330 रुपये के भुगतान का प्रमाण है लेकिन दुकानदार द्वारा कैश मेमो उपलब्ध नहीं कराया गया है जो कर चोरी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए जिला मिर्जापुर में स्थापित है इस प्रथा में दुकानदार डिफॉल्टर है आवेदन नहीं Whether applicant is demanding compensation through police from the erring shopkeeper? क्या आवेदक दोषी दुकानदार से पुलिस के माध्यम से मुआवजे की मांग कर रहा है? The job of the police is to curb illegal activities going on in the society but police prefers to be judge in such matters to allow sale of spurious cement in the market.पुलिस का काम समाज में चल रही अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना है लेकिन पुलिस ऐसे मामलों में जज बनना पसंद करती है ताकि बाजार में नकली सीमेंट की बिक्री हो सकेThis matter is bipolar. One of the poles is to curb illegal sale of spurious cement and the other pole is to compensate damages. Here police are safeguarding sellers of spurious cement. यह मामला बाइपोलर है। एक पोल नकली सीमेंट की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए और दूसरा पोल नुकसान की भरपाई के लिए है। यहां पुलिस नकली सीमेंट बेचने वाले की सुरक्षा कर रही है Police failed to pursue its duties to curb illegal sale of spurious cement counselling the applicant how to seek compensation? नकली सीमेंट की अवैध बिक्री को रोकने के लिए पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रही, आवेदक को परामर्श दिया गया कि मुआवजा कैसे मांगा जाए?श्री मान जी प्रार्थी द्वारा ८९३३० रुपये ऑनलाइन पेमेंट किया गया है जिसका प्रमाण प्रार्थी द्वारा कुमार संतोष चौकी प्रभारी नटवां को उपलब्ध कराया तथा व्हाट्स ऍप चैटिंग Mohammad Shahid , Proprietor H.S.S. Hardware,के साथ की है भुगतान के सम्बन्ध में जो प्रमाणित और सिद्ध करता है की प्रार्थी द्वारा अल्ट्राटेक सीमेंट मोहम्मद शाहिद की दूकान से खरीदा गया है प्रार्थी द्वारा मोहम्मद शाहिद से की गई बातचीत की वॉइस रिकॉर्डिंग इस बात की पुष्टि करता है की प्रार्थी द्वारा सीमेंट मोहम्मद शाहिद की दूकान से खरीदा गया है खुद कुमार संतोष चौकी प्रभारी नटवां गवाहों विनीत कुमार मौर्या और धीरज कुमार मौर्या के समक्ष यह बात कही है कि वाइस रिकॉर्डिंग न्यायालय में साक्ष्य के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है श्री मान जी प्रार्थी द्वारा ८९३३० रुपये ऑनलाइन पेमेंट किया गया है मोहम्मद शाहिद की दूकान में सीमेंट और सरिया बेचा जाता है किसी भी रशीद की कार्बन कॉपी या कॉपी खुद दुकानदार के अपने रिकॉर्ड में होनी चाहिए किन्तु कुमार संतोष चौकी प्रभारी नटवां न्यायाधीश की तरह यही बरगलाते रहे तुम्हारे पास रशीद नहीं है जब की दूकानदार के रिकॉर्ड को चेक करके सच्चाई जानने का प्रयास नहीं किया गया श्री मान जी दुकन द्वारा कोई रशीद दी ही नहीं जाती सच्चाई तो यह है किन्तु ईमानदार कुमार संतोष चौकी प्रभारी नटवां का ध्यान इस और गया ही नहीं सोचिये नकली सीमेंट बेचने वाला दुकानदार कभी रशीद देकर अपने आप को कानून के पचड़े में फसाये गा श्री मान जी क्या एक पुलिस जांच अधिकारी का कार्य सच्चाई के तह तक जाना है या अतार्किक बातो को उठा कर मामले का पटाक्षेप करना In conclusion, phone audio recording is admissible as evidence in Courts under section 65B of the Indian Evidence Act, 1872.However, the conversation bit recorded must be relevant to the case where the voice of the individual parties must be identifiable. अंत में, फोन ऑडियो रिकॉर्डिंग भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 65 बी के तहत न्यायालयों में साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य है हालांकि, रिकॉर्ड की गई बातचीत बिट उस मामले के लिए प्रासंगिक होनी चाहिए जहां व्यक्ति पार्टियों की आवाज पहचान
संदर्भ दिनांक 08-07-2022 पूर्व सन्दर्भ(यदि कोई है तो) 0,0
विभाग गृह एवं गोपन शिकायत श्रेणी पुलिस के विरूद्ध शिकायती प्रार्थना पत्र
लाभार्थी का विवरण/शिकायत क्षेत्र का
शिकायत क्षेत्र का पता जिला- मिर्ज़ापुर
Sir, there is evidence of payment of Rs.89330 to the shopkeeper but cash memo not made available by the shopkeeper which is setup practice in the district Mirzapur to pave the way of TAX evasion. In this practice shopkeeper is defaulter not applicant. महोदय, दुकानदार को 89330 रुपये के भुगतान का प्रमाण है लेकिन दुकानदार द्वारा कैश मेमो उपलब्ध नहीं कराया गया है जो कर चोरी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए जिला मिर्जापुर में स्थापित है इस प्रथा में दुकानदार डिफॉल्टर है आवेदक नहीं Whether applicant is demanding compensation through police from the erring shopkeeper? क्या आवेदक दोषी दुकानदार से पुलिस के माध्यम से मुआवजे की मांग कर रहा है?
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