संदर्भ संख्या : 40019922010769 , दिनांक - 06 Jun 2022 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019922010769
आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-It is quite obvious that polythene use has been curbed by the government on the large scale so that pollution may be controlled which has reached on its Zenith. Factual l position is that even road side shops are openly using the polythene even when customers are saying that I have bag but they are providing articles in the polythene bags. Whether it is not mockery of the government of Uttar Pradesh which is claiming on the print and electronic media that it has banned polythene use but the factual position is that parks and roads are full of polythene. Plastic bags have become a threat to the life of animals living on earth as well as in water. Chemicals released by waste plastic bags enter the soil and make it infertile. Plastic bags are having a negative impact on human health. Plastic bags lead to the drainage problem. Govt bans manufacture, sale and use of identified single-use plastic items from July 1, 2022 The government has banned the manufacture, sale and use of identified single-use plastic items like plates, cups, straws, trays, and polystyrene from Jul 1, 2022 5 वर्ष पहले प्रतिदिन हो रहा है 15 लाख रुपए के पॉलिथीन का उपयोग राज्यसरकार ने पॉलीथिन पर रोक लगा दी है, लेकिन जिला प्रशासन ने अभी तक इस पर बैन नहीं लगाया है। लिहाजा जिले में बेरोकटोक पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। राज्य सरकार की कैबिनेट ने राज्य काे पूर्णतः प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित करने के लिए आदेश निकाल दिया है। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रस्ताव के अनुरूप प्लास्टिक थैला के निर्माण, आयात, भंडारण, परिवहन, विक्रय एवं उपयोग को पूरे झारखंड राज्य में प्रतिबंधित करने को कहा गया है। इसमें खाद्य सामग्री, दूध, दूध उत्पाद की पैकेजिंग एवं नर्सरी के उन्नत पौधों के लिए प्रयुक्त कंटेनर्स को प्लास्टिक कैरी बैग नहीं माना गया है। इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान भी है। इसके बाद भी यहां अभी तक इस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। शहर के बाजारों में खुलेआम पॉलीथिन का उपयोग दुकानदार और आमलोग कर रहे हैं।
विभाग -शिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-28-05-2022शिकायत की स्थिति-
स्तर -जनपद स्तरपद -जिलाधिकारी
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश दिनांक आदेश आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति आपत्ति देखे संलगनक
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 18-05-2022 जिलाधिकारी-मिर्ज़ापुर, 27-05-2022 आख्या अपलोड है निस्तारित
संदर्भ संख्या : 40018822018728 , दिनांक - 06 Jun 2022 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40018822018728
आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-It is quite obvious that polythene use has been curbed by the government on the large scale so that pollution may be controlled which has reached on its Zenith. Factual l position is that even road side shops are openly using the polythene even when customers are saying that I have bag but they are providing articles in the polythene bags. Whether it is not mockery of the government of Uttar Pradesh which is claiming on the print and electronic media that it has banned polythene use but the factual position is that parks and roads are full of polythene. Plastic bags have become a threat to the life of animals living on earth as well as in water. Chemicals released by waste plastic bags enter the soil and make it infertile. Plastic bags are having a negative impact on human health. Plastic bags lead to the drainage problem. Govt bans manufacture, sale and use of identified single-use plastic items from July 1, 2022 The government has banned the manufacture, sale and use of identified single-use plastic items like plates, cups, straws, trays, and polystyrene from Jul 1, 2022 5 वर्ष पहले प्रतिदिन हो रहा है 15 लाख रुपए के पॉलिथीन का उपयोग राज्यसरकार ने पॉलीथिन पर रोक लगा दी है, लेकिन जिला प्रशासन ने अभी तक इस पर बैन नहीं लगाया है। लिहाजा जिले में बेरोकटोक पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। राज्य सरकार की कैबिनेट ने राज्य काे पूर्णतः प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित करने के लिए आदेश निकाल दिया है। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रस्ताव के अनुरूप प्लास्टिक थैला के निर्माण, आयात, भंडारण, परिवहन, विक्रय एवं उपयोग को पूरे झारखंड राज्य में प्रतिबंधित करने को कहा गया है। इसमें खाद्य सामग्री, दूध, दूध उत्पाद की पैकेजिंग एवं नर्सरी के उन्नत पौधों के लिए प्रयुक्त कंटेनर्स को प्लास्टिक कैरी बैग नहीं माना गया है। इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान भी है। इसके बाद भी यहां अभी तक इस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। शहर के बाजारों में खुलेआम पॉलीथिन का उपयोग दुकानदार और आमलोग कर रहे हैं।
विभाग -शिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-28-05-2022शिकायत की स्थिति-
स्तर -जनपद स्तरपद -जिलाधिकारी
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश दिनांक आदेश आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति आपत्ति देखे संलगनक
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 18-05-2022 जिलाधिकारी-गोरखपुर, 31-05-2022 महोदय प्रकरण का संबंध जनपद गोरखपुर से नहीं है | निस्तारित
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Published at : 15 Jul 2018 09:31 AM (IST)
ReplyDeleteNew Delhi: After Maharashtra, now UP government has implemented a stringent ban on the use of polythene bags and items of common use made of plastic in the entire state from Sunday. The Yogi government will soon be coming up with an enactment to prevent the use of plastic which are less than 50 microns. A fine up to Rs. 50,000 can be charged from the defaulters.