संदर्भ संख्या : 40015719066291
, दिनांक – 25 Oct 2019 तक की स्थिति
, दिनांक – 25 Oct 2019 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:–40015719066291
आवेदक का नाम—Yogi
M. P. Singh
M. P. Singh
विषय–
श्री
मान जी आप द्वारा आख्या संख्या २०६ २०१९ जनसुनवाई पोर्टल उत्तर प्रदेश पर लगाया गया है जिसके अनुसार आपने
सिर्फ भूखंड संख्या एस एस १९१४, १९१५ और १९१६
सेक्टर एच , कानपुर रोड योजना के सम्बन्ध में मूल दस्तावेज तलब किये
है किन्तु प्राथी द्वारा पांच प्लाट अपने नजदीकी रिश्तेदारो के नाम खरीद कर एक मकान बनाने की शिकायत की गयी है जैसा की पुलिस की रिपोर्ट से स्पस्ट है | अब प्रार्थी आराधना सिंह
उर्फ गुड्डी की माँ श्री मती बीना पत्नी श्री
नेत्र पाल सिंह भूखंड संख्या एस एस १९१७ और उनका भाई अजय कुमार पुत्र ब्रिज राज सिंह
भूखण्ड संख्या एस एस १९१८ सेक्टर एच का भी संज्ञान लीजिए इन दोनों लोगो से भी मूल दस्तावेज तलब किये जाय क्यों की इन पांच प्लाटों की एक मालकिन है जैसा
की पुलिस की रिपोर्ट से स्पस्ट है | इस घोटाले को हम आगे और बेपर्दा करेंगे | सम्बंधित दस्तावेज संलग्न है | महोदय ब्यथा निवारण का सम्बन्ध जिस तरह से ब्यथा से मुक्ति होता है उसी तरह हर शिकायत का उद्देश्य होता है लक्ष्य हासिल करना
और यदि लक्ष्य नहीं हासिल नहीं हुआ तो शिकायत का कोई मतलब नहीं
रहा और पत्र लिखना और मूल प्रति मांगना उस दिशा
में पहल मात्र है | अभी तो वे लोग मूल प्रति देने
में ही आना कानी करेंगे | आवेदन का विवरण शिकायत संख्या 40015719059911
आवेदक कर्ता का नाम Yogi M P Singh विषयमहोदय पुलिस से ज्यादा यह मामला लखनऊ विकास प्राधिकरण के भ्रस्टाचार से सम्बंधित है किस तरह से एक एक लोगो ने पांच पांच छह छह प्लाट लेकर
सरकारी खजाने को लखनऊ
विकास प्राधिकरण के कर्मचारिओं से साठ गाठ करके चूना लगाया है वह चौकाने वाला
है और महत्वपूर्ण है की इतना बड़ा घोटाला सरकार की एजेंसिआ पूर्ण रूप से असफल रही पकड़ने में | श्री मान जी मामले की जांच
कराके दोषिओं को दण्डित किया जाए और सरकारी धन की रिकवरी कराई
जाय | सोचिये एक गरीब आदमी
पांच प्लाट खरीद कर एक मकान बनाएगा जो की पूर्ण रूप से अबैध और अप्राकृतिक है किन्तु लखनऊ विकास प्राधिकरण में व्याप्त भ्रस्टाचार से ऐसा संभव हो रहा है | नई सरकार की कथनी और करनी में यदि थोड़ा
भी सामंजस्य है तो प्राथी कार्यवाही की अपेक्षा करता है |
मान जी आप द्वारा आख्या संख्या २०६ २०१९ जनसुनवाई पोर्टल उत्तर प्रदेश पर लगाया गया है जिसके अनुसार आपने
सिर्फ भूखंड संख्या एस एस १९१४, १९१५ और १९१६
सेक्टर एच , कानपुर रोड योजना के सम्बन्ध में मूल दस्तावेज तलब किये
है किन्तु प्राथी द्वारा पांच प्लाट अपने नजदीकी रिश्तेदारो के नाम खरीद कर एक मकान बनाने की शिकायत की गयी है जैसा की पुलिस की रिपोर्ट से स्पस्ट है | अब प्रार्थी आराधना सिंह
उर्फ गुड्डी की माँ श्री मती बीना पत्नी श्री
नेत्र पाल सिंह भूखंड संख्या एस एस १९१७ और उनका भाई अजय कुमार पुत्र ब्रिज राज सिंह
भूखण्ड संख्या एस एस १९१८ सेक्टर एच का भी संज्ञान लीजिए इन दोनों लोगो से भी मूल दस्तावेज तलब किये जाय क्यों की इन पांच प्लाटों की एक मालकिन है जैसा
की पुलिस की रिपोर्ट से स्पस्ट है | इस घोटाले को हम आगे और बेपर्दा करेंगे | सम्बंधित दस्तावेज संलग्न है | महोदय ब्यथा निवारण का सम्बन्ध जिस तरह से ब्यथा से मुक्ति होता है उसी तरह हर शिकायत का उद्देश्य होता है लक्ष्य हासिल करना
और यदि लक्ष्य नहीं हासिल नहीं हुआ तो शिकायत का कोई मतलब नहीं
रहा और पत्र लिखना और मूल प्रति मांगना उस दिशा
में पहल मात्र है | अभी तो वे लोग मूल प्रति देने
में ही आना कानी करेंगे | आवेदन का विवरण शिकायत संख्या 40015719059911
आवेदक कर्ता का नाम Yogi M P Singh विषयमहोदय पुलिस से ज्यादा यह मामला लखनऊ विकास प्राधिकरण के भ्रस्टाचार से सम्बंधित है किस तरह से एक एक लोगो ने पांच पांच छह छह प्लाट लेकर
सरकारी खजाने को लखनऊ
विकास प्राधिकरण के कर्मचारिओं से साठ गाठ करके चूना लगाया है वह चौकाने वाला
है और महत्वपूर्ण है की इतना बड़ा घोटाला सरकार की एजेंसिआ पूर्ण रूप से असफल रही पकड़ने में | श्री मान जी मामले की जांच
कराके दोषिओं को दण्डित किया जाए और सरकारी धन की रिकवरी कराई
जाय | सोचिये एक गरीब आदमी
पांच प्लाट खरीद कर एक मकान बनाएगा जो की पूर्ण रूप से अबैध और अप्राकृतिक है किन्तु लखनऊ विकास प्राधिकरण में व्याप्त भ्रस्टाचार से ऐसा संभव हो रहा है | नई सरकार की कथनी और करनी में यदि थोड़ा
भी सामंजस्य है तो प्राथी कार्यवाही की अपेक्षा करता है |
विभाग –
उ.प्र. आवास एवं विकास परिषद
शिकायत श्रेणी –नियोजित तारीख—13-10-2019
शिकायत की स्थिति–स्तर –मण्डल स्तर पद –अधीक्षण अभियंता
Reminder-Feedback – फीडबैक की स्थिति –
नोट– अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स.
|
सन्दर्भ का प्रकार
|
आदेश देने वाले अधिकारी
|
आदेश/आपत्ति दिनांक
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आदेश/आपत्ति
|
आख्या देने वाले अधिकारी
|
आख्या दिनांक
|
आख्या
|
स्थिति
|
संलगनक
|
1
|
अंतरित
|
ऑनलाइन
सन्दर्भ |
28-09-2019
|
—
|
अधीक्षण अभियंतामण्डल –लखनऊ,उ.प्र. आवास एवं विकास परिषद
|
24-10-2019
|
अनुमोदित
|
निस्तारित
|
|
2
|
अंतरित
|
अधीक्षण अभियंता (उ.प्र. आवास एवं विकास परिषद )
|
30-09-2019
|
कृपया
प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही करने का कष्ट करें |
उपाध्यक्ष –विकास प्राधिकरण
|
24-10-2019
|
PLEASE SEE THE ATTACHMENT .
|
निस्तारित
|
|
श्री मान जी आप द्वारा आख्या संख्या २०६ २०१९ जनसुनवाई पोर्टल उत्तर प्रदेश पर लगाया गया है जिसके अनुसार आपने सिर्फ भूखंड संख्या एस एस १९१४, १९१५ और १९१६ सेक्टर एच , कानपुर रोड योजना के सम्बन्ध में मूल दस्तावेज तलब किये है किन्तु प्राथी द्वारा पांच प्लाट अपने नजदीकी रिश्तेदारो के नाम खरीद कर एक मकान बनाने की शिकायत की गयी है जैसा की पुलिस की रिपोर्ट से स्पस्ट है | अब प्रार्थी आराधना सिंह उर्फ गुड्डी की माँ श्री मती बीना पत्नी श्री नेत्र पाल सिंह भूखंड संख्या एस एस १९१७ और उनका भाई अजय कुमार पुत्र ब्रिज राज सिंह भूखण्ड संख्या एस एस १९१८ सेक्टर एच का भी संज्ञान लीजिए इन दोनों लोगो से भी मूल दस्तावेज तलब किये जाय क्यों की इन पांच प्लाटों की एक मालकिन है जैसा की पुलिस की रिपोर्ट से स्पस्ट है | इस घोटाले को हम आगे और बेपर्दा करेंगे |
Think about the gravity of the situation that scheme of the government meant to weaker and downtrodden section is reaching to them instead these funds and assistance are filling the pockets of the corrupt public functionaries through various ways.If we consider the contents of the post then it is quite obvious that the lady purchased the five plots by providing manipulated records is itself revealing rampant corruption in the government machinery.
Undoubtedly matter is concerned with the deep rooted corruption but it is unfortunate that confirmed public functionaries are avoiding the matter by procrastinating on it and representations of the whistleblower or public spirited person who is making representations before the accountable public functionaries and on the August portal jansunwai of the Government of Uttar Pradesh but it is unfortunate concerned public functionaries are making excuses in reaching the conclusive stage in the representations. Here this question arises that how the five plots of the land was allotted to the relatives of the cunning lady even when the government scheme was meant to weaker and downtrodden section which means concerned staffs colluded with the lady and allotted the land arbitrarily by taking the bribe in the matter and made the mockery of the law of land. Where is the equity for Social Justice and why concerned public functionaries are not ensuring Social Justice in our society quite obvious.