Additional secretary Gyanendra Varma of LDA is procrastinating

 



संदर्भ संख्या : 60000230078080 , दिनांक - 04 May 2023 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-60000230078080

आवेदक का नाम-Yogi M. P. Singh

विषय-महोदय यहा पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार है आप द्वारा हर शिकायत में एक ही आख्या दोहराई जा रही है जो किसी भी तरह से उचित नहीं है महोदय अक्षरसह सत्य है न्यूज़पेपर और मीडिया के माध्यम से अर्थात प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से यह मालूम होता है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है किंतु प्रार्थी द्वारा अब खुद अपनी आंखों से इस भ्रष्टाचार को देखा जा रहा है सोचिए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को आप द्वारा ठं डे बस्ते में डाल दिया गया मनमाने तरीके से भूखंडों का आवंटन किया गया दलित जाति के लिए जो भूखंड आवंटित है उनको आप द्वारा सवर्णों को दिया गया और आज जब जांच की बात हो रही है तो आप द्वारा भिन्न-भिन्न तरह से बहाने बनाए जा रहे हैं जो किसी भी तरह से उचित नहीं है आप द्वारा पारदर्शी तरीके से कार्य करना चाहिए था तथा जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए थी किंतु जिसका भ्रष्टाचार ही कार्यशैली का हिस्सा हो ऐसे लोगों से ईमानदारी की अपेक्षा करना बहुत बड़ी मूर्खता है सोचिए सरकार से मोटी रकम तनख्वाह के रूप में मिलती है इसके बावजूद भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना कहां तक उचित है आज इस भ्रष्टाचार के कारण लोगों की गाढ़ी कमाई लूटी जा रही है गवर्नमेंट के विकास प्राधिकरण और एक रियल स्टेट बिजनेसमैन जो कि गरीबों को लूटता है भिन्न-भिन्न लालच देकर उस में और आप में क्या अंतर है यह सच है कि भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और यह भ्रष्टाचार योगी और मोदी के शासनकाल में हैं जब योगी जैसे ईमानदार मुख्यमंत्री इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में असमर्थ हैं 

The matter concerns deep-rooted corruption and the date when the committee formed more than one and half years passed but they are only procrastinating on the matter of serious allegations of corruption. The committee only seeks the document but never takes action in the matter because of corruption. Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2022/0332338 Grievance Concerns To Name Of Complainant Yogi M P Singh Date of Receipt 16/12/2022 Received By Ministry/Department Prime Ministers OfficeIf High court ordered to decide the title suit, why Lucknow development authority executed the registry without deciding the title suit? It is a bitter truth that our system has been insensitive because of the rampant corruption. An application on behalf of Dinesh Pratap Singh S/O Angad Prasad Singh under Article 51 A of the constitution of India. Lucknow development authority, lower court Lucknow and Lucknow police took under their teeth the order passed by the Lucknow bench of the high court of judicature at Allahabad. I pray before the Honourable Sir order dated 07-03-2006 passed by Justice B.B. Agarwal of Lucknow bench of the High court of judicature at Allahabad It is simply ordered that the respondent number 4 to 7 shall open the lock of the staircase so that Smt Anuradha Singh the petitioner may come out of the house and take the proper and appropriate remedy in the competent court and after that, she may have the liberty to go anywhere. 

Respondent 1. Dept. of home

 2-Police commissioner Lucknow 

3-SHO police station -Ashiana, 

Moreover, Honourable Justice in its order said that the raised matter is civil and amenable by filing a title suit before the court or authority. It is most surprising that the subordinate court is running away from taking perusal of order dated 07-03-2006 passed by Justice B.B. Agarwal of Lucknow bench of the High court of judicature at Allahabad and office monitoring body running away from transparency and accountability ipso facto. Whether Lucknow development authority will disclose this fact that which court of law provided the civil remedy in the matter and decided the title suit between the Anuradha Singh and Dinesh Pratap Singh if not done so on what basis registry was carried out without taking the reference of the high court order which was mandatory for the Lucknow development authority to comply with the order passed by the highest court of law in the state of Uttar Pradesh. Lucknow Development Authority again overlooked the matter of deep-rooted corruption quite obvious from its report submitted on PG Portal.

Department -आवास एवं शहरी नियोजनComplaint Category -

नियोजित तारीख-05-05-2023शिकायत की स्थिति-

Level -शासन स्तरPost -अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी अग्रसारित दिनांक आदेश आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति आपत्ति देखे संलगनक

1 अंतरित लोक शिकायत अनुभाग - 1(, मुख्यमंत्री कार्यालय ) 20-04-2023 कृपया शीघ्र नियमानुसार कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गई है। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव -आवास एवं शहरी नियोजन 02-05-2023 अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित निक्षेपित

2 अंतरित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव (आवास एवं शहरी नियोजन ) 21-04-2023 आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें एवं आख्या प्रेषित करें उपाध्यक्ष -विकास प्राधिकरण 02-05-2023 Please see the attachment निस्तारित

To see the attached document to the grievance, click on the link

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