Lucknow Development Authority has crossed the entire limit of corruption, neither they regard high court order nor they respect rules of law
संदर्भ संख्या : 40015723015655 , दिनांक - 17 Mar 2023 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40015723015655
आवेदक का नाम-Yogi M P Singh
विषय-I think that members of the committee nominated by the competent person do not know the powers vested to the enquiry committee which is the root cause of the problem that this matter concerning deep-rooted corruption in the working of Lucknow development authority is pending since long time. Now the time has come when the Lucknow development authority may hold the property provided to the party so that they may follow the request of the committee appointed to check the corruption in the working of the authority in the allotment of the public plots and the non compliance of the high court order in the execution of the registry of the plots. Vice chairman Lucknow development authority must think about it that following communications are being exchanged for 7 years. According to you, parties are not providing documents to verify. You never go in the contents of the grievance and never touch the merits of the grievance. Repeated applications have been submitted by the applicant under sub section 1 of section 6 of The right to information act 2005 but you never think it fit to entertain the RTI applications. It is dead sure that the matter consist the deep rotate corruption in the working of the Lucknow development authority and it is quite obvious that concerned staff of the Lucknow development authority are shielding the corrupt elements of the authority. लखनऊ विकास प्राधिकरण, लखनऊ। कार्यालय-सम्पत्ति अनुभाग शारदा नगर कानपुर रोड योजना पत्रांक संख्या- दिनांक 03022023 आई०जी०आर०एस० सन्दर्भ संख्या- आख्या की दिनांक 60000220231629 दिनांक 16.12.2022 शिकायतकर्ता का विवरण नाम श्री योगी एम0पी0 सिंह मोबाइल नम्बर 7389105911 क्या शिकायतकर्ता से वार्ता की गई? हाँ अथवा नहीं हाँ | क्या शिकायतकर्ता जाँच आख्या से संतुष्ट है? हाँ अथवा नहीं क्या शिकायत का भौतिक सत्यापन कराया गया ? हाँ अथवा नहीं नहीं दो गवाह यदि आवश्यक हो प्रथम गवाह नाम- प्रथम गवाह मोबाइल नम्बर- द्वितीय गवाह नाम- प्रथम गवाह पता- द्वितीय गवाह मोबाइल नम्बर- द्वितीय गवाह पता- जाँचकर्ता अधिकारी का विवरण पद नाम अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा मोबाइल नम्बर 9918001927 अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही की बिन्दुवार आख्या उक्त आई०जी०आर०एस० सन्दर्भ संख्या - 60000220231629 दिनांक 16.12.2022 कानपुर रोड योजना के अन्तर्गत भूखण्ड संख्या- एस0एस0-1914 1915 1916 1917 एवं 1918 के अनियमित आवंटन निबन्धन से सम्बन्धित है। उक्त के सम्बन्ध में सूचित करना है कि प्रश्नगत प्रकरण में समिति गठित करते हुए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। समिति के निर्देशानुसार स्थलीय आख्या प्राप्त करते हुए सम्बन्धित भूखण्डों के आवंटियों एवं शिकायतकर्ता को अभिलेखों साक्ष्यों सहित कार्यालय में उपस्थित होने हेतु पत्र प्रेषित किये गये हैं तथा दूरभाष पर भी वार्ता की गयी है। दोनों पक्षों द्वारा वांछित अभिलेखों साक्ष्यों सहित कार्यालय में उपस्थित होने के पश्चात अभिलेखों साक्ष्यों के परीक्षणोपरान्त नियमानुसार कार्यवाही सम्भव है। उक्त के सम्बन्ध में आपको पूर्व में विभिन्न कार्यालय पत्रों के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है। ज्ञानेन्द्र वर्मा अपर सचिव Grievance Status for registration number GOVUPE20230010783 Grievance Concerns To Name Of Complainant Yogi M. P. Singh Date of Receipt 13022023 Received By MinistryDepartment Uttar Pradesh Grievance Description The matter concerns deep-rooted corruption and the date when the committee formed more than one and half years passed but they are only procrastinating on the matter of serious allegations of corruption. The committee only seeks the document but never takes action in the matter because of corruption. Grievance Status for
विभाग -विकास प्राधिकरणशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-22-03-2023शिकायत की स्थिति-
स्तर -विकास प्राधिकरणपद -उपाध्यक्ष
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक17-03-2023 को फीडबैक:-महोदय यहा पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार है आप द्वारा हर शिकायत में एक ही आख्या दोहराई जा रही है जो किसी भी तरह से उचित नहीं है महोदय अक्षरसह सत्य है न्यूज़पेपर और मीडिया के माध्यम से अर्थात प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से यह मालूम होता है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है किंतु प्रार्थी द्वारा अब खुद अपनी आंखों से इस भ्रष्टाचार को देखा जा रहा है सोचिए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को आप द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया मनमाने तरीके से भूखंडों का आवंटन किया गया दलित जाति के लिए जो भूखंड आवंटित है उनको आप द्वारा सवर्णों को दिया गया और आज जब जांच की बात हो रही है तो आप द्वारा भिन्न-भिन्न तरह से बहाने बनाए जा रहे हैं जो किसी भी तरह से उचित नहीं है आप द्वारा पारदर्शी तरीके से कार्य करना चाहिए था तथा जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए थी किंतु जिसका भ्रष्टाचार ही कार्यशैली का हिस्सा हो ऐसे लोगों से ईमानदारी की अपेक्षा करना बहुत बड़ी मूर्खता है सोचिए सरकार से मोटी रकम तनख्वाह के रूप में मिलती है इसके बावजूद भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना कहां तक उचित है आज इस भ्रष्टाचार के कारण लोगों की गाढ़ी कमाई लूटी जा रही है गवर्नमेंट के विकास प्राधिकरण और एक रियल स्टेट बिजनेसमैन जो कि गरीबों को लूटता है भिन्न-भिन्न लालच देकर उस में और आप में क्या अंतर है यह सच है कि भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और यह भ्रष्टाचार योगी और मोदी के शासनकाल में हैं जब योगी जैसे ईमानदार मुख्यमंत्री इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में असमर्थ हैं तो किस से यह अपेक्षा की जा सकती है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में हो रहे भ्रष्टाचार पर कोई मुख्यमंत्री अंकुश लगा पाएगा ऐसा लगता है कि यह विभाग है जो मुख्यमंत्री कार्यालय के नीचे बैठकर भ्रष्टाचार को पुष्पित पल्लवित कर रहा है यह भ्रष्टाचार हमारे देश को कमजोर कर रहा है और हमारे प्रदेश को गर्त में ले जा रहा है कृपया इस भ्रष्टाचार को रोके क्या योगी सरकार में कोई ऐसा ईमानदार अधिकारी नहीं है जो निष्पक्षता पूर्वक जांच करके इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएं जिसमें हजारों लोगों की संपत्ति दांव पर लगी हुई है सभी लोग परेशान हैं और शिकायत कर रहे हैं किंतु उनके शिकायत का जवाब या तो उन लोगों को कभी आप पीट देते हैं यह उनकी बात सुनते ही नहीं है या उटपटांग जवाब देकर मामले को बंद कर देते हैं इस तरह की कार्यशैली बहुत ही कष्ट दायक है सभी नागरिकों के जीने लायक यह समाज नहीं रह गया है सिर्फ लखनऊ विकास प्राधिकरण और अन्य विभागों के भ्रष्टाचार के कारण सामान्य जनता एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर में भटक रही है कोई भी सुनने वाला नहीं है अरे कम से कम कुछ तो ऐसा करिए जिससे लोग बड़ाई करें यह कार्य शैली किसी भी तरह से उचित नहीं है क्या इस प्रदेश में ईमानदारी की इतनी कमी है कि कोई भी मुख्यमंत्री ऐसा नहीं हो सकता जो प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोक सके हमारा सबसे बड़ा शत्रु या भ्रष्टाचार रूपी दानव ही है इस भ्रष्टाचार रूपी दानव पर जो अंकुश लगाए वही हमारा मसीहा है हम तो कहते हैं कि इन भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल में डाल देना चाहिए लेकिन कोई भी ऐसा मुख्यमंत्री नहीं हुआ जो सख्ती से इन भ्रष्टाचारियों से निपटे सभी लोग सिर्फ प्रिंट और मीडिया के माध्यम से ईमानदार बनने का प्रयास करते हैं और यही हालत हमारे भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी की भी है सोचिए कभी यह भारत देश सोने की चिड़िया थी आज वह चिड़िया खत्म हो गई कुछ लोग समस्त संपत्ति के मालिक बन बैठे ऐसे में देश कहां जाएगा क्या यह देश कुछ लोगों का है जो अपने मनमाने तरीके से इस देश के संविधान को रौद रहे हैं चारों तरफ भ्रष्टाचार बढ़ा रहे हैं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना चाहिए लेकिन बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे सोचिए हर कोई अपने आप को कहता है कि वह ईमानदार है और कोई भी काम बिना बेईमानी के नहीं होता ऐसे में सिस्टम में कितनी पारदर्शिता और जवाबदेही है कोई भी अंदाजा लगा सकता है भ्रष्टाचार को पल्लवित और पुष्पित करने से पहले कम से कम अपनी अंतरात्मा में झांक कर देखिए क्या ईश्वर ने आपको इस पृथ्वी पर इसीलिए भेजा है आप इस भ्रष्टाचार पर कोई कार्यवाही करने भागते रहे
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी अग्रसारित दिनांक आदेश आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति आपत्ति देखे संलगनक
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 07-03-2023 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण 17-03-2023 PLEASE SEE THE ATTACHMENT निस्तारित
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