U.P. government is not providing compensation to farmers whose crops burnt during covid period by passing office memo through UPPCL
Grievance Status for registration number : GOVUP/E/2022/101263
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Yogi M. P. Singh
Date of Receipt
23/12/2022
Received By Ministry/Department
Uttar Pradesh
Grievance Description
कोरोनावायरस के समय की किसानो की विद्युत दुर्घटना की छति पूर्ति उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा भ्र्ष्टाचार पूर्ण तरीके से बाधित करना और हजम करना और उनका मनमाना रवैया
Circular letter number-2828 dated -25 September 2021 office memo of Uttar Pradesh Power corporation limited is attached as page 2 of the attached PDF document.
श्रीमान जी अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय मिर्जापुर एके सिंह उपरोक्त कार्यालय मेमो के आधार पर प्रार्थी दयानंद सिंह पुत्र शोभनाथ सिंह का छतिपूर्ति नहीं देना चाहते हैं
श्रीमान जी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड का उपरोक्त मेमो की तिथि 25 सितंबर 2021 है जबकि फसल जलने की तिथि 18 अप्रैल 2021 है और लेखपाल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट दिनांक 15 जून 2021 है जिसको कानूनगो द्वारा अग्रसारित किया गया है 19 जून 2021 को अर्थात श्रीमान जी जिस सर्कुलर की बात की जा रही है वह बाद की तिथि का है
श्रीमान जी क्या उपरोक्त मेमो को आधार बनाकर अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय श्रीमान एके सिंह द्वारा प्रार्थी दयानंद सिंह का क्षतिपूर्ति रोकना, मनमाना अवैध असंवैधानिक और तानाशाही प्रवृत्ति को नहीं दर्शाता क्या भ्रष्टाचार का कोई दूसरा उदाहरण होगा इनको जब हम भ्रष्टाचारी कहते हैं तो ए छन छना पङते हैं किंतु सच्चाई तो यह है कि यह किसी भी बात पर सही ढंग से जा ही नहीं रहे इनकी हर कार्यशैली भ्रष्टाचार से परिपूर्ण है इनको यह स्पष्ट करना चाहिए कि सितंबर और अप्रैल महीने के बीच कई महीने आते हैं और यदि यह क्षतिपूर्ति दे दी गई होती तो इस परिपत्र का आधार ही ना बनता है जिस परिपत्र के आधार पर क्षतिपूर्ति रोक रहे हैं
श्रीमान जी यह प्रकरण उस समय का है जब कोरोनावायरस अपने चरम पर था सभी अपने घरों में रहने के लिए वाध्य थे और लोगों के बाहर निकालने पर पाबंदी थी हर जगह पुलिस पेट्रोलिंग हो रही थी ऑफिसों में कम से कम कर्मचारी आ रहे थे और यह रिपोर्ट खुद तहसीलदार महोदय द्वारा प्रस्तुत की गई है उस समय योगी आदित्यनाथ की व्यवस्था के अनुसार गांव में खुद ग्राम विकास अधिकारी हर वक्त मौजूद रहते थे जो भी घटना होती थी वही सूचना देते थे और उसी के आधार पर लेखपाल द्वारा यह रिपोर्ट लगाई गई है यही इस प्रकरण का कठोर सत्य है किंतु भ्रष्टाचार के कारण उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा क्षतिपूर्ति ना देने के लिए वह मनमाना परिपत्र
I again repeat it to say that if someone is honest, he may not be honest unless honesty must reflect in his working style. The applicant is an anti-corruption crusader his sole motive is to reform the system. Still, the executive Engineer electricity distribution division second is running away from the core issue. The Executive Engineer is so honest that he does not entertain a single application submitted under the right to information act 2005.
Sir, will the Executive Engineer tell the applicant how Dayanand Singh can get those records rectified which he has not sent to Executive Engineer Electricity Distribution Division II, all those records sent by Tehsil Sadar to the Executive Engineer Electricity Distribution Division II . Sir, if those documents are not according to the rules, then according to the rules, the Executive Engineer, Electricity Distribution division II, should return all those documents to Tehsil Sadar and send a copy of it to the applicant, i.e. send it to Dayanand Singh son of Sobhnath Singh, so that further action could be taken. May be Sir, if the report submitted by Tehsil Sadar is incorrect, then its correction will also be done by Tehsil Sadar only and not by the applicant. Sir, if the Executive Engineer is really honest, then tell what he was doing for one and a half years, what is the reason for this delay, but he will not tell all this. Mr. Executive Engineer must also tell the applicant why he invited Dayanand Singh son of Shobhnath Singh to correct the report submitted by Tehsildar Sadar. Sir, is it the working style of Executive Engineer Electricity Distribution Division II full of mystery if they do not explain everything in a transparent manner then the allegations are automatically proved. The allegation of the applicant is based on the working style of Executive Engineer Electricity Distribution Section II, he should improve his working style.
Grievance Document
Current Status
Case closed
Date of Action
19/01/2023
Remarks
अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित Complaint no 60000230004138 is disposed
Reply Document
Rating
1
Poor
Rating Remarks
Circular letter number-2828 dated -25 September 2021 office memo श्रीमान जी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड का उपरोक्त मेमो की तिथि 25 सितंबर 2021 है जबकि फसल जलने की तिथि 18 अप्रैल 2021 है और लेखपाल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट दिनांक 15 जून 2021 है जिसको कानूनगो द्वारा अग्रसारित किया गया है 19 जून 2021 को अर्थात श्रीमान जी जिस सर्कुलर की बात की जा रही है वह बाद की तिथि का है श्रीमान जी क्या उपरोक्त मेमो को आधार बनाकर अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय श्रीमान एके सिंह द्वारा प्रार्थी दयानंद सिंह का क्षतिपूर्ति रोकना, मनमाना अवैध असंवैधानिक और तानाशाही प्रवृत्ति को नहीं दर्शाता क्या भ्रष्टाचार का कोई दूसरा उदाहरण होगा इनको जब हम भ्रष्टाचारी कहते हैं तो ए छन छना पङते हैं किंतु सच्चाई तो यह है कि यह किसी भी बात पर सही ढंग से जा ही नहीं रहे इनकी हर कार्यशैली भ्रष्टाचार से परिपूर्ण है इनको यह स्पष्ट करना चाहिए कि सितंबर और अप्रैल महीने के बीच कई महीने आते हैं और यदि यह क्षतिपूर्ति दे दी गई होती तो इस परिपत्र का आधार ही ना बनता है जिस परिपत्र के आधार पर क्षतिपूर्ति रोक रहे हैं
Officer Concerns To
Officer Name
Shri Bhaskar Pandey (Joint Secretary)
Organisation name
Government of Uttar Pradesh
Contact Address
Chief Minister Secretariat , Room No. 321, U.P. Secretariat, Lucknow
Email Address
bhaskar.12214@gov.in
Contact Number
05222226350
Reminder(s) / Clarification(s)
Reminder Date
Remarks
23/12/2022
श्रीमान जी यह प्रकरण उस समय का है जब कोरोनावायरस अपने चरम पर था सभी अपने घरों में रहने के लिए वाध्य थे और लोगों के बाहर निकालने पर पाबंदी थी हर जगह पुलिस पेट्रोलिंग हो रही थी ऑफिसों में कम से कम कर्मचारी आ रहे थे और यह रिपोर्ट खुद तहसीलदार महोदय द्वारा प्रस्तुत की गई है उस समय योगी आदित्यनाथ की व्यवस्था के अनुसार गांव में खुद ग्राम विकास अधिकारी हर वक्त मौजूद रहते थे जो भी घटना होती थी वही सूचना देते थे और उसी के आधार पर लेखपाल द्वारा यह रिपोर्ट लगाई गई है यही इस प्रकरण का कठोर सत्य है किंतु भ्रष्टाचार के कारण उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा क्षतिपूर्ति ना देने के लिए वह मनमाना परिपत्र बाद में लाया गया जिससे कि दयानंद सिंह की क्षतिपूर्ति को रोका जा सके श्रीमान जी सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड में कितना ज्यादा भ्रष्टाचार है उसके अधिकारी और कर्मचारी कितने भ्रष्ट हैं जिलाधिकारी महोदय इस बात को संज्ञान में लें और मामले में एक उच्चस्तरीय जांच कराएं तथा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के भ्रष्ट अधिकारियों को दंडित किया जाए जिलाधिकारी महोदय यह घटना सिर्फ नमूना मात्र है ऐसी कई घटनाएं हैं
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