Circular letter number-2828 dated -25 September 2021 office memo of U.P.P.C.L. deprived farmers of compensation
संदर्भ संख्या : 40019923001365 , दिनांक - 27 Jan 2023 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019923001365
आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-Circular letter number-2828 dated -25 September 2021 office memo of Uttar Pradesh Power corporation limited. How could Executive Engineer Electricity distribution division second do retrospection of the aforementioned office memo? This office memo was applied to curb the compensation of farmers whose crops where burnt due to short circuit during the Covid period. श्रीमान जी अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय मिर्जापुर एके सिंह उपरोक्त कार्यालय मेमो के आधार पर प्रार्थी दयानंद सिंह पुत्र शोभनाथ सिंह का छतिपूर्ति नहीं देना चाहते हैं श्रीमान जी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड का उपरोक्त मेमो की तिथि 25 सितंबर 2021 है जबकि फसल जलने की तिथि 18 अप्रैल 2021 है और लेखपाल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट दिनांक 15 जून 2021 है जिसको कानूनगो द्वारा अग्रसारित किया गया है 19 जून 2021 को अर्थात श्रीमान जी जिस सर्कुलर की बात की जा रही है वह बाद की तिथि का है श्रीमान जी क्या उपरोक्त मेमो को आधार बनाकर अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय श्रीमान एके सिंह द्वारा प्रार्थी दयानंद सिंह का क्षतिपूर्ति रोकना, मनमाना अवैध असंवैधानिक और तानाशाही प्रवृत्ति को नहीं दर्शाता क्या भ्रष्टाचार का कोई दूसरा उदाहरण होगा इनको जब हम भ्रष्टाचारी कहते हैं तो ए छन छना पङते हैं किंतु सच्चाई तो यह है कि यह किसी भी बात पर सही ढंग से जा ही नहीं रहे इनकी हर कार्यशैली भ्रष्टाचार से परिपूर्ण है इनको यह स्पष्ट करना चाहिए कि सितंबर और अप्रैल महीने के बीच कई महीने आते हैं और यदि यह क्षतिपूर्ति दे दी गई होती तो इस परिपत्र का आधार ही ना बनता है जिस परिपत्र के आधार पर क्षतिपूर्ति रोक रहे हैं Sir,, Executive Engineer Electricity Distribution Division II Mirzapur AK Singh does not want to give compensation to the applicant Dayanand Singh So Shobhnath Singh on the basis of the above office memo Sir, the date of the above memo of Uttar Pradesh Power Corporation Limited is 25 September 2021 while the date of crop burning is 18 April 2021 and the report submitted by Lekhpal is dated 15 June 2021 which has been forwarded by Kanungo on 19 June 2021 i.e. Sir, The circular being referred to is of a later date. Sir, on the basis of the above memo, the executive engineer, Electricity Distribution Division II, Mr. AK Singh, withholding the compensation of applicant Dayanand Singh, does not show arbitrary, illegal, unconstitutional and dictatorial tendency, will there be any other example of corruption, when we call them corrupt They are disturbed but the truth is that they are not going properly on anything, their every work style is full of corruption, they should make it clear that there are many months between the months of September and April and if this compensation had been provided. Had it gone, then this circular would not have formed the basis of denial of compensation, circular on the basis of which the compensation is being withheld is being retrospectively applied to promote corruption in the department. Which is the root cause not a single former was provided compensation of which crops were burnt due to short-circuit during the Covid period. Think about the quantum of huminity they have in respect of the victims of Covid period and also showing the sympathetic attitude of the Yogi government in the state of Uttar Pradesh to the victims of Covid. Let the Executive Engineer Electricity distribution division second tell the applicant regarding the number of compensation paid to the farmers whose crops were burnt due to short circuit in the Covid period. We want justice for the vulnerable farmers who are arbitrarily deprived of their compensation by the Uttar Pradesh power
विभाग -विद्युतशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-28-01-2023शिकायत की स्थिति-
स्तर -जनपद स्तरपद -अधिशासी अभियन्ता,विघुत
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक27-01-2023 को फीडबैक:-Sir, if there was honesty in the Mirzapur office of Uttar Pradesh Power Corporation Limited today, then such an arbitrary answer which has nothing to do with the points of complaint would never have been imposed by the Executive Engineer Electricity Distribution Division II. श्रीमान जी यदि आज उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के मिर्जापुर कार्यालय में ईमानदारी रही होती तो ऐसा मनमाना जवाब जिसका के शिकायत के बिंदुओं से दूर-दूर तक लेना देना नहीं है कभी भी अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय द्वारा ना लगाया जाता ।
Sir, a large number of people died at the time of covid, but the citizens were satisfied considering it as an epidemic, but in which the negligence of the government is directly visible, how can the public accept it? What a serious episode, complaints are being closed by putting arbitrary reports on the Jansunwai portal by the Executive Engineer, Electricity Distribution Division II, yet the government is silent as if nothing is happening. The law and order of the country is being mocked, but the law the system is also respected only by those who have some respect for law and order.
श्रीमान जी कोविड के समय बहुत बड़ी संख्या में लोग मरे किंतु नागरिक उसे महामारी मानकर संतोष कर लिए किंतु जिसमें सरकार की लापरवाही सीधे दिखाई पड़ रही है उसको जनता कैसे स्वीकार करें। कितना गंभीर प्रकरण है जनसुनवाई पोर्टल पर अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय द्वारा मनमाना रिपोर्ट लगाकर शिकायतों को बंद कर दिया जा रहा है फिर भी सरकार ऐसे चुप है जैसे कुछ हो ही नहीं रहा है देश के कानून व्यवस्था का मखौल उड़ाया जा रहा है किंतु कानून व्यवस्था का सम्मान भी वही करते हैं जिनकी नजर में कानून व्यवस्था का कुछ सम्मान होता है।
Government should assess corruption from the fact that why the Executive Engineer Electricity Distribution Division II Mirzapur is completely unsuccessful in finding a logical solution to any complaint? Sir, if there was honesty in the department, more than a dozen complaints were lodged but no solution was found for them and if there was honesty then they would have been solved.
सरकार को भ्रष्टाचार का आकलन इस बात से लगाना चाहिए कि क्यों अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय मिर्जापुर किसी भी शिकायत का तार्किक हल निकालने में पूर्ण रूप से असफल हैं? श्रीमान जी यदि विभाग में ईमानदारी होती तो दर्जन से भी ज्यादा शिकायत दर्ज कराई गई किंतु उनका कोई हल नहीं निकला और यदि ईमानदारी होती तो उनका हल निकलता ।
Sir, the disputed office memo was issued so that Uttar Pradesh Power Corporation Limited should not give any compensation in all the cases of burning of crops due to short circuit in the covid epidemic. Sir, is this the definition of good governance of the Yogi government ? The complaints are not being heard, Jansunwai portal has become a platform which is insignificant only because of corruption. Sir, where is the transparency and accountability in the government?
श्रीमान जी विवादित ऑफिस मेमो इसीलिए जारी किया गया जिससे कि कोविड महामारी में शॉर्ट सर्किट के कारण किसानों के फसल जलने के जितने भी प्रकरण किसानों से संबंधित हैं उसमें उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड कोई भी क्षतिपूर्ति ना दे। श्रीमान जी क्या योगी सरकार के सुशासन की यही परिभाषा है लोगों के शिकायत की कोई सुनवाई नहीं हो रही है जनसुनवाई पोर्टल वह प्लेटफार्म बन चुका है जोकि महत्वहीन है सिर्फ भ्रष्टाचार के कारण। श्रीमान जी सरकार में कौन सी पारदर्शिता और जवाबदेही है?
फीडबैक की स्थिति -
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नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी अग्रसारित दिनांक आदेश आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति आपत्ति देखे संलगनक
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 21-01-2023 अधिशासी अभियन्ता,विघुत-मिर्ज़ापुर,विद्युत 26-01-2023 On line complaint no 40019923001365 is disposed निस्तारित
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