आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019922026992
आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-श्रीमान अधिशासी अभियंता महोदय विद्युत वितरण खंड द्वितीय श्रीमान एके सिंह जी अब प्रार्थी आपसे 40 मीटर खुले तारों को हटाने के लिए नहीं कह रहा है बल्कि यह आप से पूछना चाहता है कि जब पूरे मोहल्ले का खुले तार हटा दिए गए और सिर्फ मुहल्ला ही नहीं बल्कि पूरे मिर्जापुर में खुले तारों को हटाया गया तो आप यह बताएं कि विभाग द्वारा श्री लक्ष्मी नारायण बैकुंठ महादेव मंदिर के सामने का खुला तार क्यों नहीं हटाया क्यों उन खुले तारों को केबल से प्रतिस्थापित नहीं किया गया श्रीमान जी उपरोक्त बातें आपसे प्रार्थी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51अ के तहत पूछना चाहता है जिसके अनुसार इस देश के सभी नागरिकों का यह कर्तव्य बनता है कि यदि किसी भी सरकारी विभाग में अराजकता बढ़ रही हो तो उसको उसे रोकने का प्रयास करना चाहिए और प्रार्थी उसी अराजकता को जो कि इस समय आप के कार्यालय में बढ़ी हुई है उसी क्रम में पूछताछ कर रहा है श्रीमान जी किसी भी शिकायत को निस्तारित करने का आधारभूत सिद्धांत यह है कि शिकायत का विषय वस्तु क्या है और उस विषय वस्तु के अनुसार कार्यवाही करने वाला व्यक्ति शिकायत का निस्तारण करता है किंतु यहां तो कोई विषय वस्तु को पढ़ता ही नहीं है यह सच है कि मामला भ्रष्टाचार से संबंधित है और भ्रष्टाचार इस उत्तर प्रदेश सरकार में योगीराज में खूब फल फूल रहा है ऐसे में ईमानदारी की अपेक्षा करना रेगिस्तान में जला से खोजने जैसा है सोचिए कम से कम डेढ़ दर्जन शिकायतें की गई शुरू में शिकायतों का निस्तारण इस आधार पर किया गया कि जब रिवैंप योजना शुरू होगी तब केवल लगा दी जाएगी और अब तो यह कह रहे हैं कि केवल लग ही नहीं सकता सोचिए इससे बड़ी अराजकता क्या होगी अधिशासी अधिकारी महोदय को यह सोचना चाहिए कि जब पूरे मोहल्ले में खुले तारों को हटा दिया गया तो 40 मीटर खुला तार क्यों छोड़ दिया गया उसके पीछे क्या वजह थी उन्हें कोई समुचित उत्तर तलाशना चाहिए था किंतु यहां उत्तर कौन तलासता है यहां तो मलाई तलाशते हैं लोग मलाई काटने वाले कभी ईमानदारी की बात थोड़ी सोचते हैं ईमानदार होना इतना आसान नहीं हां ईमानदारी की एक्टिंग हो सकती Here raised question does concern to remove open wire but concerns with deep-rooted corruption, arbitrariness and tyranny in the working of the public authority Uttar Pradesh Power Corporation Limited. Since the last year, in various communications, subordinates of executive engineer EDD II informed the applicant that as soon as revamp will commence, the open wire will be removed but right now newly posted executive engineer denied removing the 40 metres open wire which is not only illegal but against the setup standards of dealings prescribed to public staff. The demand of the applicant is to carry out an enquiry into the matter of why the 10 metres wires were left open by the concerned staff. Undoubtedly, there was a plan to replace the entire open Aluminium wires with the cables but they left 40 metres because of their corrupt dealings. Whether it does not reflect the deep-rooted corruption in the working of Executive Engineer EDD II ipso facto? Whether such deep-rooted corruption in government can be addressed as good governance as a number of occasions done by Yogi Adityanath and Prime Minister Narendra Damodar Modi. It is quite obvious that Executive Engineer EDD II, Superintending Engineer and Chief Engineer of division Mirzapur repeatedly overlook the directions of the managing director, Purvanchal Vidyut Vitaran Nigam Limited Varanasi which is ridiculous and quite obvious from the attached documents to the grievance. Neither they are providing information nor redressing the grievances is the matter of main concern. The factual position is that sought information concerns corruption in the working of the public authority, so the public information officer is runni
Department -विद्युतComplaint Category -
नियोजित तारीख-08-12-2022शिकायत की स्थिति-
Level -जनपद स्तरPost -अधिशासी अभियन्ता,विघुत
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक08-12-2022 को फीडबैक:-श्रीमान जी क्या प्रश्न गत प्रकरण को जो के अति महत्वपूर्ण है इस आधार पर नजरअंदाज किया जा सकता है की प्रकरण वर्तमान अधिशासी अभियंता के समय का नहीं है वल्कि प्रकरण का संबंध निवर्तमान अधिशासी अभियंता से है महोदय जो भी कार्य कराया जाता है यदि संबंधित अधिकारी और कर्मचारी वहां से हट जाते हैं तो क्या नवागत अधिकारी और कर्मचारी उससे संबंधित जानकारी नहीं देते हैं श्रीमान जी वर्तमान अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय इस समय अपने दायित्वों के निर्वहन से पलायन कर रहे हैं जो किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है उन्हें निर्देशित किया जाए कि प्रार्थी के संगत प्रश्न का तार्किक जवाब दें क्या कारण है जब पूरे मोहल्ले में खुले तारों को केबल से हटाया गया तो 40 मीटर खुला तार श्री लक्ष्मी नारायण बैकुंठ महादेव मंदिर के समक्ष क्यों छोड़ दिया गया क्या यह उचित था Sir, what question is of the last episode which is very important, can be ignored on the basis that the episode is not related to the time of the present Executive Engineer, but the episode is related to the outgoing Executive Engineer. Sir, whatever work is done if the concerned officer and the employees move away from there, do the new officers and employees not give information related to it,. Sir, the present Executive Engineer of Electricity Distribution division II is currently running away from discharging his responsibilities, which is not justified in any way. It should be done that he must give a logical answer to the relevant question of the applicant, what is the reason when the open wires in the entire locality were removed from the cable, 40 meters were left open, why was it left in front of Shri Lakshmi Narayan Baikunth Mahadev Temple, was it appropriate?
फीडबैक की स्थिति -
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नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी अग्रसारित दिनांक आदेश आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति आपत्ति देखे संलगनक
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 01-12-2022 अधिशासी अभियन्ता,विघुत-मिर्ज़ापुर,विद्युत 07-12-2022 On line complaint no 40019922026992 is disposed निस्तारित
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