Om Prakash Dubey seeking enquiry against S.D.M. Sadar as travesty of justice took place because of his cryptic dealings in quasi-judicial matter







   

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Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2022/0302283

Grievance Concerns To

Name Of Complainant

Om Prakash Dubey

Date of Receipt

12/11/2022

Received By Ministry/Department

Prime Ministers Office

Grievance Description

The anomalies and irregularities committed by S.D.M. Sadar during delivery of justice cannot be overlooked by the Yogi and Modi government, quite evident from the attached document to the grievance. Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2022/0266520 Grievance Concerns To Name Of Complainant Om Prakash Dubey

Date of Receipt 04/10/2022 Received By Ministry/Department Prime Ministers Office

Whether moral turpitude in delivery of justice can be tolerated in this largest democracy in the world by a magistrate working as arbitrator of a case in a quasi-judicial matter. Everyone knows that wrong is committed by a human because of greed of illegal gratification is accepted universal fact so if the substantial evidence available of travesty of justice, then it is obligatory duty of the responsible government functionctionaries to ensure a transparent and accountable enquiry in the matter to establish the faith of the citizenry in the government machinery.

श्री मान जी अब इससे अधिक आश्चर्य क्या होगा पहले आपने मामले को पुलिस को भेजा जो कुछ हद तक उचित था अब तो आप ने उपजिलाधिकारी सदर के विरुद्ध जांच के लिए लेखपाल के पास भेजा है श्री मान सभी जानते है उपजिलाधिकारी सदर सदर तहसील के सर्वे सर्वा है ऐसे में वह अदना सा लेखपाल क्या कार्यवाही या आख्या प्रस्तुत करेगा उस उपजिलाधिकारी के विरुद्ध जिसके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है वह भी खुद न्यायालय के दस्तावेजों के आधार पर श्री मान जी क्या मनमाने तरीके से मामले का पटाक्षेप करना न्यायालय में ब्याप्त भ्रष्टाचार और घूसखोरी को बढ़ाना नहीं है और तब हो रहा है जब महान मोदी सर का शासन है जो अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते है

श्री मान क्या प्रार्थी के आरोपों को इस आधार पर नजरअंदाज करना की प्रार्थी मुकदमा हार गया है इसलिए बौखला गया है कहा तक उचित है उन्हें यह क्यों नहीं दिखाई पड़ रहा है की प्रार्थी तहसील सदर के मजिस्ट्रेट कोर्ट में ब्याप्त भ्र्ष्टाचार को देख कर बौखला गया है अब और भी बौखला रहा है जब उच्च स्तर पर भी ऐसे भ्र्ष्ट अधिकारिओं और कर्मचारिओं के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती है सब से महत्वपूर्ण यह है की हमारे ईमानदार प्रधान मंत्री कार्यालय को भी भ्र्ष्ट अधिकारी और कर्मचारी गुमराह कर रहे है जो किसी भी ढंग से उचित नहीं है भ्र्ष्टाचार को पोषित करने वाले उपजिलाधिकारी सदर के विरुद्ध तुरंत निलंबन की कार्यवाही करके एक जांच समिति बैठाना चाहिए जिसके समक्ष प्रार्थी अपने प्रतिनिधि की मदद से अपना पक्ष रख सके

श्री मान जी प्रकरण का सम्बन्ध उपजिलाधिकारी कार्यालय में मुकदमो के निपटारे में ब्याप्त घूसखोरी और अराजकता है और जो बहुत बड़े स्तर पर है जिसमे गरीब इंसान पिस कर रह जाता है श्री मान जी इस भ्र्ष्टाचार को रोकने की आवश्यकता है सोचिये आपत्ति को गायब कर दिया गया और आपत्ति न दाखिल करने का आधार बना कर मुकदमा ख़ारिज कर दिया गया और पुलिस भय बस उपजिलाधिकारी के विरुद्ध जांच नहीं कर रही है


श्री मान जी अनिल कुमार चौकी प्रभारी कचहरी कोतवाली शहर जिला मिर्ज़ापुर ने अपनी जांच में कहा की उपजिलाधिकारी सदर महोदय एवं उनके रीडर से उनकी बात बात हुई तो उन्होंने बताया की पत्रावली मंगला प्रसाद दुबे के पास है और दाखिल दप्तर है तथा कोई भी कागजात गायब नहीं है आवेदक द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो पा रही है फिर उन्होंने फालतू बकबास किया है की आवेदक मुकदमे में पक्षकार होने के नाते मुकदमा हारने की वजह से बेबुनियाद आरोप लगाया है महोदय प्रार्थी ने जो आरोप लगाए उनके असत्य सिद्ध होने पर प्रार्थी अवमानना की कार्यवाही से दण्डित हो सकता है जिसका उसे ज्ञान है किन्तु प्रार्थी द्वारा लगाए गए आरोप तो प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत दस्तवेजो से ही स्वतः सिद्ध है उसके लिए किसी जांच की और गवाहों की आवश्यकता ही नहीं है सिर्फ संलग्न दस्तावेजों के अवलोकन की आवश्यकता है यह पर बात को संज्ञान में लेने की आवश्यकता है की उपजिलाधिकारी सदर महोदय ने उनको दस्तावेजों के जांच की अनुमति इस आधार पर नहीं दी की दस्तावेज दाखिल दप्तर हो गए है और उपरोक्त उपजिलाधिकारी सदर महोदय एवं उनके रीडर खुद ही दस्तावेजों के गायब करने के दोषी है कभी चोर यह कहता है की वह चोर है मामले में लगा रिपोर्ट आधार हीं असंगत और मनमाना है

It is a humble request to monitoring bodies that they may take a glance of contents of the grievance and attached documents which are sufficient to send Subdivisional magistrate Sadar and his reader behind the bar. Good governance is not merely

Grievance Document

Current Status

Grievance Received   

Date of Action

12/11/2022

Officer Concerns To

Forwarded to

Prime Ministers Office

Officer Name

Mukul Dixit ,Under Secretary (Public)

Organisation name

Prime Ministers Office

Contact Address

Public Wing 5th Floor, Rail Bhawan New Delhi

Email Address

us-public.sb@gov.in

Contact Number

011-23386447

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