Yogi Adityanath claims honesty on public fora, but in S.D.M. courts files are managed missing to dispose of matter without looking into merit

 




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Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2022/0241269
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Om Prakash Dubey
Date of Receipt
13/09/2022
Received By Ministry/Department
Prime Ministers Office
Grievance Description
श्री मान जी प्रकरण का सम्बन्ध उपजिलाधिकारी कार्यालय में मुकदमो के निपटारे में ब्याप्त घूसखोरी और अराजकता है और जो बहुत बड़े स्तर पर है जिसमे गरीब इंसान पिस कर रह जाता है श्री मान जी इस भ्र्ष्टाचार को रोकने की आवश्यकता है सोचिये आपत्ति को गायब कर दिया गया और आपत्ति न दाखिल करने का आधार बना कर मुकदमा ख़ारिज कर दिया गया और पुलिस भय बस उपजिलाधिकारी के विरुद्ध जांच नहीं कर रही है
Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2022/0218071
Grievance Concerns To
Name Of Complainant Om Prakash Dubey
Date of Receipt 17/08/2022 Received By Ministry/Department Prime Ministers Office
चूकि आवेदक उपरोक्त में संलग्नक नहीं जोड़ पाया था इसलिए निम्न शिकायत पुनः प्रस्तुत किया प्रधान मंत्री महोदय के पोर्टल पर
Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2022/0218076 Grievance Concerns To Name Of Complainant Om Prakash Dubey
Date of Receipt 17/08/2022
Received By Ministry/Department Prime Ministers Office
Grievance Description Your Communication has been registered with registration number: PMOPG/E/2022/0218071, documents attached, could not be uploaded because of website error messages.
उपरोक्त विवरण, पुलिस रिपोर्ट और संगत दस्तावेज शिकायत के साथ संलग्न है
श्री मान जी सोमवार को अर्थात कल प्रार्थी को पुलिस चौकी कचहरी शहर कोतवाली मीरजापुर ने बुलाया था किन्तु वे नहीं मिले व्यस्तता का बहाना करके और आज फिर बुलाया है श्री मान जी अनिल कुमार चौकी प्रभारी कचहरी कोतवाली शहर जिला मिर्ज़ापुर ने प्रार्थी को क्यों आज फिर बुलाया है प्रार्थी के समझ से परे है क्योकि आख्या तो उन्होंने ०९ सितम्बर २०२२ को ही प्रस्तुत कर दी थी अर्थात उनको करना कुछ नहीं सिर्फ प्रार्थी को परेशान करना था श्री मान जी क्या प्रार्थी का आज उनसे मिलना उचित है और फिर वह कहेंगे बुधवार को आना

श्री मान जी अनिल कुमार चौकी प्रभारी कचहरी कोतवाली शहर जिला मिर्ज़ापुर ने अपनी जांच में कहा की उपजिलाधिकारी सदर महोदय एवं उनके रीडर से उनकी बात बात हुई तो उन्होंने बताया की पत्रावली मंगला प्रसाद दुबे के पास है और दाखिल दप्तर है तथा कोई भी कागजात गायब नहीं है आवेदक द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो पा रही है फिर उन्होंने फालतू बकबास किया है की आवेदक मुकदमे में पक्षकार होने के नाते मुकदमा हारने की वजह से बेबुनियाद आरोप लगाया है महोदय प्रार्थी ने जो आरोप लगाए उनके असत्य सिद्ध होने पर प्रार्थी अवमानना की कार्यवाही से दण्डित हो सकता है जिसका उसे ज्ञान है किन्तु प्रार्थी द्वारा लगाए गए आरोप तो प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत दस्तवेजो से ही स्वतः सिद्ध है उसके लिए किसी जांच की और गवाहों की आवश्यकता ही नहीं है सिर्फ संलग्न दस्तावेजों के अवलोकन की आवश्यकता है यह पर बात को संज्ञान में लेने की आवश्यकता है की उपजिलाधिकारी सदर महोदय ने उनको दस्तावेजों के जांच की अनुमति इस आधार पर नहीं दी की दस्तावेज दाखिल दप्तर हो गए है और उपरोक्त उपजिलाधिकारी सदर महोदय एवं उनके रीडर खुद ही दस्तावेजों के गायब करने के दोषी है कभी चोर यह कहता है की वह चोर है मामले में लगा रिपोर्ट आधारहीन असंगत और मनमाना है
If the records lost are considered as evidence in a case, then missing of the record would be a serious crime of destroying the evidence and invites criminal complaint against those officials under sections 201 of IPC, punishable with imprisonment from 7 to 10 years or life which is directly proportional to seriousness of the offence charged.
To direct the police to register F.I.R. against additional sub divisional magistrate Sadar and his reader for hatching conspiracy for missing the court records in the matter of Surya Narayan Dubey Versus Uma Shankar Dubey and others.
Case number-202116530000251 under section 176 year-2006.
Brief description of matter is as follows.
1-Copy of order made by additional sub divisional magistrate Sadar Siddharth Yadav is attached as page 2 of the attached PDF document. He passed an order that the opposition party did not submit an objection consequently the claim of litigant is accepted.
2-Copy of order sheet made available by the concerned court on 08/08/2022 is the fourth page of attached document which categorically shows that objection with affidavit submitted by Aditya Narayan Dubey on 18 March 2019 and because of strike by the advocates next date fixed on 01 April
Grievance Document
Current Status
Grievance Received   
Date of Action
13/09/2022
Officer Concerns To
Forwarded to
Prime Ministers Office
Officer Name
Mukul Dixit ,Under Secretary (Public)
Organisation name
Prime Ministers Office
Contact Address
Public Wing 5th Floor, Rail Bhawan New Delhi
Email Address
us-public.sb@gov.in
Contact Number
011-23386447

Comments

  1. किन्तु प्रार्थी द्वारा लगाए गए आरोप तो प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत दस्तवेजो से ही स्वतः सिद्ध है उसके लिए किसी जांच की और गवाहों की आवश्यकता ही नहीं है सिर्फ संलग्न दस्तावेजों के अवलोकन की आवश्यकता है यह पर बात को संज्ञान में लेने की आवश्यकता है की उपजिलाधिकारी सदर महोदय ने उनको दस्तावेजों के जांच की अनुमति इस आधार पर नहीं दी की दस्तावेज दाखिल दप्तर हो गए है और उपरोक्त उपजिलाधिकारी सदर महोदय एवं उनके रीडर खुद ही दस्तावेजों के गायब करने के दोषी है कभी चोर यह कहता है की वह चोर है मामले में लगा रिपोर्ट आधारहीन असंगत और मनमाना है

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  2. वह न्याय व्यवस्था ‍ कितनी जवाब देह हो सकती है जब उसकी विश्वसनीयता ही कुछ ना हो क्योंकि विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही होना जरूरी है क्योंकि हमारी न्याय व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही से शुरू से ही भागती रही है इसी वजह से यहां पर सिर्फ अराजकता का राज्य है इसमें सुधार केवल वही कर सकता है जो सिर्फ पदों पर आसीन हैं किंतु जब वही भ्रष्ट हैं तो सुधार कौन करेगा भ्रष्टाचार ऊपर से है नीचे से नहीं एक लालू को यह कहना कि वह व्यस्त हैं दूसरे का पूजा कर रहे हैं क्या लालू ने अपने हाथ से पैसा लिया था लेकर तो अधिकारियों ने ही दिया था और क्या दूसरे चीफ मिनिस्टर घोष नहीं ले रहे हैं घोष तो सभी ले रहे हैं जस्ट नहीं ले रहे हैं अधिकारी नहीं ले रहे हैं कि कॉल नहीं ले रहा है इस देश में जब सभी घूसखोर हैं तो न्याय कहां से मिलेगा और भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही कौन करेगा

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  3. 1. I commenced partition in 2017, amended by the order of then SDM in 2018, SDM promised to finalise the partition in 6 months latest by the November 2018,
    2. 28 May the preliminary decree was passed and unopposed therefore resjudicata,
    3.25 July 2018 SDM issued stay order to maintain status qua until the final disposition of the dispute,my co-sharers at the behest of their lawyers disobeyed,
    4. SDM set November 12 to pass the final decree and give the possession of my lawful sharers,
    5. 12 November 2018, my brother bribed the SDM, gave his false affidavit to the SDM stating under oath that I sold all my shares in India before 1975, took money and moved to Canada,SDM refused to pass the final decree,
    6. 4 IAS 4 PCS, my co-sharers and their advocates contracted my murder to the serial killer Vikas Dubey, the murder plot failed injuring me for life,
    7.case is adjourned over 300 times,
    8. I am cheated by by over 222 fake lawyers with the fake law degree,
    9.12 September 2023, High Court of Allahabad, directed to the SDM to finalise the partition by March 12,2024, which the SDM willfully disobeyed,
    10. A brief progress of India.

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  4. Sometimes I feel that there is no justice delivery system in India and whatever is available that is denying justice in cryptic and mysterious way. Where is transparency and accountability and currently there is rampant corruption in the working of public authorities.

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  5. There is ample evidence of corruption but our honest chief minister Yogi Adityanath sir is not working against the corrupt elements in the government machinery which is causing rampant increase in corruption in the government..

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  6. हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कौन सी ऐसी मजबूरी है जिसकी वजह से उन्हें भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने से भय लगता है जब पर्याप्त साक्ष्य हैं यह मालूम हो गया की उप जिलाधिकारी द्वारा दस्तावेजों को पेपर बुक से गायब किया गया है उसके बाद इस आधार पर फैसला दिया गया है तो अभी तक जांच का आदेश क्यों नहीं पारित किया गया

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