It is fact that department of justice sent matter to High court at Allahabad, but Registrar General threw it into dustbin and DOJ is confused
Grievance Status for registration number: DEPOJ/E/2022/08447
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Yogi M. P. Singh
Date of Receipt
14/09/2022
Received By Ministry/Department
Justice
Grievance Description
Justice >> Complaint against Judicial Officers
-----------------------
Registrar general, High court of Judicature at Allahabad may provide the feedback regarding the communication Department of Justice 10 January 2020 at 12:09.
The following E-Mail communication was sent by the ministry of law and justice as follows.
Department of Justice 10 January 2020 at 12:09 To: rg allahabad High Court Cc: yogimpsingh@gmail.com
Details of the aforementioned communication are attached to this representation.
Grievance Status for registration number : DEPOJ/E/2022/08362 Grievance Concerns To Name Of Complainant Yogi M. P. Singh
Date of Receipt 12/09/2022 Received By Ministry/Department Justice. More details are attached to the grievance.
Remarks The grievance has been forwarded to Registrar General, Allahabad High Court for action, as appropriate. Reply Document श्रीमान जी आप कह रहे हैं कि व्यथा को आपने माननीय उच्च न्यायालय के महा निबंधक के यहां उचित कार्यवाही के लिए भेज दिया है किंतु आपने यह नहीं स्पष्ट किया कि आप किस व्यथा की बात कर रहे हैं क्योंकि उपरोक्त संबंध में तीन व्यथा आपके पास भेजी गई है श्रीमान जी आपके द्वारा जो निस्तारण आख्या प्रस्तुत की गई है वह एक खाली पेज है जिसको स्कैन किया गया है यह किसी तरह से उपयुक्त नहीं है पूर्व में भी आप द्वारा इसी तरह से आख्या लगाई गई जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई है और आज माननीय उच्च न्यायालय के निबंधक द्वारा इंकार कर दिया गया कि आपने कोई व्यथा उनके पास भेजा है निस्तारण वास्ते और आज भी आप उसी कार्यशैली का अनुकरण कर रहे हैं जो रहस्यमई है यह तो निश्चित है कि या तो आप झूठ बोल रहे हैं या माननीय उच्च न्यायालय के निबंधक द्वारा झूठ बोला जा रहा है क्योंकि कुछ तो गड़बड़ है किंतु स्थित बहुत ही खतरनाक है यहां पर मामला न्याय विभाग और माननीय उच्च न्यायालय के विश्वसनीयता से संबंधित है श्रीमान जी किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र की न्याय व्यवस्था को विश्वसनीय होना चाहिए किंतु यह स्पष्ट है कि यहां पर विश्वसनीयता प्रश्न गत घेरे में हैं
Department of Justice 10 January 2020 at 12:09 To: rg allahabad High Court Cc: yogimpsingh@gmail.com
Sir/Madam,
Please see the attachments on the above subject for actio
Grievance Document
Current Status
Case closed
Date of Action
15/09/2022
Remarks
This Department is not mandated to interfere in the business allocated to any Court of India. Therefore, the grievance is closed with the remarks that the grievance does not pertain to Department of Justice.
Rating
1
Poor
Rating Remarks
श्रीमान जी प्रकरण बहुत ही स्पष्ट है प्रकरण का संबंध किसी भी न्यायालय के कार्यवाही से संबंधित नहीं है बल्कि प्रकरण का संबंध इस बात से है कि वह ईमेल जो भारत सरकार का न्याय विभाग उच्च न्यायालय इलाहाबाद को भेजा उसको रजिस्टार जनरल ने किस आधार पर यह इनकार कर दिया कि उसके ऑफिस में वहां ईमेल अप्राप्त है किंतु आप गोल मटोल जवाब देकर मामले को टालने का प्रयास कर रहे हैं जबकि यह मामला सरकार के न्याय विभाग के कार्य से संबंधित है यह कैसे हो सकता है कि न्याय विभाग कोई पत्र उच्च न्यायालय इलाहाबाद को भेजें और महा निबंधक कार्यालय यह कहकर इंकार कर दे कि उसके संबंध में कोई सूचना देने से कि वह उसके कार्यालय में अप्राप्त है अगर प्रार्थी जन सूचना अधिकार 2005 का प्रयोग ना करता है तो आप लोगों ने ऐसा गुल खिलाया था कि कुछ मालूम ही ना होता यह एक तरह से प्रार्थी को भ्रमित करने की स्थिति है आप तो दिखादिए कि आपने बहुत तुरंत कार्यवाही कर डाली आप कितने एक्टिव हैं सच्चाई यह है कि आपका पत्र आज तक उनके ऑफिस में पहुंचा ही नहीं इसको सुशासन नहीं कहते यह बहुत बड़ी अराजकता है जिसे दूर करने का प्रयास होना चाहिए अन्यथा परिणाम सामने है
Appeal Details
Appeal Number
DEPOJ/E/A/22/0000436
Date of Receipt
15/09/2022
Appeal Text
Concerned staff of the department of justice, Government of India quotes as This department is not mandated to interfere in the business allocated to any court of India. Therefore, the grievance is closed with the remarks that the grievance does not pertain to the department of justice. From the contents available on the public grievance portal of the Government of India, it is quite obvious that available mechanism invites the redress of grievances from the citizens of this country concerning the corruption in judiciary and Mal practices which is now increasing sharply. Applications which are received by the department of justice on the public grievance portal concerning with the working of judges must be forward to the concerned mandate for the appropriate action. Here this question arises that if entire forwarded applications by the department of justice will be neglected by the registrar general of the high court of judicature at Allahabad in the similar manner then think about the fate of the applications submitted by the people and the credibility of the public grievance portal in the mind of the citizens of this country. Think about the gravity of situation that to take action on the forwarded grievance by the registrar general of the high court of judicature at Allahabad is far away but he overlooked negligentally the forwarded grievance by quoting that his office never received any such grievance. This implies that all the communications sent by the ministry of justice to the registrar general of the high court of judicature at Allahabad may be denied in the likewise manner. In such mysterious and cryptic dealings, innocent and gullible people of this country will feel cheated.
Current Status
Appeal Received
Officer Concerns To
Officer Name
Shri Niraj Kumar Gayagi (Joint Secretary)
Organisation name
Department of Justice
Contact Address
Jaisalmer House, Mansingh Road, New Delhi
Email Address
jsst-doj@gov.in
Contact Number
01123385020
श्रीमान जी प्रकरण बहुत ही स्पष्ट है प्रकरण का संबंध किसी भी न्यायालय के कार्यवाही से संबंधित नहीं है बल्कि प्रकरण का संबंध इस बात से है कि वह ईमेल जो भारत सरकार का न्याय विभाग उच्च न्यायालय इलाहाबाद को भेजा उसको रजिस्टार जनरल ने किस आधार पर यह इनकार कर दिया कि उसके ऑफिस में वहां ईमेल अप्राप्त है किंतु आप गोल मटोल जवाब देकर मामले को टालने का प्रयास कर रहे हैं जबकि यह मामला सरकार के न्याय विभाग के कार्य से संबंधित है यह कैसे हो सकता है कि न्याय विभाग कोई पत्र उच्च न्यायालय इलाहाबाद को भेजें और महा निबंधक कार्यालय यह कहकर इंकार कर दे कि उसके संबंध में कोई सूचना देने से कि वह उसके कार्यालय में अप्राप्त है अगर प्रार्थी जन सूचना अधिकार 2005 का प्रयोग ना करता है तो आप लोगों ने ऐसा गुल खिलाया था कि कुछ मालूम ही ना होता यह एक तरह से प्रार्थी को भ्रमित करने की स्थिति है आप तो दिखादिए कि आपने बहुत तुरंत कार्यवाही कर डाली आप कितने एक्टिव हैं सच्चाई यह है कि आपका पत्र आज तक उनके ऑफिस में पहुंचा ही नहीं इसको सुशासन नहीं कहते यह बहुत बड़ी अराजकता है जिसे दूर करने का प्रयास होना चाहिए अन्यथा परिणाम सामने है
ReplyDeleteसोचिए देश की जनता के साथ कितना भद्दा मजाक है भारत सरकार का पब्लिक ग्रीवेंस पोर्टल जज के खिलाफ एप्लीकेशन लेता है जजों की नियुक्ति से संबंधित एप्लीकेशन लेता है अर्थात जजों की नियुक्ति में जो अनियमितता हो रही है उससे संबंधित आवेदन लेता है और और भी बहुत से आवेदन लेता है और इन आवेदनों का निस्तारण भारत सरकार क्रम न्याय विभाग करता है सोचिए प्रस्तुत प्रकरण में लगभग 2 वर्ष पहले अर्थात 2019 के पूर्वार्ध में यह प्रकरण सामने आया और भारत सरकार के न्याय विभाग ने प्रकरण को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के महा निबंधन को भेजा अब महा निबंधक कार्यालय द्वारा यह इंकार कर दिया गया कि न्याय विभाग द्वारा उन्हें कोई ग्रीवेंस भेजा गया है और न्याय विभाग विभाग रहा है यह कह कर कि हम किसी न्यायालय के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करते सोचिए तो ढाई वर्ष पहले क्या कहे थे क्या भूल गए अरे कम से कम कुछ तो भ्रष्टाचार कंट्रोल करो भैया
ReplyDelete