Registration Number DMOMR/R/2022/60040
Name Harishchandra
Date of Filing 09/05/2022
Status REQUEST FORWARDED TO PIO as on 10/05/2022
Details of PIO: - Telephone Number: - 9454416823, Email Id: - teh-sadar.mi@up.gov.in
Note: - You are advised to contact the above-mentioned officer for further details.
Nodal Officer Details
Name Satya Prakash Singh
Telephone Number 9454416808
Email-ID adm.lr.mi-up@gov.in
Online RTI Request Form Details
Public Authority Details: -
* Public Authority DISTRICT MAGISTRATE OFFICE MIRZAPUR
Personal Details of RTI Applicant: -
Registration Number DMOMR/R/2022/60040
Date of Filing 09/05/2022
* Name Harishchandra
Gender Male
* Address Village Adampur , Post Nibee Gaharwar, Block Chhanvey
Pin code 231303
State Uttar Pradesh
Educational Status Illiterate
Phone Number Details not provided
Mobile Number +91-7054703028
Email-ID preetisinghgaharwar[at]gmail[dot]com
Citizenship Indian
* Is the Applicant Below Poverty Line ? Yes
BPL Card No.
(Proof of BPL may be provided as an attachment) 219940687530
Year of Issue 1998
Issuing Authority पूर्ति अधिकारी
RTI Application Details u/s 6(1) :-
((Description of Information sought (upto 500 characters) )
* Description of Information Sought श्री मान जी आप के लेखपाल कानूनगो और तहसीलदार को पगडंडी और चकरोड में अंतर नहीं दीखता श्री मान जी जिस चकरोड की लेखपाल और कानूनगो ने पत्थर गड्डी करवाई वह पगडंडी में पुनः कैसे तब्दील हुई लोग पगडंडी से आ जा रहे है जब की सरकार ने हमे रोड दिया है किन्तु तहसील कर्मियों की रहस्यात्मक कार्यशैली उसे पगडंडी में बदल दिया श्री मान जी यदि तहसीलदार सदर ईमानदार है तो तीन विन्दुओं पर मांगी गई सूचना को देदे झूठे रिपोर्ट लगाने वाला जिम्मेदारी और पारदर्शिता से कोसो दूर रहता है क्या चकरोड सरकार ने दबंगो को खेती के लिए छोड़ दिया है श्री मान जी लेखपाल चन्द्रभूषण शुक्ला झूठ की सारी हदे पार कर चुके है जिस चकरोड का नाप किया है उसको सरहंगो ने पुनः चकरोड़ कब्ज़ा कर लिया है चूकि तहसील सदर में आराजकता का राज्य है इसलिए लेखपाल महोदय के लिए झूठी आख्या प्रस्तुत करना कौन सी बड़ी बात है क्या लेखपाल चन्द्रभूषण शुक्ला इस बात का हलफनामा देंगे की सरहंगो ने पुनः चकरोड़ कब्ज़ा नहीं किया है लेखपाल चन्द्रभूषण शुक्ला अकोढ़ी ग्राम के है जो खुद आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगो का गांव है और खुद उस क्षेत्र में वर्षो से डटे हुए है और डिटेल के लिए संलग्नक देखे
जनसूचना अधिकारी तहसील सदर प्रार्थी को निम्न सूचना बिंदुवार उपलब्ध कराये
१-लेखपाल चन्द्रभूषण शुक्ला की प्रथम पोस्टिंग की तिथि और जनपद
२-लेखपाल चन्द्रभूषण शुक्ला की गृह जनपद मिर्ज़ापुर में प्रथम पोस्टिंग की तिथि और स्थान
३-लेखपाल चन्द्रभूषण शुक्ला की गृह जनपद मिर्ज़ापुर में तहसील सदर में सम्पूर्ण पोस्टिंग का विवरण
४-सम्बंधित कानूनगो / राजस्वनिरीक्षक का नाम और पोस्टिंग विवरण जनपद मिर्ज़ापुर में
५-सम्बंधित कानूनगो / राजस्वनिरीक्षक का पोस्टिंग विवरण जनपद मिर्ज़ापुर के तहसील सदर में
* Concerned PIO Arun Kumar Giri
Designation Tehsildar
Phone No 9454416823
Email Id teh-sadar.mi@up.gov.in
Supporting document ((only pdf upto 1 MB))
श्री मान जी आप के लेखपाल कानूनगो और तहसीलदार को पगडंडी और चकरोड में अंतर नहीं दीखता श्री मान जी जिस चकरोड की लेखपाल और कानूनगो ने पत्थर गड्डी करवाई वह पगडंडी में पुनः कैसे तब्दील हुई लोग पगडंडी से आ जा रहे है जब की सरकार ने हमे रोड दिया है किन्तु तहसील कर्मियों की रहस्यात्मक कार्यशैली उसे पगडंडी में बदल दिया श्री मान जी यदि तहसीलदार सदर ईमानदार है तो तीन विन्दुओं पर मांगी गई सूचना को देदे झूठे रिपोर्ट लगाने वाला जिम्मेदारी और पारदर्शिता से कोसो दूर रहता है क्या चकरोड सरकार ने दबंगो को खेती के लिए छोड़ दिया है
ReplyDeleteसोचिए बेचारा हरिश्चंद्र कितने वर्षों से परेशान हैं लेकिन इन भ्रष्टाचारियों को थोड़ा भी रहम नहीं है निस्संदेह हरिश्चंद्र का जो मार्ग है वह जायज है किंतु मैं तो सही ढंग से शिकायतों का निस्तारण करते हैं और ना ही जन सूचना के तहत मांगे गए सूचनाओं को ही देते हैं इसलिए पारदर्शिता और जवाबदेही का स्थान भ्रष्टाचार ले चुका है और सरकार के नुमाइंदों में इतनी हिम्मत नहीं है कि जिला स्तर पर जो गड़बड़ी हो रही है उनको रोके क्योंकि उससे उनका कमीशन प्रभावित होता है
ReplyDeleteऐसा प्रतीत होता है कि जन सूचना 2005 के प्रावधान हमारे सरकारी कर्मचारियों ने किसी कूड़ेदान में फेंक दिया है और ऐसा हो भी क्यों ना जब राज्य सूचना आयोग उत्तर प्रदेश में ऐसे बाबू की नियुक्ति की जाएगी सूचना आयुक्त के पद पर जिनकी कोई विश्वसनीयता ही नहीं है जो मनमाने तरीके से भिन्न भिन्न ट्रिक सोचते हैं कि कैसे जो आवेदन आते हैं उन्हें खत्म कर दिया जाए ऐसे ऐसे नियम बनाए गए हैं आवेदनों को खत्म करने के लिए कि एक सूचना चाहने वाला उन नियमों के बारे में कभी सोच नहीं सकता
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