आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019922020907
आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-Whether the grievances will be redressed by the concerned staff of the municipality Mirzapur City by sitting in the chair of the office which is quite of yes from the arbitrary report submitted by them. Here core issues is to cover the drainage by the lids but it was not done by them and whether concerned staff will submit the affidavit in this regard. It is the obligatory duty of the concerned accountable public functionary to make enquiry to the local people in the Surekha Puram colony so that fact may come to the light. It is a grave question that when problems are still as it is, then how can grievances be grievances considered disposed of? यह एक गंभीर प्रश्न है कि जब समस्याएं जस की तस हैं, तो शिकायतों का निपटारा कैसे किया जा सकता है? The matter concerns the mismanagement of Jal Nigam water corporation District-Mirzapur. Jal Nigam water corporation initiated sewage work in the first week of April 2022 and now it is 04 September 2022 which means it is the fifth month about to be spent by Jal Nigam. It is quite obvious that accountable public functionaries of the Jal Nigam never thought about the convenience of the dwellers of the Surekapuram. They have made our lives hell quite obvious from the attached photographs to the grievance. Jal Nigam has imprisoned us in our houses ipso facto from over spread mud and drainage water on the roads. No one can visit us and we can not go outside to buy household things. Children can not attend their schools regularly. In short they have made us so vulnerable that we can only pray to God as no ray hopes to get rid of this hell .मामला जल निगम जिला-मिर्जापुर के कुप्रबंधन का है. जल निगम ने अप्रैल 2022 के पहले सप्ताह में सीवेज का काम शुरू किया और अब यह 04 September 2022 है जिसका मतलब है कि यह जल निगम द्वारा खर्च किया जाने वाला fifth महीना है। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि जल निगम के जिम्मेदार सार्वजनिक पदाधिकारियों ने सुरेकापुरम के निवासियों की सुविधा के बारे में कभी नहीं सोचा। उन्होंने हमारे जीवन को नरक बना दिया है जो शिकायत के साथ संलग्न तस्वीरों से स्पस्ट है । जल निगम ने हमें सड़कों पर कीचड़ और गन्दी नालियों के पानी फैला कर वास्तव में हमारे घरों में कैद कर दिया है। कोई हमसे मिलने नहीं आ सकता है और हम घर का सामान खरीदने के लिए बाहर नहीं जा सकते है । बच्चे नियमित रूप से अपने स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। संक्षेप में उन्होंने हमें इतना कमजोर बना दिया है कि हम केवल भगवान से प्रार्थना कर सकते हैं क्योंकि कोई भी किरण इस नरक से छुटकारा पाने की उम्मीद नहीं दिखा रही है True picture of development of Modi Sir, drainage water and mud is overflowing on the roads of Surekapuram colony due to mismanagement. मोदी जी के विकास की सच्ची तस्वीर सर, सुरेकापुरम कॉलोनी की सड़कों पर कुप्रबंधन से नालों का पानी और कीचड़ बह रहा है Sir, we are facing mud and drainage water flowing on the roads of the Surekapuram colony and repeated complaints are being made to the concerned accountable officers of the municipality Mirzapur city but they are not taking care of it.श्री मान जी नाली की सफाई होना चाहिए और जहा पर नाली फसी है उसकी सफाई ढक्कन हटा कर करे एक तरफ बेरोजगारी और जिनको नौकरी मिल गई है वे कुछ करना ही नहीं चाहते है यही परेशानी की मुख्य वजह है यहा
विभाग -नगर पालिका परिषदशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-19-09-2022शिकायत की स्थिति-
स्तर -नगर पालिका / नगर पंचायतपद -अधिशासी अधिकारी,नगर पंचायत /पालिका
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अग्रसारित विवरण :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी अग्रसारित/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 04-09-2022 19-09-2022 अधिशासी अधिकारी,नगर पंचायत /पालिका -मिर्ज़ापुर कार्यालय स्तर पर लंबित
It is the obligatory duty of the concerned accountable public functionary to make enquiry to the local people in the Surekha Puram colony so that fact may come to the light. It is a grave question that when problems are still as it is, then how can grievances be grievances considered disposed of? यह एक गंभीर प्रश्न है कि जब समस्याएं जस की तस हैं, तो शिकायतों का निपटारा कैसे किया जा सकता है?
ReplyDeleteOnly corruption is responsible for such miserable life of the countrymen in this largest democracy in the world.In the Government of Uttar Pradesh once the public functionaries get the public fund for the development then they understand themselves as the master of the public fund and how they have to utilise that fund decided by their arbitrary minds which is overlooked by the government of Uttar Pradesh since the upper rank officers in the state of Uttar Pradesh are the shareholders of the corrupt money at the bottom rank.
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