Not a single recovery is made from wrongdoer gram pradhans quite obvious from cryptic and mysterious dealings of D.M., D.P.R.O. and C.D.O.
The matter concerns the deep rooted corruption, how can government overlook it?
Grievance Status for registration number : GOVUP/E/2022/46756
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Yogi M. P. Singh
Date of Receipt
25/06/2022
Received By Ministry/Department
Uttar Pradesh
Grievance Description
The financial and administrative powers of Village Pradhan can be suspended only after conducting a preliminary inquiry by a District Level Officer on the basis of a complaint filed by the villager/villagers.
The inquiry is conducted under the provisions contained in the U.P. Panchayat Raj (Removal of Pradhan, Up-Pradhan and Members) Inquiry Rules, 1997.
श्री मान जी पंचायती राज अधिनियम के तहत जिलाधिकारी द्वारा नामित जिलास्तरीय अधिकारी डिप्टी कमिश्नर मनरेगा और प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वारा जाँच की गयी और उस जांच में विकास खंड छानवे के कर्मचारी अनियमितता के दोषी पाए गए और एक लाख एक हजार छह सौ पंद्रह रुपये वसूली की सिफारिश अधिकारी द्वय द्वारा किया गया किन्तु आज तक वसूली नहीं हो पायी है इस अनियमितता के लिए ग्राम प्रधान सेक्रेटरी तकनीकी सहायक और ग्राम सेवक दोषी पाए गए और उनसे रिकवरी सुनिश्चित करना था
श्री मान जी तत्कालीन जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर उपरोक्त जांच से सहमत नहीं थे इसलिए उन्होंने ग्राम प्रधान के आवेदन को उपायुक्त/ डिप्टी कमिश्नर मनरेगा को पृष्ठांकित किया
उसके पश्चात् व पत्र पृष्ठांकित हुआ बी. डी. ओ. छानवें मिर्ज़ापुर को जो की जिलास्तर के अधिकारी नहीं बल्कि ब्लॉक स्तर के अधिकारी थे उससे भी बड़ी बात यह की जो समिति गठित की गयी उसमे वही लोग सेक्रेटरी तकनीकी सहायक आदि सदस्य थे और सभी बी. डी. ओ. छानवें मिर्ज़ापुर के अधीनस्थ थे
श्री मान जी क्या यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुकूल है दोषी को जांच अधिकारी बनाया जाय और समिति का गठन बी. डी. ओ. छानवें मिर्ज़ापुर करे जो की खुद ही ब्लॉक स्तर के अधिकारी थे
श्री मान जी क्या यह कृत्य U.P. Panchayat Raj (Removal of Pradhan, Up-Pradhan and Members) Inquiry Rules, 1997 की आत्मा के विरुद्ध नहीं है श्री मान जी पिछले सात वर्षो से प्रार्थी इस आराजकता के विरुद्ध संघर्ष कर रहा है किन्तु सरकारी मशीनरी में इतना भ्र्ष्टाचार है की कोई सुनने को तैयार नहीं है सोचिये बी. डी. ओ. छानवें मिर्ज़ापुर ने जिस समिति का गठन किया है उसका कोई सदस्य जिलास्तरीय अधिकारी है और समिति गठन की शक्ति तो U.P. Panchayat Raj (Removal of Pradhan, Up-Pradhan and Members) Inquiry Rules, 1997 के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट के पास थी जिसका क्रियान्यवन जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा किया जाता है जिला मजिस्ट्रेट की ओर से श्री मान जी हर पृष्ठांकित आवेदन को U.P. Panchayat Raj (Removal of Pradhan, Up-Pradhan and Members) Inquiry Rules, 1997 के तहत नहीं माना जा सकता है
श्री मान जी जिलाधिकारी द्वारा नामित जिलास्तरीय अधिकारी डिप्टी कमिश्नर मनरेगा और प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वारा जाँच यदि संदिग्ध थी तो दूसरा जाँच अधिकारी नामित किया जाना चाहिए था जो फिर से जांच करता
इधर मुख्य विकास अधिकारी जिला मिर्जापुर ने भारत सरकार के लोक शिकायत पोर्टल पर असंगत तोते जैसा रटा रटाया जवाब प्रस्तुत किया। यहां मुख्य मुद्दा जिला मजिस्ट्रेट मिर्जापुर द्वारा पंचायती राज के तहत नामित जांच अधिकारी द्वारा अनुशंसित वसूली को अवैध रूप से रद्द करना है। सभी जानते हैं कि पंचायती राज अधिनियम के तहत नामित जांच अधिकारी जिले के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियुक्त जिला स्तर का अधिकारी होता है। जांच अधिकारी के नामांकन को प्रारंभिक चरण में चुनौती दी जाती है, न कि जब जांच अधिकारी रिपोर्ट जमा करता है। यदि जांच अधिकारी के निष्कर्षों को सक्षम प्राधिकारी के समक्ष चुनौती दी जाती है तो जिस अधिकारी का पद पहले नामित अधिकारी से ऊंचा होता है उसे जांच अधिकारी नियुक्त किया जाता है। यहां जांच अधिकारी की जांच में दोषी पाए गए लोगों को जांच आख्या प्रस्तुत करने वाली टीम का सदस्य बनाया गया और उन्होंने खुद को उन आरोपों से मुक्त कर दिया जो जांच अधिकारियों द्वारा लगाया गया जो भूमि के कानून का मजाक है
श्री मान जी बंद कमरे की जांच हमेशा कानून व्यवस्था का मजाक और भ्र्ष्टाचार को बढ़ावा दिया है वैसे भी इस समय देश में भ्र्ष्टाचार का ही शासन है
श्री मान जी जीतेन्द्र कुमार सिंह ग्राम पंचायत सचिव तो उस जांच में उपस्थित थे तो उस समय उन्होंने जांच अधिकारी को क्यों नहीं बताया की परिवार रजिस्टर जो वे बनाये है उसके अनुसार मेठ का कार्य कर रहे मजदूर प्रधान सगे सम्बन्धी नहीं है उसका तो अभी भी हमारे पास वीडियो है जिसमे प्रधान द्वारा खुद स्वीकार किया गया है की कोई बड़े पापा का लड़का है तो कोई भाई है अगर वीडियो की आवश्यकता है तो इस लिंक पर जाए www.yogi.systems/2021/02/the-matter-concerns-deep-rooted.html The matter concerns the deep rooted corruption, how can government overlook it?
Grievance Document
Current Status
Grievance received
Date of Action
25/06/2022
Officer Concerns To
Forwarded to
Uttar Pradesh
Officer Name
Shri Bhaskar Pandey (Joint Secretary)
Organisation name
Uttar Pradesh
Contact Address
Chief Minister Secretariat , Room No. 321, U.P. Secretariat, Lucknow
Email Address
bhaskar.12214@gov.in
Contact Number
05222226350
यहां जांच अधिकारी की जांच में दोषी पाए गए लोगों को जांच आख्या प्रस्तुत करने वाली टीम का सदस्य बनाया गया और उन्होंने खुद को उन आरोपों से मुक्त कर दिया जो जांच अधिकारियों द्वारा लगाया गया जो भूमि के कानून का मजाक है
ReplyDeleteश्री मान जी बंद कमरे की जांच हमेशा कानून व्यवस्था का मजाक और भ्र्ष्टाचार को बढ़ावा दिया है वैसे भी इस समय देश में भ्र्ष्टाचार का ही शासन है