Fertilizer loss of 20 million but office of chief minister Yogi Adityanath is not taking it seriously as after five years it transferred matter to concerned
Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2022/0173751
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Yogi M P Singh
Date of Receipt
29/06/2022
Received By Ministry/Department
Prime Ministers Office
Grievance Description
Grievance Status for registration number : GOVUP/E/2022/32390 Grievance Concerns To Name Of Complainant Yogi M. P. Singh Date of Receipt 19/05/2022 Received By Ministry/Department Uttar Pradesh
The aforementioned grievance redressed by additional commissioner and additional registrar cooperative, Uttar Pradesh Lucknow arbitrarily without taking the perusal of the attached document to the grievance quite obvious from the first, second and third page of the attached document to this grievance.
उक्त शिकायत का निवारण अपर आयुक्त एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारिता, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा मनमाने ढंग से बिना संलग्न दस्तावेज के परिशीलन के बिना इस शिकायत के साथ संलग्न दस्तावेज के पहले, दूसरे और तीसरे पृष्ठ से बिल्कुल स्पष्ट है
Deputy General Manager Fertilizer Mr Narendra Singh quotes in its report that due to laxity of the transport contractor, few bags partially got wet and no fault of the any staff of department found. Who had authorized the transport contractor to provide written permission to department of Railways that in case of damages, no compensation will be claimed from Railways?
उप महाप्रबंधक उर्वरक श्री नरेंद्र सिंह ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि परिवहन ठेकेदार की ढिलाई के कारण कुछ बोरे आंशिक रूप से भीग गए और विभाग के किसी भी कर्मचारी की कोई गलती नहीं मिली. रेलवे विभाग को लिखित अनुमति प्रदान करने के लिए परिवहन ठेकेदार को किसने अधिकृत किया था कि नुकसान के मामले में, रेलवे से कोई मुआवजे का दावा नहीं किया जाएगा?
वह स्टाफ दोषी है जिसने माल अधीक्षक मिर्ज़ापुर से लिखित परमिशन मागी और यह परमिशन इस शर्त के साथ रेलवे द्वारा प्रदान किया गया की पार्टी द्वारा किसी भी छति पूर्ति का दावा रेलवे से नहीं किया जाएगाआश्चर्य की बात यह है की सब कुछ जानते हुए भी मुख्य मंत्री कार्यालय अनजान बन रहा है और एक लापरवाह नौकरशाह की लापरवाही को नजरअंदाज कर रहा है
श्री मान जी खाद दो बार भीगी है पहली बार १४ हजार बोरी D.A.P. अर्थात डाई अमोनियम फॉस्फेट जिसकी कीमत एक करोड़ थी और दूसरी बार २५ हजार बोरी यूरिया जिसकी कीमत भी लगभग एक करोड़ थी प्रकरण का पहली बार ही शिकायत की गई थी और वाकायदा मीडिया कवरेज हुआ था किन्तु उसका कोई असर नहीं था और दूसरी बार फिर खाद भीगने की घटना घटी सम्बेदनहीन नौकरशाही का जीता जागता उदाहरण है
वर्षा जल से खाद भीग गई जिसके कारण सरकार को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ आज 5 साल बाद उत्तर प्रदेश सरकार का कर्मचारी यह कह रहा है कि खाद वर्षा के जल से आंशिक रूप से भीगी थी Manure got wet due to rain water due to which the government suffered a lot. Today, after 5 years, an employee of the Uttar Pradesh government is saying that the manure was partially soaked by rain water. How is justice justified by a state government employee submitting such irresponsible reports? प्रदेश सरकार के कर्मचारी द्वारा इस तरह गैर जिम्मेदाराना आख्या प्रस्तुत करना किस तरह से न्याय उचित है श्रीमान जी क्या यही सुशासन है जैसा कि देश के दिग्गज नेता रूलिंग पार्टी के दावा कर रहे हैं Sir, is this good governance as claimed by the ruling party leaders of the country? Think about the mismanagement in the Government machinery in the state of Uttar Pradesh where grievance of the common people reaches to the concerned mandate after 5 years even when the matter concerns the deep rooted corruption quite obvious from the media reports.
श्री मान यह मामला आपके Uttar Pradesh Cooperative Federation Limited U.P. Cooperative Federation Ltd. Popularly known as PCF से सम्बंधित है और वह स्टाफ दोषी है जिसने माल अधीक्षक मिर्ज़ापुर से लिखित परमिशन मागी और यह परमिशन इस शर्त के साथ रेलवे द्वारा प्रदान किया गया की पार्टी द्वारा किसी भी छति पूर्ति का दावा रेलवे से नहीं किया जाएगाआश्चर्य की बात यह है की सब कुछ जानते हुए भी मुख्य मंत्री कार्यालय अनजान बन रहा है और एक लापरवाह नौकरशाह की लापरवाही को नजरअंदाज कर रहा है
Sir the matter concerns the loss of 20 million rupees of fertilizer and the applicant is struggling for more than four years and the most unfortunate thing is that the chief minister office has no interest to fix the accountability of the concerned personnel
Grievance Document
Current Status
Grievance Received
Date of Action
29/06/2022
Officer Concerns To
Forwarded to
Prime Ministers Office
Officer Name
Mukul Dixit ,Under Secretary (Public)
Organisation name
Prime Ministers Office
Contact Address
Public Wing 5th Floor, Rail Bhawan New Delhi
Email Address
us-public.sb@gov.in
Contact Number
011-23386447
श्री मान जी खाद दो बार भीगी है पहली बार १४ हजार बोरी D.A.P. अर्थात डाई अमोनियम फॉस्फेट जिसकी कीमत एक करोड़ थी और दूसरी बार २५ हजार बोरी यूरिया जिसकी कीमत भी लगभग एक करोड़ थी प्रकरण का पहली बार ही शिकायत की गई थी और वाकायदा मीडिया कवरेज हुआ था किन्तु उसका कोई असर नहीं था और दूसरी बार फिर खाद भीगने की घटना घटी सम्बेदनहीन नौकरशाही का जीता जागता उदाहरण है
ReplyDeleteवर्षा जल से खाद भीग गई जिसके कारण सरकार को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ आज 5 साल बाद उत्तर प्रदेश सरकार का कर्मचारी यह कह रहा है कि खाद वर्षा के जल से आंशिक रूप से भीगी थी