Think about deep-rooted corruption in Lucknow Development Authority


संदर्भ संख्या : 40015722002323 , दिनांक - 10 Jan 2022 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40015722002323

आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singhविषय-Complaint Diary No 1865/IN/2021 Section CHPR Language ENGLISH Mode BY INTERNETReceived Date 20/07/2021 Complaint Date 20/07/2021 Victim Victim Name DINESH PRATAP SINGH Gender Male Religion Hindu Cast General Address S/O ANGAD PRASAD Action Date 14/12/2021 Authority THE VICE CHAIRMAN, LUCKNOW DEVELOPMENT AUTHORITY, LUCKNOWProcceeding याचिका की प्रतिलिपि उपाध्यक्ष, लखनऊ विकास प्राधिकरण, लखनऊ को इस निर्देश के साथ भेज दी जाये कि वह प्रार्थी श्री योगी एम0पी0 सिंह दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र के सन्दर्भ में जारी किये गये आदेशों के परिपेक्ष्य मे अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करायें। प्रार्थी की ओर से उपरोक्त सन्दर्भ में कृत कार्यवाही की सूचना नियमानुसार सूचनाए मांगी गई किन्तु आप ने अभी तक कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई श्री मान जी पिछले कई बार से आप द्वारा चाहे शिकायत हो या जन सूचना अधिकार  के तहत मांगी गयी सूचना हो आपने सभी का निस्तारण इस आधार पर किया है मामले में समिति गठित कर दी गयी है जो आबंटन सम्बन्धी अनियमितता और निबंधन विलेख संपादन करने में अनियमितता की जांच कर रही है जांच पूर्ण करने के उपरांत आप को सूचना दे दी जाएगी किन्तु आप ने गठन सम्बन्धी जानकारी जैसे सदस्यों की जानकारी समित नामित करने वाले की जानकारी गोपनीय रखी जब की प्रकरण भ्र्ष्टाचार से सम्बंधित है और आप ने इस भी स्पस्ट नहीं किया की समिति कब तक जांच पूर्ण करेंगी श्री मन कई महीने बीत गए किन्तु आप द्वारा कोई पत्राचार नहीं किया गया श्री मान जी पिछले तीन वर्षो से आप द्वारा अनियमितता की जांच की जा रही है और वस्तु स्थित यह है की आप द्वारा स्मरण पत्रों की बौछार की गई किन्तु दोषियों ने कोई जवाब नहीं दिया थक हार कर  आप अपनी नपुंसकता छिपाने के लिए समिति गठित कर दी श्री मान जी क्या समिति की भी जांच उसी तरह से निष्प्रभावी हो जाएगी जैसा की आप की पूर्व की जांचे श्री मान जी क्या समिति द्वारा जांच का सहारा ले कर जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं को इंकार करना और भ्र्ष्टाचार को छुपाना क्या अपराध नहीं है क्या माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करके निबंधन की कार्यवाही बिना सम्बंधित दस्तावेजों का परिशीलन किये करना अपराध की कोटि में नहीं  आता श्री मान जी क्या बिभाग पूर्ण रूप से भ्र्ष्टाचार रुपी दानव के शिकंजे में नहीं फस चुका है जहा भ्र्ष्टाचार के बिरुद्ध कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपा पोती होती है और कुछ नहीं जैसा की टालमटोल से स्पस्ट है श्री मान जी सौ में से एक दो तो ईमानदार होइए हर कोई बेईमान हो जाएगा तो देश कहा जाएगा श्री मान जी आप की रजिस्ट्री को ही आधार बना कर पुलिस द्वारा प्रार्थी और प्रार्थी के परिवार पर बर्बरता पूर्ण कार्यवाही किया गया तत्कालीन अधिकारियों द्वारा सिर्फ जेबे गरम की गई माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करके निबंधन की कार्यवाही बिना सम्बंधित दस्तावेजों का परिशीलन किये करना 

विभाग -विकास प्राधिकरणशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-25-01-2022शिकायत की स्थिति-

स्तर -विकास प्राधिकरणपद -उपाध्यक्ष

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-

फीडबैक की स्थिति -

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अग्रसारित विवरण :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 10-01-2022 25-01-2022 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण अनमार्क


जनसुनवाई

समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली, उत्तर प्रदेश

सन्दर्भ संख्या:-  40015722002323

लाभार्थी का विवरण

नाम Dinesh Pratap Singh पिता/पति का नाम Angad Prasad Singh

मोबइल नंबर(१) 9838919619 मोबइल नंबर(२)

आधार कार्ड न. ई-मेल myogimpsingh@gmail.com

पता Mohalla Surekapuram, Shree Lakshmi Baikunth Mahadev Mandir Jabalpur Road District Mirzapur

आवेदन पत्र का ब्यौरा

आवेदन पत्र का संक्षिप्त ब्यौरा Complaint Diary No 1865/IN/2021 Section CHPR Language ENGLISH Mode BY INTERNETReceived Date 20/07/2021 Complaint Date 20/07/2021 Victim Victim Name DINESH PRATAP SINGH Gender Male Religion Hindu Cast General Address S/O ANGAD PRASAD Action Date 14/12/2021 Authority THE VICE CHAIRMAN, LUCKNOW DEVELOPMENT AUTHORITY, LUCKNOWProcceeding याचिका की प्रतिलिपि उपाध्यक्ष, लखनऊ विकास प्राधिकरण, लखनऊ को इस निर्देश के साथ भेज दी जाये कि वह प्रार्थी श्री योगी एम0पी0 सिंह दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र के सन्दर्भ में जारी किये गये आदेशों के परिपेक्ष्य मे अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करायें। प्रार्थी की ओर से उपरोक्त सन्दर्भ में कृत कार्यवाही की सूचना नियमानुसार सूचनाए मांगी गई किन्तु आप ने अभी तक कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई श्री मान जी पिछले कई बार से आप द्वारा चाहे शिकायत हो या जन सूचना अधिकार  के तहत मांगी गयी सूचना हो आपने सभी का निस्तारण इस आधार पर किया है मामले में समिति गठित कर दी गयी है जो आबंटन सम्बन्धी अनियमितता और निबंधन विलेख संपादन करने में अनियमितता की जांच कर रही है जांच पूर्ण करने के उपरांत आप को सूचना दे दी जाएगी किन्तु आप ने गठन सम्बन्धी जानकारी जैसे सदस्यों की जानकारी समित नामित करने वाले की जानकारी गोपनीय रखी जब की प्रकरण भ्र्ष्टाचार से सम्बंधित है और आप ने इस भी स्पस्ट नहीं किया की समिति कब तक जांच पूर्ण करेंगी श्री मन कई महीने बीत गए किन्तु आप द्वारा कोई पत्राचार नहीं किया गया श्री मान जी पिछले तीन वर्षो से आप द्वारा अनियमितता की जांच की जा रही है और वस्तु स्थित यह है की आप द्वारा स्मरण पत्रों की बौछार की गई किन्तु दोषियों ने कोई जवाब नहीं दिया थक हार कर  आप अपनी नपुंसकता छिपाने के लिए समिति गठित कर दी श्री मान जी क्या समिति की भी जांच उसी तरह से निष्प्रभावी हो जाएगी जैसा की आप की पूर्व की जांचे श्री मान जी क्या समिति द्वारा जांच का सहारा ले कर जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं को इंकार करना और भ्र्ष्टाचार को छुपाना क्या अपराध नहीं है क्या माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करके निबंधन की कार्यवाही बिना सम्बंधित दस्तावेजों का परिशीलन किये करना अपराध की कोटि में नहीं  आता श्री मान जी क्या बिभाग पूर्ण रूप से भ्र्ष्टाचार रुपी दानव के शिकंजे में नहीं फस चुका है जहा भ्र्ष्टाचार के बिरुद्ध कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपा पोती होती है और कुछ नहीं जैसा की टालमटोल से स्पस्ट है श्री मान जी सौ में से एक दो तो ईमानदार होइए हर कोई बेईमान हो जाएगा तो देश कहा जाएगा श्री मान जी आप की रजिस्ट्री को ही आधार बना कर पुलिस द्वारा प्रार्थी और प्रार्थी के परिवार पर बर्बरता पूर्ण कार्यवाही किया गया तत्कालीन अधिकारियों द्वारा सिर्फ जेबे गरम की गई माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करके निबंधन की कार्यवाही बिना सम्बंधित दस्तावेजों का परिशीलन किये करना 

संदर्भ दिनांक 10-01-2022 पूर्व सन्दर्भ(यदि कोई है तो) 0,0

विभाग आवास एवं शहरी नियोजन शिकायत श्रेणी विकास प्राधिकरण से सम्बंधित

लाभार्थी का विवरण/शिकायत क्षेत्र का

शिकायत क्षेत्र का पता जिला- लखनऊ

Comments

  1. क्या माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करके निबंधन की कार्यवाही बिना सम्बंधित दस्तावेजों का परिशीलन किये करना अपराध की कोटि में नहीं आता श्री मान जी क्या बिभाग पूर्ण रूप से भ्र्ष्टाचार रुपी दानव के शिकंजे में नहीं फस चुका है जहा भ्र्ष्टाचार के बिरुद्ध कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपा पोती होती है और कुछ नहीं जैसा की टालमटोल से स्पस्ट है श्री मान जी सौ में से एक दो तो ईमानदार होइए हर कोई बेईमान हो जाएगा तो देश कहा जाएगा श्री मान जी आप की रजिस्ट्री को ही आधार बना कर पुलिस द्वारा प्रार्थी और प्रार्थी के परिवार पर बर्बरता पूर्ण कार्यवाही किया गया तत्कालीन अधिकारियों द्वारा सिर्फ जेबे गरम की गई माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करके निबंधन की कार्यवाही बिना सम्बंधित दस्तावेजों का परिशीलन किये करना

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  2. It seems that Yogi government has been habitual to overlook the matter concerning with the deep rooted corruption. Whether it is justified to advocate honesty on the public fora and overlook the matter of corruption.

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