Sugun Singh claims that wheat and paddy was purchased by Nitin Singh Amit Kumar while his son is Nitin Singh so F.I.R. must be registered
4 अंतरित जिलाधिकारी ( ) 05-10-2021 नियमनुसार आवश्यक कार्यवाही करें जिला पूर्ति अधिकारी-मिर्ज़ापुर,खाद्य एवं रसद विभाग 06-10-2021 उक्त प्रकरण की जांच पूर्ति निरीक्षक द्वारा की गयी पूर्ति निरीक्षक की जांच आख्या अनुसार शिकायतकर्ता श्री योगी एम पी सिंह द्वारा राशनकार्ड कट जाने की शिकायत की गयी है। उक्त के संबंध में अवगत कराना है कि श्रीमती सगुन सिंह राशनकार्ड संख्या 219940604126 से ट्र्ान्जेक्शन आइ डी संख्या 1990305426नितिन सिंह के नाम से 396763.20 रूपये का सरकारी क्रय केन्द्र पर विक्रय किया गया जिसके कारण शिकायतकर्ता का राशनकार्ड विलोपित कर दिया गया। आख्या सेवा में सादर प्रेषित। निस्तारित
अधिकारी द्वारा शिकायत का अंतिम निस्तारण कर दिया गया है | अंतिम निस्तारण के बाद आप फीडबैक दर्ज नहीं कर सकते है| निम्न में से कोई एक अंतिम निस्तारण का कारण हो सकता हैं 1-वाद-न्यायालय में विचाराधीन है / स्थगित है, 2-प्रकरण न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है, 3-आवेदक योजना हेतु अपात्र है, 4-धनराशि की अनुपलब्धता, 5-अन्य कारण, 6-वाद राजस्व न्यायालय में विचाराधीन है / स्थगित है, 7-प्रकरण सुझाव श्रेणी का है , 8-प्रकरण मांग श्रेणी का है , 9-नौकरी/आर्थिक सहायता दिए जाने सम्बन्धी मांग, 10-नीति विषयक प्रकरण, 11-विभाग से सम्बंधित नहीं, 12-सूचना के अधिकार सम्बन्धी प्रकरण
संदर्भ संख्या : 60000210152648 , दिनांक - 25 Jan 2022 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-60000210152648
आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-From the first page of the attached PDF document, it is quite obvious that no enquiry was carried out by the government of Uttar Pradesh regarding the ration cardholders who sold paddy and wheat over three Lakh rupees. How can office of the district supply officer Mirzapur cancel the ration card of large number of ration cardholders merely on the bogus report prepared by the corrupt staffs of the government concerned with the malpractices of the government staffs themselves? Why the government of Uttar Pradesh is frightened itself in ordering a transparent and accountable enquiry through a proper agency which may look into the matter at the grassroot level. Submissions before Uttar Pradesh Human Rights Commission. The matter concerns the 415 arbitrary cancellation Ration cards of the poor Ration cardholders living below the poverty line in the development block- Chhanvey alone without pursuing due procedure of the law by the S.D.M. Sadar Mr. Gaurav Shrivastava. Undoubtedly, S.D.M. Gaurav Shrivastava cancelled the 415 ration cards of poor people merely on the ground that they have sold the wheat and paddy of price above Rs.300000.00 to achieve the cheap popularity of honesty, but he did not ensure that whether seller is family member of the poor ration cardholder or planted agent of the department of the civil supply district Mirzapur? Sir, whether presumption innocence was followed by the S.D.M. Sadar Mr. Gaurav Shrivastava in awarding punishment to the poor ration cardholders by cancelling the ration card on the large scale without any finding which may prove them guilty. Ipso facto there is large scale human rights violation by the S.D.M. Sadar Mr. Gaurav Shrivastava in order to conceal the wrongdoings of corrupt public staffs belonging to the same department using rice mill owners, own agents and intermediaries to pave the way for malpractices. Now family of the innocent poor ration cardholders is on verge of hunger because of tyranny and arbitrariness of the S.D.M. Sadar Mr. Gaurav Shrivastava therefore the matter concerns the large scale violation of the human rights must be looked into by the Honourable commission. Deaths due to starvation must be avoided Sir. Paddy and wheat of Rs.396763.20 sold in the name of Son Nitin Singh of the widow Sugun Singh W/O Late Krishna Kumar Singh, both don't know about conspiracy. शिकायत संख्या:-40019921018111 आवेदक का नाम- Sugun Singh विषय-बिना सारगर्भित जांच के आपने प्रार्थिनी का राशन कार्ड कैंसिल कर दिया इसलिए शीघ्रता से उसे बिना टाल मटोल के उसको बहाल करे तथा ईमानदार अधिकारिओं की टीम से बहुत बड़े घोटाले का खुलासा करे अन्यथा झूठा घंटा पीटते रहे ईमानदारी का और राशन कार्ड बहाली के नाम पर भी कमाई करे Applicant is a widow whose name is Sugun Singh and name of the husband is Late Krishna Kumar Singh. विकास खंड छानवे तहसील -सदर जनपद -मिर्ज़ापुर में राशन कार्ड धारको द्वारा तीन लाख से ऊपर धान और गेहू विक्रय करने वाले राशन कार्ड धारको की सूची में मेरे पुत्र नितिन सिंह का सूची में नाम है जिसका विवरण निम्न है Serial number-271, District- Mirzapur, Farmer ID-1990305426, Farmer-NITIN SINGH, Aadhaar name-AMIT KUMAR, Amount-396763.20 Ration Card ID-219940604126 RC Head of Family Name- SUGUN SINGH, block Name- CHHANVEY, Shopkeeper NAME-MUKESH KUMAR SINGH Short submissions are as follows. 1-You may also provide the account detail through which transactions were made. 2-You may disclose the detail of the Aadhaar name-AMIT KUMAR, who is the link to reach the other members of the scamsters. 3-How the Farmer ID-1990305426, Farmer-NITIN SINGH,was prepared without adopting due procedure of the law? 4-Why blatant misuse of power was not checked but concerned preferred to cancel the Ration card on the Large scale injured the interest of the vulnerable section of the people?
विभाग -खाद्य एवं रसद विभागशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-30-09-2021शिकायत की स्थिति-
स्तर -शासन स्तरपद -अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश/आपत्ति दिनांक आदेश/आपत्ति आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति संलगनक
1 अंतरित लोक शिकायत अनुभाग -3(, मुख्यमंत्री कार्यालय ) 15-09-2021 कृपया शीघ्र नियमानुसार कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गई है। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव -खाद्य एवं रसद विभाग 06-10-2021 अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित निक्षेपित
2 अंतरित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव (खाद्य एवं रसद विभाग ) 04-10-2021 नियमनुसार आवश्यक कार्यवाही करें आयुक्त -खाद्य 06-10-2021 अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित निक्षेपित
3 अंतरित आयुक्त (खाद्य ) 05-10-2021 कृपया जॉंचोपरान्त आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें जिलाधिकारी-मिर्ज़ापुर, 06-10-2021 अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित निक्षेपित
4 अंतरित जिलाधिकारी ( ) 05-10-2021 नियमनुसार आवश्यक कार्यवाही करें जिला पूर्ति अधिकारी-मिर्ज़ापुर,खाद्य एवं रसद विभाग 06-10-2021 उक्त प्रकरण की जांच पूर्ति निरीक्षक द्वारा की गयी पूर्ति निरीक्षक की जांच आख्या अनुसार शिकायतकर्ता श्री योगी एम पी सिंह द्वारा राशनकार्ड कट जाने की शिकायत की गयी है। उक्त के संबंध में अवगत कराना है कि श्रीमती सगुन सिंह राशनकार्ड संख्या 219940604126 से ट्र्ान्जेक्शन आइ डी संख्या 1990305426नितिन सिंह के नाम से 396763.20 रूपये का सरकारी क्रय केन्द्र पर विक्रय किया गया जिसके कारण शिकायतकर्ता का राशनकार्ड विलोपित कर दिया गया। आख्या सेवा में सादर प्रेषित। निस्तारित
Grievance Status for registration number : GOVUP/E/2021/63142
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Yogi M. P. Singh
Date of Receipt
30/10/2021
Received By Ministry/Department
Uttar Pradesh
Grievance Description
An application on behalf of Nitin Singh S/O Sugun Singh W/O Late Krishna Kumar Singh under Article 51 A of the constitution of India to know account detail and action. It seems that entire bureaucracy in the state has been crippled and incompetent because of rampant corruption in the government machinery. Everyone knows that punishment is awarded to those who are guilty if the Son of Sugun Singh did not commit any wrong, then why did government of Uttar Pradesh cancel the Ration card of the Sugun Singh ipso facto? Here this question arises that what enquiry was carried out by the supply inspector? How can supply inspector says that paddy and wheat was sold by Nitin Singh while the actual fact is that concerned staff itself running out from providing any record concerned with illegal transactions made in the name of Nitin Singh so that actual wrongdoers may be exposed? My demand is to carry out enquiry into the matter so that whoever is the beneficiary of illegal transactions may be subjected to penal action of the law of land. Who is Amit Kumar must be revealed by the concerned staffs of the government? If the amount is available in the account of Nitin Singh opened on his name, then provide the account detail otherwise defaulters will take away that money. I sought this information under RTI on behalf of Sugun Singh and his son, but D.M. Mirzapur is escaping from the matter. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव खाद्य एवं रसद विभाग महोदय आप का रिपोर्ट और आप की क्षमता ब्यथा को समझने की दोनों पर प्रश्न चिन्ह है श्री मान जी जिस राशि की बात आप कर रहे है वही प्रार्थी पुत्र को मिल जाय फिर प्रार्थी को किसी राशन कार्ड की आवश्यकता ही नहीं है किन्तु वह पैसा तो आप के विभाग का दलाल ले गया जो आप लोगो तक फिर पहुंच गया अन्यथा आप द्वारा प्रार्थी द्वारा चाही सूचनाओं को गोपनीय क्यों रखा जा रहा है The disposal of the following grievance is not according to the submissions of the grievance because they know that if the submissions of the grievance will be touched then wrongdoers of the department will be exposed. Sir, a guilty is punished but here is अंधेर नगरी चौपट राजा टका सेर भाजी टका खाजा जिन्होंने ने चमन को लूटा वे गुलछर्रे उड़ा रहे है स्वयं घोषित ईमानदार और न्यायी शासक निरीह जनता को जो की निर्दोष है को दण्डित कर रहा है हे न्यास को धारण करने वाले जब न्यास धारण करने की क्षमता नहीं थी तो धारण क्यों किया जब न्यासी स्थापित मानदंडों का उल्लंघन करे तो समाज का पतन निश्चित है जनता को समझ लेना चाहिये अधिकारी द्वारा शिकायत का अंतिम निस्तारण कर दिया गया है
It is quite obvious that no enquiry was carried out by the government of Uttar Pradesh regarding the ration cardholders who sold paddy and wheat over three Lakh rupees. How can the office of the district supply officer Mirzapur cancel the ration card of a large number of ration cardholders merely on the bogus report prepared by the corrupt staff of the government concerned with the malpractices of the government staff themselves? Why the government of Uttar Pradesh is frightened itself in ordering a transparent and accountable enquiry through a proper agency which may look into the matter at the grassroot level. Submissions before Uttar Pradesh Human Rights Commission. Undoubtedly the applicant and the entire aggrieved people knew about the reason for cancellation of the Ration card. Which is quite obvious from the submissions of the grievance? Therefore, they had to focus on the focused point of the grievance like 1-You may also provide the account details through which transactions were made. 2-You may disclose the detail of the Aadhaar name-AMIT KUMAR, who is the link to reach the other members of the scamsters. 3-How the Farmer ID-1990305426, Farmer-NITIN SINGH,was prepared without adopting due procedure of the law? 4-Why blatant misuse of power was not checked but the concerned preferred to cancel the Ration card on the large scale, injuring the interest of the vulnerable section of the people? They are not checking the aforementioned point which implies that their hands are also under gloves.
Grievance Document
Current Status
Under process
Date of Action
30/10/2021
Officer Concerns To
Officer Name
Shri Arun Kumar Dube (Joint Secretary)
Organisation name
Uttar Pradesh
Contact Address
Chief Minister Secretariat U.P. Secretariat, Lucknow
Email Address
sushil7769@gmail.com
Contact Number
05222215127
Grievance Status for registration number : GOVUP/E/2021/63144
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Yogi M P Singh
Date of Receipt
30/10/2021
Received By Ministry/Department
Uttar Pradesh
Grievance Description
An application on behalf of Nitin Singh S/O Sugun Singh W/O Late Krishna Kumar Singh under Article 51 A of the constitution of India to know account detail and action. It seems that entire bureaucracy in the state has been crippled and incompetent because of rampant corruption in the government machinery. Everyone knows that punishment is awarded to those who are guilty if the Son of Sugun Singh did not commit any wrong, then why did government of Uttar Pradesh cancel the Ration card of the Sugun Singh ipso facto? Here this question arises that what enquiry was carried out by the supply inspector? How can supply inspector says that paddy and wheat was sold by Nitin Singh while the actual fact is that concerned staff itself running out from providing any record concerned with illegal transactions made in the name of Nitin Singh so that actual wrongdoers may be exposed? My demand is to carry out enquiry into the matter so that whoever is the beneficiary of illegal transactions may be subjected to penal action of the law of land. Who is Amit Kumar must be revealed by the concerned staffs of the government? If the amount is available in the account of Nitin Singh opened on his name, then provide the account detail otherwise defaulters will take away that money. I sought this information under RTI on behalf of Sugun Singh and his son, but D.M. Mirzapur is escaping from the matter. अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव खाद्य एवं रसद विभाग महोदय आप का रिपोर्ट और आप की क्षमता ब्यथा को समझने की दोनों पर प्रश्न चिन्ह है श्री मान जी जिस राशि की बात आप कर रहे है वही प्रार्थी पुत्र को मिल जाय फिर प्रार्थी को किसी राशन कार्ड की आवश्यकता ही नहीं है किन्तु वह पैसा तो आप के विभाग का दलाल ले गया जो आप लोगो तक फिर पहुंच गया अन्यथा आप द्वारा प्रार्थी द्वारा चाही सूचनाओं को गोपनीय क्यों रखा जा रहा है The disposal of the following grievance is not according to the submissions of the grievance because they know that if the submissions of the grievance will be touched then wrongdoers of the department will be exposed. Sir, a guilty is punished but here is अंधेर नगरी चौपट राजा टका सेर भाजी टका खाजा जिन्होंने ने चमन को लूटा वे गुलछर्रे उड़ा रहे है स्वयं घोषित ईमानदार और न्यायी शासक निरीह जनता को जो की निर्दोष है को दण्डित कर रहा है हे न्यास को धारण करने वाले जब न्यास धारण करने की क्षमता नहीं थी तो धारण क्यों किया जब न्यासी स्थापित मानदंडों का उल्लंघन करे तो समाज का पतन निश्चित है जनता को समझ लेना चाहिये अधिकारी द्वारा शिकायत का अंतिम निस्तारण कर दिया गया है
It is quite obvious that no enquiry was carried out by the government of Uttar Pradesh regarding the ration cardholders who sold paddy and wheat over three Lakh rupees. How can the office of the district supply officer Mirzapur cancel the ration card of a large number of ration cardholders merely on the bogus report prepared by the corrupt staff of the government concerned with the malpractices of the government staff themselves? Why the government of Uttar Pradesh is frightened itself in ordering a transparent and accountable enquiry through a proper agency which may look into the matter at the grassroot level. Submissions before Uttar Pradesh Human Rights Commission. Undoubtedly the applicant and the entire aggrieved people knew about the reason for cancellation of the Ration card. Which is quite obvious from the submissions of the grievance? Therefore, they had to focus on the focused point of the grievance like 1-You may also provide the account details through which transactions were made. 2-You may disclose the detail of the Aadhaar name-AMIT KUMAR, who is the link to reach the other members of the scamsters. 3-How the Farmer ID-1990305426, Farmer-NITIN SINGH, was prepared without adopting due procedure of the law? 4-Why blatant misuse of power was not checked but the concerned preferred to cancel the Ration card on the large scale, injuring the interest of the vulnerable section of the people? Please withdraw the payment made into the account of Nitin Singh otherwise wrondoers will take away.
Grievance Document
Current Status
Under process
Date of Action
30/10/2021
Officer Concerns To
Officer Name
Shri Arun Kumar Dube (Joint Secretary)
Organisation name
Uttar Pradesh
Contact Address
Chief Minister Secretariat U.P. Secretariat, Lucknow
Email Address
sushil7769@gmail.com
Contact Number
05222215127
श्री मान जी 396763.20 रूपये का सरकारी क्रय केन्द्र पर विक्रय नितिन सिंह अमित कुमार द्वारा किया गया जो की जिलाविपणन अधिकारी जिला पूर्ति अधिकारी का एजेंट था जिसको लोकल स्तर पर सपोर्ट किया जा रहा था पूर्ति निरीक्षक छानवे द्वारा इसलिए मामले में बिना प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किये कोई हल नहीं निकलेगा इसलिए प्रकरण को पुलिस को ट्रांसफर किया जाय और उपरोक्त के विरुद्ध पुलिस द्वारा कार्यवाही कराया जाना समीचीन है सोचिये जब रक्षक ही भक्षक बन जाएगा तो क्या होगा प्रभु ही मालिक है
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