आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019921026052
आवेदक का नाम-Kamlesh Singhविषय-आवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:-40019921021728 जिसका विवरण आंग्लभाषा में संलग्न है इस प्रत्यावेदन के साथ और उस आंग्ल भाषा का हिंदी रूपांतरण यह है दिलीप सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह एवं रघुवर दयाल सिंह पुत्र भानु प्रताप सिंह के विरुद्ध विद्युत मोटर एवं बोरिंग वाले विद्युत कनेक्शन के परिसर को जो की कमलेश सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह का है हड़पने के आरोप में आपराधिक दंड संहिता की धारा 156 की उपधारा 1 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है और अब गैर कानूनी आटा चक्की का संचालन जो पंजीकृत प्राथमिकी धारा 135 के तहत बिजली चोरी के मामले से बिल्कुल स्पष्ट है पीड़ित प्रार्थी कमलेश सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह पता ग्राम कोथरा कांतित, पोस्ट श्री निवास धाम, पुलिस थाना जिगना पिनकोड 231313 राज्य उत्तर प्रदेश देश भारत आरोपी-1-दिलीप सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह पता ग्राम कोथरा कांतित, पोस्ट श्री निवास धाम, थाना जिगना पिनकोड 231313 राज्य उत्तर प्रदेश देश भारत आरोपी 2-रघुवर दयाल सिंह पुत्र भानु प्रताप सिंह पता ग्राम कोथरा कांतित, पोस्ट श्री निवास धाम, थाना जिगना पिनकोड 231313 राज्य उत्तर प्रदेश देश भारत आरोप-उपरोक्त दोनों आरोपियों द्वारा कमलेश सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह के विद्युत कनेक्शन के परिसर को कब्जा करके जबरदस्ती उपयोग करने से सम्बंधित है जिसका बिल बकाया इस समय २०००० हजार रुपये है गैर कानूनी आटा चक्की का संचालन उपरोक्त द्वारा किया जा रहा है जो पंजीकृत प्राथमिकी धारा 135 के तहत बिजली चोरी के लिए विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंता द्वारा पंजीकृत कराया गया है।रिपोर्ट अधिशाषी अभियंता द्वारा प्रस्तुत विद्युत वितरण संभाग द्वितीय श्री. मनोज कुमार यादव, यह सिद्ध कर दिया है कि दिलीप सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह द्वारा बिजली चोरी और वह रंगे हाथों पकड़ा गया है जिसके परिणामस्वरूप एफ.आई.आर. जैसा कि विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंता द्वारा पंजीकृत कराया गया है। परिणाम स्वरूप उपरोक्त दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की निम्न धाराएं लगाई जाय धारा 441 (आपराधिक अतिचार): जब कोई व्यक्ति अवैध रूप से किसी संपत्ति में प्रवेश करता है, या कानूनी रूप से एक संपत्ति में प्रवेश करता है, लेकिन अपराध करने के इरादे से या व्यक्ति को डराने, अपमानित करने या परेशान करने के इरादे से वहां (जैसे किरायेदारी की समाप्ति के बाद एक किरायेदार) रहता है। ऐसी संपत्ति के कब्जे में, यह आपराधिक अतिचार के बराबर है। धारा 425 (शरारत): जब कोई जानबूझकर या जानबूझकर किसी संपत्ति को नष्ट करता है या किसी संपत्ति में कोई बदलाव करता है जिससे उसका मूल्य या उपयोगिता कम हो जाती है, तो उन्हें "शरारत" कहा जाता है। धारा 420 (धोखाधड़ी): यह प्रावधान तब लागू होता है जब कोई व्यक्ति आपको किसी अन्य को संपत्ति देने के लिए धोखा देता है और धोखा देता है। #धारा 442 (गृह अतिचार): यह "आपराधिक अतिचार" का एक रूप है जहां अतिचार किसी मानव आवास, या पूजा स्थल के रूप में या संपत्ति की अभिरक्षा के लिए एक स्थान के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी इमारत में अवैध रूप से प्रवेश करता है। धारा 503 (आपराधिक धमकी): किसी व्यक्ति, प्रतिष्ठा या संपत्ति को चोट पहुंचाने का कोई भी खतरा उन्हें कुछ ऐसा करने के लिए प्रेरित करता है जिसे करने के लिए वे कानूनी रूप से बाध्य नहीं हैं, यह "आपराधिक धमकी" का एक रूप है।महोदय अब आप बताये आप की आख्या जो सी श्रेणीकृत करने से पहले लगी है या जो बाद में लगी है जनसुनवाई पोर्टल पर किस तरह से प्रार्थी के व्यथा का निवारण करती है
विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-26-11-2021शिकायत की स्थिति-
स्तर -क्षेत्राधिकारी स्तरपद -क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक19-11-2021 को फीडबैक:-श्री मान जी पुलिस उपनिरीक्षक महोदय की रिपोर्ट ही उनकी विवेकहीनता प्रदर्शित करती है अब तो विवरण हिंदी में है श्री मान जी किस तरह से दिलीप सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह द्वारा कमलेश सिंह के कनेक्शन का उपयोग किया जाना न्यायोचित है उनके ही रिपोर्ट से स्पस्ट है की परिसर का उपयोग दिलीप सिंह पुत्र रघुवर दयाल द्वारा किया जा रहा है आप कह रहे है विद्युत् बिल का भुगतान कमलेश सिंह को करना है और परिसर का उपयोग और बिजली का बिल कमलेश सिंह के नाम है आप के अनुसार कमलेश सिंह को ही भरना है श्री मान जी कमलेश सिंह अपना कनेक्शन चला रहे है उनको अपना बिल भरना है तो दिलीप सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह अभी तक कौन कनेक्शन चला रहे है आप का रिपोर्ट पक्षपात पूर्ण है और भ्र्ष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है बहुत आश्चर्य है की वरिष्ठ अधिकारी प्रकरण पर चुप्पी साधे है श्री मान जी आपके उपनिरीक्षक कह रहे है जो बिद्युत बिल आया है उसका भुगतान कमलेश सिंह करे जब की उसको चलाएंगे दिलीप सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह न तो वे परिसर छोड़ेगे और न ही बिल भरेंगे हां बिद्युत मोटर जरूर चलाएंगे ऐसे उपनिरीक्षकों की मदद ले कर हे भगवन रक्षा करे
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अग्रसारित विवरण :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 12-11-2021 19-11-2021 थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक-जिगना,जनपद-मिर्ज़ापुर,पुलिस आख्या उच्च स्तर पर प्रेषित
2 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 19-11-2021 26-11-2021 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-लालगंज,जनपद-मिर्ज़ापुर,पुलिस शिकायतकर्ता द्वारा असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने पर उच्च अधिकारी को पुनः परीक्षण हेतु प्रेषित. अनमार्क
आप के अनुसार कमलेश सिंह को ही भरना है श्री मान जी कमलेश सिंह अपना कनेक्शन चला रहे है उनको अपना बिल भरना है तो दिलीप सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह अभी तक कौन कनेक्शन चला रहे है आप का रिपोर्ट पक्षपात पूर्ण है और भ्र्ष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है बहुत आश्चर्य है की वरिष्ठ अधिकारी प्रकरण पर चुप्पी साधे है श्री मान जी आपके उपनिरीक्षक कह रहे है जो बिद्युत बिल आया है उसका भुगतान कमलेश सिंह करे जब की उसको चलाएंगे दिलीप सिंह पुत्र रघुवर दयाल सिंह न तो वे परिसर छोड़ेगे और न ही बिल भरेंगे हां बिद्युत मोटर जरूर चलाएंगे ऐसे उपनिरीक्षकों की मदद ले कर हे भगवन रक्षा करे
ReplyDelete