This is failed effort of DFO Gorakhpur and chief conservator Gorakhpur to conceal its irregularities prevailed in their offices



संदर्भ संख्या : 40018821041353 , दिनांक - 30 Oct 2021 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40018821041353

आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:-40018821040996 आवेदक का नाम-Yogi M P Singh विषय-On one side of screen, yogi government in the state talk of good governance but on the other hand in the home district of Yogi Aditya Nath ji, there is a large-scale exploitation of the daily wage staff working in the purview of chief conservator Gorakhpur and Divisional Forest Officer Gorakhpur. Yogi Government thinking minimum pay wages in private sector but he must also think about the working of D.F.O. Gorakhpur and chief conservator Gorakhpur providing half of minimum wages to poor daily wage staff. Latest Minimum Wages for Shops & Establishment in Uttar Pradesh Important Note: The Uttar Pradesh Minimum Wages Notification (Oct 2021) Effective from Date: 1st Oct, 2021 Updated As On: 13th Oct, 2021 Unskilled Total Per Month 9184.00 Semi-skilled Total Per Month 10102.29  Skilled Total Per Month   11316.16  Divisional Forest Officer must know that minimum per month total wages for unskilled staff is Rs.9184 as decided by the government of Uttar Pradesh. PIO in the office of Divisional Forest Officer, Gorakhpur may provide the following information point wise as sought by the information seeker. Divisional Forest Officer must know that minimum per month total wages for unskilled staff is Rs.9184 as decided by the government of Uttar Pradesh. Here it must be noted that Divisional Forest Officer and Chief Conservator Gorakhpur are providing only 5000 rupees per month which is half of the minimum wages decided by the Yogi Aditya Nath government in the state. Our chief minister is failed to curb the exploitation of the poor labourers in his home district from where he was elected member of parliament for record times. श्री मान जी एक ही स्टेनो पिछले २० वर्षो से प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर और मुख्य बन संरक्षक गोरखपुर के लिए भी कार्य करता है जब की नए स्थानांतरण नीति के अनुसार तृतीय श्रेणी के कर्मचारी का डेस्क तीन वर्ष में बदल जाते है किन्तु यहा तो आराजकता का राज्य है यहा बिधि नहीं ब्यक्ति बड़ा है सोचिये १५० से भी ज्यादा दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का मामला है जिन्हे मामूली ५००० रूपये मासिक पारिश्रमिक दिया जाता है जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन का भी आधा है किन्तु स्टेनो महोदय का कमाल है जो योगी एम पी. सिंह के लिए एक पेज टाइप कर लिए है और हमारे हर प्रत्यावेदन में चाहे विषय वस्तु कुछ भी हो वही नोट डेट बदल कर रिपोर्ट के रूप में संलग्न कर देते है यहां पर नाम बदनाम करने की आवश्यकता नहीं है किन्तु महत्वपूर्ण यह सोचने की है गोरखपुर बन विभाग को पिछले २० वर्षो से क्या एक स्टेनो चला रहा है या पिछले २० वर्षो में जितने भी प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर और मुख्य बन संरक्षक गोरखपुर बनाये गए किसी ने ईश्वर द्वारा प्रदत्त विवेक का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि वही कार्यशैली अपनाई जो पूर्ववर्ती अधिकारिओं द्वारा अपनाई गई इस कार्यशैली से इस बात पर संदेह जाता है क्या ये सभी अधिकारी कही उस स्टेनो के दिमाग से तो नहीं चलते थे क्योकि पिछले चार वर्षो से मै देख रहा हूँ किसी भी प्रत्यावेदन में उपरोक्त अधिकारिओं द्वारा बिना गुण दोष की विवेचना किये पूर्ववर्ती अधिकारिओं द्वारा प्रस्तुत आख्या को दुहराया जाता है जो की स्वस्थ ब्यवस्था का संकेत नहीं है श्री मान जी यदि स्टेनो के ही दिमाग से चलना है तो उपरोक्त दोनों अधिकारिओं के तनख्वाह से चार स्टेनो की नियुक्ति होगी अर्थात इस बेरोजगारी में चार लोगो को सरकारी नौकरी मिलेगी बेरोजगारी कुछ कम होगी श्री मान किस आधार पर उपरोक्त स्टेनो महोदय गोरखपुर मंडल के उस के कुर्सी पर आसीन है जब कि योगी सरकार की नई तबादला नीति लागू है जिसका उद्देश्य भ्र्ष्टाचार दूर करना है किन्तु उसका सही ढंग से प्रवर्तन खुद गोरखपुर मंडल के बन विभाग में ही नहीं हुआ है एक व्यक्ति एक

विभाग -पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभागशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-05-11-2021शिकायत की स्थिति-

स्तर -जनपद स्तरपद -प्रभागीय वन अधिकारी

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक30-10-2021 को फीडबैक:-प्राप्त फीडबैक दिनांक29102021 को फीडबैकआवेदक द्वारा बताया गया है की आवेदक दिए गये समाधान से सहमत नही है ,आवेदक की समस्या अभी भी बनी हुई है,कृपया आवेदक की समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाये| फीडबैक की स्थिति जिलाधिकारी द्वारा संतोषजनक में परिवर्तितश्री मान जिलाधिकारी महोदय गोरखपुर क्या आप को भी प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर की कार्यशैली अच्छी लग रही है इसमें किसी का क्या दोष क्योकि हर दोष का विचारण व्यक्ति अपनी कार्यशैली और उससे उत्पन्न अनुभव और विवेक से करता है किन्तु यदि प्रार्थी यह कहे की उक्त स्टेनो स्टेनो का २० वर्षो के डेस्क का डिटेल उपलब्ध कराये तो जिलाधिकारी महोदय के पसीने छूटेंगे क्योकि प्रार्थी के आरोप अक्षरशः सत्य है आपने कहा की दो और स्टेनो है बेचारे भाग्य को कोष रहे होंगे क्यों की साहब  के साथ कार्य करने मौका नहीं मिला और रही  बात ईमानदारी की तो महालेखाकार इलाहाबाद की रिपोर्ट जिसके अनुसार ट्रेक्टर और मोटरसाइकिल से पौधरोपड़ हुआ है उसमे  प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर भी शामिल है योगी का शासन है थोड़ी सहिष्णुता दिखा रहा है अभी प्रार्थी को सूचना नहीं दिया गया प्रधान मुख्य बन संरक्षक द्वारा

फीडबैक की स्थिति -फीडबैक प्राप्त

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश/आपत्ति दिनांक आदेश/आपत्ति आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति संलगनक

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 26-10-2021 प्रभागीय वन अधिकारी-गोरखपुर,पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 29-10-2021 निस्तारण निस्तारित

संदर्भ संख्या : 40018821041013 , दिनांक - 30 Oct 2021 तक की स्थिति

आवेदनकर्ता का विवरण :

शिकायत संख्या:-40018821041013

आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-An application under Article 51 A of the constitution of India to make enquiry regarding the implementation and ramification of the excellent transfer policy of Government of Uttar Pradesh in Gorakhpur zone of the department of forest. Transfer policy of the government is attached herewith.  श्री मान जी एक ही स्टेनो पिछले २० वर्षो से प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर और मुख्य बन संरक्षक गोरखपुर के लिए भी कार्य करता है यहां पर नाम बदनाम करने की आवश्यकता नहीं है किन्तु महत्वपूर्ण यह सोचने की है गोरखपुर बन विभाग को पिछले २० वर्षो से क्या एक स्टेनो चला रहा है या पिछले २० वर्षो में जितने भी प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर और मुख्य बन संरक्षक गोरखपुर बनाये गए किसी ने ईश्वर द्वारा प्रदत्त विवेक का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि वही कार्यशैली अपनाई जो पूर्ववर्ती अधिकारिओं द्वारा अपनाई गई इस कार्यशैली से इस बात पर संदेह जाता है क्या ये सभी अधिकारी कही उस स्टेनो के दिमाग से तो नहीं चलते थे क्योकि पिछले चार वर्षो से मै देख रहा हूँ किसी भी प्रत्यावेदन में उपरोक्त अधिकारिओं द्वारा बिना गुण दोष की विवेचना किये पूर्ववर्ती अधिकारिओं द्वारा प्रस्तुत आख्या को दुहराया जाता है जो की स्वस्थ ब्यवस्था का संकेत नहीं है श्री मान जी यदि स्टेनो के ही दिमाग से चलना है तो उपरोक्त दोनों अधिकारिओं के तनख्वाह से चार स्टेनो की नियुक्ति होगी अर्थात इस बेरोजगारी में चार लोगो को सरकारी नौकरी मिलेगी बेरोजगारी कुछ कम होगी श्री मान किस आधार पर उपरोक्त स्टेनो महोदय गोरखपुर मंडल के उस के कुर्सी पर आसीन है जब कि योगी सरकार की नई तबादला नीति लागू है जिसका उद्देश्य भ्र्ष्टाचार दूर करना है किन्तु उसका सही ढंग से प्रवर्तन खुद गोरखपुर मंडल के बन विभाग में ही नहीं हुआ है एक व्यक्ति एक ही कुर्सी पर पिछले बीस वर्षो से डटा है और मंडल स्तर के अधिकारिओं का कार्य देख रहा है क्यों की वह उनका विश्वास पात्र है उसके लिए योगी सरकार की नई तबादला नीति कोई मायने नहीं रखता वह द्वारा स्थापित परंपरा के ऊपर है अन्यथा योगी की ईमानदारी उसे ले डूबती जिस मंडल ने हमे नाज करने वाला मुख्यमंत्री दिया उस मंडल ने ऐसे कर्मचारिओं को दिया जिनके ऊपर किसी नियम का कोई प्रभाव नहीं है अच्छी ताकते जितनी प्रभावी होती है बुरी ताकते उनसे कुछ कम नही होती है जो चरितार्थ हो रहा है आवश्यकता योगी सरकार की नई तबादला नीति को सही ढंग से लागू करने की है जो की भ्र्ष्टाचार के प्रभाव में बेअसर हो चुका है Undoubtedly the new transfer policy of the government was excellent but after four and half years of incumbency, the government must evaluate it. The matter concerns the office of the divisional forest officer Gorakhpur and the office of chief conservator Gorakhpur in which mockery of the transfer policy of Government of Uttar Pradesh has been made by the concerned accountable staff. The matter concerns the transfer and posting of class 1, class 2, class 3 and class 4 staff in the department of forest Gorakhpur zone especially in the office DFO and chief conservator Gorakhpur of the Government of Uttar Pradesh. Undoubtedly transfer and posting in the government has taken a form of industry despite efforts of the government of Uttar Pradesh to curb it publicly. नई तबादला नीति में एक जिले में तीन वर्ष व एक मंडल में सात साल पूरे करने वाले समूह क एवं ख के स्थानांतरण का प्रावधान किया गया है मंडलीय कार्यालयों व विभागाध्यक्ष कार्यालयों में की गई तैनाती की अवधि को मंडल में निर्धारित सात वर्ष की अवधि में शामिल नहीं माना जाएगा। पिछली सरकार में जहां तबादलों की सीमा अधिकतम दस प्रति शत थी, वहीं भाजपा सरकार ने इसे बीस प्रति शत कर दिया है  

विभाग -पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभागशिकायत श्रेणी -

नियोजित तारीख-03-11-2021शिकायत की स्थिति-

स्तर -जनपद स्तरपद -प्रभागीय वन अधिकारी

प्राप्त रिमाइंडर-

प्राप्त फीडबैक -दिनांक29-10-2021 को फीडबैक:-आवेदक द्वारा बताया गया है की आवेदक दिए गये समाधान से सहमत नही है ,आवेदक की समस्या अभी भी बनी हुई है,कृपया आवेदक की समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाये|

फीडबैक की स्थिति -जिलाधिकारी द्वारा संतोषजनक में परिवर्तित

संलग्नक देखें -Click here

नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!

अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :

क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश/आपत्ति दिनांक आदेश/आपत्ति आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति संलगनक

1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 24-10-2021 प्रभागीय वन अधिकारी-गोरखपुर,पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 29-10-2021 निस्तारण निस्तारित

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  1. आवेदक द्वारा बताया गया है की आवेदक दिए गये समाधान से सहमत नही है ,आवेदक की समस्या अभी भी बनी हुई है,कृपया आवेदक की समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाये| फीडबैक की स्थिति जिलाधिकारी द्वारा संतोषजनक में परिवर्तितश्री मान जिलाधिकारी महोदय गोरखपुर क्या आप को भी प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर की कार्यशैली अच्छी लग रही है इसमें किसी का क्या दोष क्योकि हर दोष का विचारण व्यक्ति अपनी कार्यशैली और उससे उत्पन्न अनुभव और विवेक से करता है किन्तु यदि प्रार्थी यह कहे की उक्त स्टेनो स्टेनो का २० वर्षो के डेस्क का डिटेल उपलब्ध कराये तो जिलाधिकारी महोदय के पसीने छूटेंगे क्योकि प्रार्थी के आरोप अक्षरशः सत्य है आपने कहा की दो और स्टेनो है बेचारे भाग्य को कोष रहे होंगे क्यों की साहब के साथ कार्य करने मौका नहीं मिला और रही बात ईमानदारी की तो महालेखाकार इलाहाबाद की रिपोर्ट जिसके अनुसार ट्रेक्टर और मोटरसाइकिल से पौधरोपड़ हुआ है उसमे प्रभागीय बनाधिकारी गोरखपुर भी शामिल है योगी का शासन है थोड़ी सहिष्णुता दिखा रहा है अभी प्रार्थी को सूचना नहीं दिया गया प्रधान मुख्य बन संरक्षक द्वारा

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