Harishchandra belonging to oppressed section knocking doors of Yogi and Modi







 संदर्भ संख्या : 40019921022541 , दिनांक - 16 Oct 2021 तक की स्थिति



आवेदनकर्ता का विवरण :


शिकायत संख्या:-40019921022541


आवेदक का नाम-Harishchandraविषय-लेखपाल और कानूनगो  दोने के विरुद्ध अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत कार्यवाही किया जाय जो की न्याय हित  में होगा और प्रार्थी को सरकारी सहायता कोष से सहायता प्रदान किया जाय श्री मान उपजिलाधिकारी महोदय थानाध्यक्ष विंध्याचल को निर्देशित करे की उपरोक्त दोनों के विरुद्ध कार्यवाही करे   श्री मान २०१७ से आप द्वारा प्रार्थी को सड़क भू माफियाओ के कब्जे से मुक्त करा के दी जा रही है श्री मान जी क्या योगी राज में दलितों को न्याय नहीं है क्या अन्यथा उपजिलाधिकारी सदर द्वारा चकरोड या तालाब के भीटे को मुक्त कराना कौन सी बड़ी बात है कोई तालाब का भीटा कब्जा करके बैठा है तो कोई चकरोड कितनी बार आप नाप करेंगे जनसूचना अधिकार के तहत सूचना नहीं देंगे और नियम कानून का सिर्फ दिखावा करेंगे श्री मान सभी के विरुद्ध हरिजन बनाम सवर्ण अर्थात अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत कार्यवाही किया जाय और मुझ दलित को छाती पूर्ति प्रदान किया जाय क्योकि आप लोगो द्वारा प्रार्थी को पिछले चार वर्षो से परेशां किया जा रहा है जो की संलग्न दस्तावेजों से स्पस्ट है श्री  मान जी जब लेखपाल कानूनगो अपरोक्ष रूप में तालाब की जमीन और चकरोड बेच देंगे तो कब्जा करने वाले क्यों छोड़ेगे दोनों लोग सिर्फ कार्यवाही का नाटक कर रहे है उपरोक्त दोने के विरुद्ध अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत कार्यवाही किया जाय जो की न्याय हित  में होगा और प्रार्थी को सरकारी सहायता कोष से सहायता प्रदान किया जाय श्री मान उपजिलाधिकारी महोदय थानाध्यक्ष विंध्याचल को निर्देशित करे की उपरोक्त दोनों के विरुद्ध उपर्युक्त कार्यवाही करे जिससे कोई भी इस ढंग का भ्रष्टाचार न करे जिसमे एक दलित व्यक्ति परेशान  हो मोदी और योगी तो दलितों के लिए बहुत कुछ करना चाहते है किन्तु जो ये सम्बेदनहीन पुरुष है करने दे तब हो न  शिकायत संख्या:-40019918024952 आवेदक का नाम-हरिश्चंद पासी Aforementioned online complaint submitted on the Jansunwai Portal of Government of Uttar Pradesh was forwarded to Commissioner Mirzapur on 25/09/2018 and submitted by the concerned mandate on 25/09/2018. Feedback was submitted on 28/09/2018 and action on which was approved by A.D.M. F/R on 24/11/2019. Please provide the following information as sought. Even in respect of administrative orders Lord Denning M.R. in Breen v. Amalgamated Engineering Union (1971 (1) All E.R. 1148) observed “The giving of reasons is one of the fundamentals of good administration”. 1-Provide the reason for redressing feedback in one year one month 26 days. 2-Provide minutes of proceedings during this period. 3-Provide name, designation and date of posting of both working staff and monitoring staff concerned with processing during this period. For more information, vide attached document to the grievance. 


विभाग -राजस्व एवं आपदा विभागशिकायत श्रेणी -


नियोजित तारीख-15-11-2021शिकायत की स्थिति-


स्तर -तहसील स्तरपद -तहसीलदार


प्राप्त रिमाइंडर-


प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-


फीडबैक की स्थिति -


संलग्नक देखें -Click here


नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!


अग्रसारित विवरण :


क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति


1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 16-10-2021 15-11-2021 तहसीलदार-सदर,जनपद-मिर्ज़ापुर,राजस्व एवं आपदा विभाग अनमार्क

Comments

  1. शिकायत संख्या:-40019918024952 आवेदक का नाम-हरिश्चंद पासी Aforementioned online complaint submitted on the Jansunwai Portal of Government of Uttar Pradesh was forwarded to Commissioner Mirzapur on 25/09/2018 and submitted by the concerned mandate on 25/09/2018. Feedback was submitted on 28/09/2018 and action on which was approved by A.D.M. F/R on 24/11/2019. Please provide the following information as sought. Even in respect of administrative orders Lord Denning M.R. in Breen v. Amalgamated Engineering Union (1971 (1) All E.R. 1148) observed “The giving of reasons is one of the fundamentals of good administration”. 1-Provide the reason for redressing feedback in one year one month 26 days.

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  2. It is quite obviously the matter is being taken up by the aggrieved Harishchandra for many years but concerned staff of the tehsil,Sadar is not taking any action because of the corruption in the working of the tehsil.

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