Whether it is not mockery of the order passed by the Lucknow bench of the High court of judicature at Allahabad Dinesh Pratap Singh
संदर्भ संख्या : 60000210060355 , दिनांक - 26 Aug 2021 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-60000210060355
आवेदक का नाम-Yogi M P Singhविषय-Grievance Status for registration number : GOVUP/E/2021/09185 Grievance Concerns To Name Of Complainant Yogi M P Singh Date of Receipt 21/02/2021 Received By Ministry/Department Uttar Pradesh Grievance Description-An application under Article 51 A of the constitution of India. संदर्भ संख्या : 60000210010604 , दिनांक – 13 Feb 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:-60000210010604 आवेदक का नाम- Yogi M P Singh सचिव लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपने पत्र दिनांक २५/०३/२०२१ द्वारा जो की संयुक्त सचिव अरुण कुमार दुबे को सम्बोधित है पुनः वांछित अभिलेख की बात कर रहे है क्योकि विवाद से सम्बंधित कोई भी दस्तावेज न तो लखनऊ विकास प्राधिकरण के कार्यालय में है और न हीं पांचो भू खंड स्वामियों के पास है क्यों की वे अपने भूखंड का विक्रय के उपरांत समस्त मूल दस्तावेज दिनेश प्रताप सिंह को सौप दिए है उपरोक्त द्वारा प्रार्थी से समस्त साक्ष्य और हलफनामा के साथ उपस्थित होने के लिए अनुरोध किया गया है श्री मान जी प्रार्थी द्वारा समस्त अभिलेख दिनेश प्रताप सिंह पुत्र श्री अंगद प्रसाद सिंह द्वारा उपलब्ध किये गए अभिलेखों की स्कैन कॉपी उपलब्ध कराई गई है और रंगीन स्कैन्ड कॉपी किसी भी मूल दस्तावेज की ऑथेंटिक प्रति होता है श्री मान जी प्रार्थी द्वारा उपलब्ध कराये गए दस्तावेजों के दो ही संरक्षक है १- खुद लखनऊ विकास प्राधिकरण जो सरकार का प्रतिनिधि है और विक्रेता है और २-क्रेता अर्थात आराधना सिंह उर्फ अनुराधा सिंह उर्फ गुड्डी सम्बंधित पांच भूखंडो की स्वामिनी जिनके पती का नाम बाबू सिंह है श्री मान जी आराधना सिंह उर्फ अनुराधा सिंह उर्फ गुड्डी के पास कोई दस्तावेज नहीं है मूल रूप में क्यों की समस्त दस्तावेज तीसरे क्रेता को अर्थात दिनेश प्रताप सिंह पुत्र श्री अंगद प्रसाद सिंह को मूल रूप में उपलब्ध करा दिया गया है श्री मान जी लखनऊ विकास प्राधिकरण के पास कोई दस्तावेज नहीं है मूल रूप में क्यों की समस्त दस्तावेज इसलिए गायब कर दिए गए क्योकि संपत्ति रजिस्ट्री का कार्य कूट रचित दस्तावेज से सम्पादित करना था और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को जिसमे मालिकाना हक़ निश्चित करना था उसको नजरअंदाज करने की एक बड़ी साजिश थी श्री मान जी रही प्रार्थी को मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने की तो दिनेश प्रताप सिंह पुत्र श्री अंगद प्रसाद सिंह द्वारा पिछले बीसो सालो से उन्हें मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है जिनकी पुष्टि खुद लखनऊ विकास प्राधिकरण के दस्तावेज करते है श्री मान जी आपका आदेश हो तो दिनेश प्रताप सिंह पुत्र श्री अंगद प्रसाद सिंह द्वारा समस्त दस्तावेज आप की सेवा में पुनः प्रस्तुत किया जाय और आप माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में समस्त दस्तावेजों का परिशीलन करे साथ ही अनियमितताओं को भी जांच ले महोदय प्रार्थी द्वारा आप के समक्ष उन दस्तावेजों को प्रस्तुत करना जो की प्रार्थी के अभिरक्षा में नहीं है कैसे न्याय संगत हो सकता है जहा तक अनियमितता के सम्बन्ध में कार्यवाही का सम्बन्ध है वह कार्यवाही तो मूल दस्तावेजों के स्कैन कॉपी के आधार पर ही गतिशील है चूकि इस गंभीर अनियमितता में तत्कालीन कर्मचारी जांच की परिध में आ सकते है इसलिए आप जांच को दूसरा मोड़ देने का प्रयास कर रहे है आप से अपेक्षा है की आप मूल दस्तावेज दिनेश प्रताप सिंह पुत्र श्री अंगद प्रसाद सिंह तलब करे और संपत्ति मालिकाना हक़ निश्चित करे तथा उच्च न्यायालय का समादर सुनिश्चित करे और मामले का पटाक्षेप करे प्रार्थी से बार बार दस्तावेजों की मांग करना जिसका संरक्षक प्रार्थी नहीं है अबैध है आप प्रार्थी को कानून विरुद्ध कार्य करने के लिए बार बार दबाव न डाले क्योकि यह कृति भारतीय दंड विधान में अपराध की कोटि में आता है उसके लिए आप खुद उत्तरदायी होंगे
विभाग -आवास एवं शहरी नियोजनशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-03-08-2021शिकायत की स्थिति-
स्तर -शासन स्तरपद -अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक26-08-2021 को फीडबैक:-An application on behalf of Dinesh Pratap Singh SO Angad Prasad Singh Order of High court attached to R.T.I. communiqué and quote is as It is simply ordered that the respondent number 4 to7 shall open the lock of the staircase so that Smt Anuradha Singh the petitioner may come out of the house and take the proper and appropriate remedy in the competent court and after that, she may have the liberty to go anywhere. Applicant wants to draw the kind attention of the respondent number First who is Secretary of home department, civil secretariat, Government of Uttar Pradesh and respondent number second who is senior superintendent of police Lucknow as well as the station house officer police station Ashiyana who is the respondent number 3 in the Writ Petition Number 135 HC Year 2006 filed in the Lucknow bench of the High court of Judicature at Allahabad filed by Anuradha Singh also named Guddi also named Aradhana Singh. 1 सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आदेश जैसा की उपरोक्त ने आदेश किया उपरोक्त आदेश का हिंदी रूपांतरण है प्रतिवादी संख्या चार से सात सीढ़ियों का ताला खोल दे जिससे याचिका कर्ता अनुराधा सिंह बाहर आ सके और सक्षम न्यायालय से उचित उपचार हासिल करे और उसके पश्चात उसे कही भी जाने की स्वतंत्रता होगी महोदय जैसा की उच्च न्यायालय ने आदेश दिया उसका अनुपालन सुनिश्चित करना प्रतिवादी १,२ और तीन की जिम्मेदारी थी और अब संलग्नक एक से स्पस्ट है निबंधन विलेख का संपादन लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा चूका है श्री मान जी आप द्वारा किस तरह से अनुराधा सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के अनुपालन सुनिश्चित कराया गया २यदि आप के पास उपरोक्त माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में कोई सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आदेश जो अनुराधा सिंह की मालिकाना हक़ को पुष्ट करता हो तो उस आदेश की प्रति उपलब्ध कराये ३यदि अनुराधा सिंह टाइटल सूट नहीं योजित की और गलत तरीके से निबंधन विलेख का संपादन करा लिया तो आप ने क्या कार्यवाही की विवरण उपलब्ध कराये
फीडबैक की स्थिति -फीडबैक प्राप्त
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश/आपत्ति दिनांक आदेश/आपत्ति आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति संलगनक
1 अंतरित लोक शिकायत अनुभाग -3( मुख्यमंत्री कार्यालय ) 19-07-2021 कृपया शीघ्र नियमानुसार कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गई है। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव -आवास एवं शहरी नियोजन 27-07-2021 अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित निक्षेपित
2 अंतरित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव (आवास एवं शहरी नियोजन ) 19-07-2021 नियमनुसार आवश्यक कार्यवाही करें उपाध्यक्ष -विकास प्राधिकरण 27-07-2021 please see the attachment. निस्तारित
Registration Number DHOME/R/2021/60189
Name Yogi M P Singh
Date of Filing 11/08/2021
Status REQUEST FORWARDED TO PIO as on 16/08/2021
Details of PIO :- Telephone Number:- 9454411819, Email Id:-
Note :- You are advised to contact the above mentioned officer for further details.
Nodal Officer Details
Telephone Number 9454413750
Email-ID homepolice015@gmail.com
Online RTI Request Form Details
Public Authority Details :-
* Public Authority Home Department
Personal Details of RTI Applicant:-
Registration Number DHOME/R/2021/60189
Date of Filing 11/08/2021
* Name Yogi M P Singh
Gender Male
* Address Mohalla Surekapuram , Jabalpur Road, Sangmohal post office
Pincode 231001
Country India
State Uttar Pradesh
Status Details not provided
Pincode Details not provided
Phone Number Details not provided
Mobile Number +91-7379105911
Email-ID yogimpsingh[at]gmail[dot]com
Request Details :-
Citizenship Indian
* Is the Applicant Below Poverty Line ? No
((Description of Information sought (upto 500 characters) )
* Description of Information Sought An application on behalf of Dinesh Pratap Singh S/O Angad Prasad Singh Order of High court attached to R.T.I. communiqué and quote is as- It is simply ordered that the respondent number 4 to7 shall open the lock of the staircase so that Smt Anuradha Singh the petitioner may come out of the house and take the proper and appropriate remedy in the competent court and after that, she may have the liberty to go anywhere. Applicant wants to draw the kind attention of the respondent number First who is Secretary of home department, civil secretariat, Government of Uttar Pradesh and respondent number second who is senior superintendent of police Lucknow as well as the station house officer police station Ashiyana who is the respondent number 3 in the Writ Petition Number 135 HC Year 2006 filed in the Lucknow bench of the High court of Judicature at Allahabad filed by Anuradha Singh also named Guddi also named Aradhana Singh.
1- सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आदेश जैसा की उपरोक्त ने आदेश किया उपरोक्त आदेश का हिंदी रूपांतरण है प्रतिवादी संख्या चार से सात सीढ़ियों का ताला खोल दे जिससे याचिका कर्ता अनुराधा सिंह बाहर आ सके और सक्षम न्यायालय से उचित उपचार हासिल करे और उसके पश्चात उसे कही भी जाने की स्वतंत्रता होगी महोदय जैसा की उच्च न्यायालय ने आदेश दिया उसका अनुपालन सुनिश्चित करना प्रतिवादी १,२ और तीन की जिम्मेदारी थी और अब संलग्नक एक से स्पस्ट है निबंधन विलेख का संपादन लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा चूका है श्री मान जी आप द्वारा किस तरह से अनुराधा सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के अनुपालन सुनिश्चित कराया गया
२-यदि आप के पास उपरोक्त माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में कोई सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आदेश जो अनुराधा सिंह की मालिकाना हक़ को पुष्ट करता हो तो उस आदेश की प्रति उपलब्ध कराये
३-यदि अनुराधा सिंह टाइटल सूट नहीं योजित की और गलत तरीके से निबंधन विलेख का संपादन करा लिया तो आप ने क्या कार्यवाही की विवरण उपलब्ध कराये
* Concerned PIO VINOD KUMAR P-04
Supporting document ((only pdf upto 1 MB))
Applicant wants to draw the kind attention of the respondent number First who is Secretary of home department, civil secretariat, Government of Uttar Pradesh and respondent number second who is senior superintendent of police Lucknow as well as the station house officer police station Ashiyana who is the respondent number 3 in the Writ Petition Number 135 HC Year 2006 filed in the Lucknow bench of the High court of Judicature at Allahabad filed by Anuradha Singh also named Guddi also named Aradhana Singh.
ReplyDeleteसक्षम न्यायालय द्वारा पारित आदेश जैसा की उपरोक्त ने आदेश किया उपरोक्त आदेश का हिंदी रूपांतरण है प्रतिवादी संख्या चार से सात सीढ़ियों का ताला खोल दे जिससे याचिका कर्ता अनुराधा सिंह बाहर आ सके और सक्षम न्यायालय से उचित उपचार हासिल करे और उसके पश्चात उसे कही भी जाने की स्वतंत्रता होगी महोदय जैसा की उच्च न्यायालय ने आदेश दिया उसका अनुपालन सुनिश्चित करना प्रतिवादी १,२ और तीन की जिम्मेदारी थी और अब संलग्नक एक से स्पस्ट है निबंधन विलेख का संपादन लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा चूका है श्री मान जी आप द्वारा किस तरह से अनुराधा सिंह द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के अनुपालन सुनिश्चित कराया गया