Kamlesh Singh submitted his representation before Uttar Pradesh Human Rights Commission against inconsistent report of police
संदर्भ संख्या : 40019921012645 , दिनांक - 17 Jul 2021 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019921012645
आवेदक का नाम-Kamlesh Singhविषय-To Superintendent of police District-Mirzapur, Uttar Pradesh, PIN Code-231001 Central Government Act Section 325 in The Indian Penal Code 325. Punishment for voluntarily causing grievous hurt.—Whoever, except in the case provided for by section 335, voluntarily causes grievous hurt, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine. Warrant cases are those that include offences punishable with death penalty, imprisonment for life or imprisonment exceeding more than two years. The criteria that differ a summons case from a warrant case is determined by the duration of punishment in any offence. This implies that the matter will be covered up as warrant case. संदर्भ संख्या : 40019921010302 , आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:-40019921010302 आवेदक का नाम- Kamlesh Singh संदर्भ संख्या : 40019921010307 , आवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:-40019921010307 आवेदक का नाम- Kamlesh Singh Both the reports submitted in the aforementioned complaints are attached to the grievance as second and third pages of PDF document. C.O. Lalganj submitted the same report in concerned matter whatever complaint submitted by the aggrieved people even when contents of the grievances were changed. In the matter of serious allegations of corruption, whether it is sufficient ground to leave the alleged person that complainant pressurizing the investigator to arrest the offenders. Think about the credibility of the concerned 1- No photography was carried out of the place of the event by the investigation officer even when he reached to the place incidence after the incidence. Moreover, whatever blood samples were available on the ground that was subverted by the police itself instead of collecting the evidences. Three serious assaults made by offenders, two are in the record of the police and one criminal incident was not registered by police arbitrarily. Fourth criminal incidence by the offenders committed by grabbing the land which has been reported to police concerned but no action on the part of police. Serious injuries inflicted by the offenders on the head, eyes and broken arm, but police still remained insensitive acted like judge to languish the case which promoted offenders. The matter of 10 April 2021 was registered under section 323 and 504 of Indian Penal code was later converted by investigation officer into 107/116 of criminal penal code on both the parties. There are two types of evidences 1-Direct 2- Circumstantial. If C.O. Lalganj not interested to collect the direct evidences, then he must observe the circumstantial evidences exposing the investigation officer. Here investigation officer is only acting like catalyst to offenders which is the root cause of repeated assaults by the offenders on peace loving people and widow. Whether setup norms were followed by the C.O. Lalganj in checking and making enquiry into the matter of serious allegations?
Department -पुलिसComplaint Category -
नियोजित तारीख-16-08-2021शिकायत की स्थिति-
Level -क्षेत्राधिकारी स्तरPost -क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अग्रसारित विवरण :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 17-07-2021 16-08-2021 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-लालगंज,जनपद-मिर्ज़ापुर,पुलिस अनमार्क
संदर्भ संख्या : 40019921010302 , दिनांक - 17 Jul 2021 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019921010302
आवेदक का नाम-Kamlesh Singhविषय-सेवा में पुलिस अधीक्षक जिला -मिर्ज़ापुर , उत्तर प्रदेश विषय -दीनानाथ यादव कुल ६००० रुपये ले चुके कार्यवाही के नाम पर किन्तु अभी तक एक भी अभियुक्त गिरप्तार नहीं हुए महोदय श्री मान जी ३५०० रुपये की बोलेरो गाड़ी करके २७ मई २०२१ को जिगना थाने से सोनभद्र गए मेडिकल एग्जामिनेशन वास्ते क्योकि दिनांक २६ मई २०२१ सर्रोई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सर्रोई द्वारा मेडिकल एग्जामिनेशन करने के पश्चात् मामले को मंडलीय अस्पताल हजरत यूसुफ इमाम मंडलीय हॉस्पिटल अग्रसारित किया क्योकि उनके पास एक्स रे की ब्यवस्था नहीं है किन्तु २६ तारीख को कोई डॉक्टर उपरोक्त जिला अस्पताल उपस्थित नहीं थे और दूसरे दिन जिला अस्पताल के डॉक्टर मामले को जिला सोनभद्र जिला अस्पताल भेज दिए दिनांक २९ मई २०२१ को ग्राम प्रधान नीरज के बुलाने पर प्रार्थी प्रधान के घर अपने पुत्र के साथ मोटर साइकिल से गया वहा पर नीरज प्रधान , खिलाडी सिंह , लाला , उदय राज सिंह और अन्य के समक्ष उपनिरीक्षक दीनानाथ यादव को प्रार्थी ने डीजल के नाम पर ५००० हजार रुपये दिया जिससे की मामले में कार्यवाही आगे बढ़ सके दिन शुक्रवार को तारीख १८ जून २०२१ जिगना थाने में मेडिकल एग्जामिनेशन के रिपोर्ट को सोनभद्र से लाने हेतु उपनिरीक्षक दीनानाथ यादव ने १००० रुपये लिया है किन्तु अभी तक उपनिरीक्षक दीनानाथ यादव महोदय ने अभी तक मेडिकल एग्जामिनेशन रिपोर्ट प्रार्थी को उपलब्ध नहीं कराया श्री मान जी अभी तक एक भी अभियुक्त को दीनानाथ यादव उपनिरीक्षक द्वारा गिरप्तार नहीं किया गया सम्बंधित को निर्देशित करे की मामले में लीपापोती न करे उचित कार्यवाही करे दिनांक २२ जून २०२१ प्रार्थी कमलेश सिंह कमलेश सिंह पुत्र रघुबर दयाल सिंह पता - ग्राम कोठरा कंतित , पोस्ट श्री निवासधाम जिला मिर्ज़ापुर थाना जिगना पिन कोड २३१३१३
विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-22-07-2021शिकायत की स्थिति-
स्तर -क्षेत्राधिकारी स्तरपद -क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश/आपत्ति दिनांक आदेश/आपत्ति आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति संलगनक
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 22-06-2021 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-लालगंज,जनपद-मिर्ज़ापुर 07-07-2021 जाँच आख्या संलग्न कर अवलोकनार्थ सादर सेवा में प्रेषित है निस्तारित
संदर्भ संख्या : 40019921010307 , दिनांक - 17 Jul 2021 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019921010307
आवेदक का नाम-Kamlesh Singhविषय-The matter concerns with serious allegations of corruption and lackadaisical approach of investigation officer concerned to deal with the matter. सेवा में पुलिस अधीक्षक जिला -मिर्ज़ापुर , उत्तर प्रदेश विषय -दीनानाथ यादव कुल ६००० रुपये ले चुके कार्यवाही के नाम पर किन्तु अभी तक एक भी अभियुक्त गिरप्तार नहीं हुए महोदय श्री मान जी ३५०० रुपये की बोलेरो गाड़ी करके २७ मई २०२१ को जिगना थाने से सोनभद्र गए मेडिकल एग्जामिनेशन वास्ते क्योकि दिनांक २६ मई २०२१ सर्रोई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सर्रोई द्वारा मेडिकल एग्जामिनेशन करने के पश्चात् मामले को मंडलीय अस्पताल हजरत यूसुफ इमाम मंडलीय हॉस्पिटल अग्रसारित किया क्योकि उनके पास एक्स रे की ब्यवस्था नहीं है किन्तु २६ तारीख को कोई डॉक्टर उपरोक्त जिला अस्पताल उपस्थित नहीं थे और दूसरे दिन जिला अस्पताल के डॉक्टर मामले को जिला सोनभद्र जिला अस्पताल भेज दिए दिनांक २९ मई २०२१ को ग्राम प्रधान नीरज के बुलाने पर प्रार्थी प्रधान के घर अपने पुत्र के साथ मोटर साइकिल से गया वहा पर नीरज प्रधान , खिलाडी सिंह , लाला , उदय राज सिंह और अन्य के समक्ष उपनिरीक्षक दीनानाथ यादव को प्रार्थी ने डीजल के नाम पर ५००० हजार रुपये दिया जिससे की मामले में कार्यवाही आगे बढ़ सके दिन शुक्रवार को तारीख १८ जून २०२१ जिगना थाने में मेडिकल एग्जामिनेशन के रिपोर्ट को सोनभद्र से लाने हेतु उपनिरीक्षक दीनानाथ यादव ने १००० रुपये लिया है किन्तु अभी तक उपनिरीक्षक दीनानाथ यादव महोदय ने अभी तक मेडिकल एग्जामिनेशन रिपोर्ट प्रार्थी को उपलब्ध नहीं कराया श्री मान जी अभी तक एक भी अभियुक्त को दीनानाथ यादव उपनिरीक्षक द्वारा गिरप्तार नहीं किया गया सम्बंधित को निर्देशित करे की मामले में लीपापोती न करे उचित कार्यवाही करे दिनांक २२ जून २०२१ प्रार्थी कमलेश सिंह कमलेश सिंह पुत्र रघुबर दयाल सिंह पता - ग्राम कोठरा कंतित , पोस्ट श्री निवासधाम जिला मिर्ज़ापुर थाना जिगना पिन कोड २३१३१३
विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-22-07-2021शिकायत की स्थिति-
स्तर -क्षेत्राधिकारी स्तरपद -क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश/आपत्ति दिनांक आदेश/आपत्ति आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति संलगनक
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 22-06-2021 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-लालगंज,जनपद-मिर्ज़ापुर 07-07-2021 जाँच आख्या संलग्न कर अवलोकनार्थ सादर सेवा में प्रेषित है निस्तारित
Here investigation officer is only acting like catalyst to offenders which is the root cause of repeated assaults by the offenders on peace loving people and widow. Whether setup norms were followed by the C.O. Lalganj in checking and making enquiry into the matter of serious allegations?
ReplyDeleteFrom the attached audio it is quite obvious that concerned police is also harrassing the family members of the aggrieved which is a mockery of the law of the land being committed by the police itself.
ReplyDeleteSon of the aggrieved applicant is being targeted by the police to pressurize the aggrieved so that he may not submit representations to seek justice and police may act arbitrarily and unjustly in the matter.
It is obligatory duty of the circle officer Lalganj to carry out the investigation into the allegations made by the citizen against a police Sub Inspector whose integrity is under cloud because of his corrupt dealings and the need of hour is that a transparent and accountable enquiry may be carried out in the matter to fix the accountability of the wrongdoer staff the police.
ReplyDeleteUndoubtedly police must adopt the unbiased approach in any case but it is not taking place in the working of police in the state of Uttar Pradesh quite obvious from the cryptic working style of the police which is depriving the needy of the justice.
ReplyDeleteIf the concerned police is honest why are they not providing information to the aggrieved applicant Kamlesh Singh quite obvious that applications have been submitted more than 30 days ago?
Right to justice is the constitutional right and fundamental right as well which must be available to the every citizen of this country but it seems that in this country now police is deciding the fate of an individual and providing justice to them by becoming a judge.
ReplyDeleteThe job of the police is to carry out investigation in transparent and accountable manner and collecting the evidences but today our police is instead of collecting evidences it is subverting the evidences in order to to weaken the case.
COMPLAINT / CASE STATUS
ReplyDeleteCOMPLAINT / CASE STATUS
SHRC, Uttar Pradesh
Case Details
HRCNet HRCNet HRCNet
Diary No 1838/IN/2021 Case / File No 2331/24/55/2021
Victim Name KAMLESH SINGH Registration Date 19/07/2021
Action List (Click on Action given in blue color to view details)
No action taken yet
Expand All Action List
Complaint
Diary No 1838/IN/2021 Section CHPR
Language ENGLISH Mode BY INTERNET
Received Date 17/07/2021 Complaint Date 17/07/2021
Victim
Victim Name KAMLESH SINGH Gender Male
Religion Hindu Cast Unknown
Address VILLAGE KOTHRA KANTIT, POST SHREE NIVAS DHAM
District MIRZAPUR State UTTAR PRADESH
HRCNet HRCNet HRCNet
Complainant
Name KAMLESH SINGH
Address VILLAGE KOTHRA KANTIT, POST SHREE NIVAS DHAM
District MIRZAPUR State UTTAR PRADESH ( 231313 )
Incident
Incident Place ARBITRARY INCONSISTENT REPORT Incident Date 07/07/2021
Incident Category ABUSE OF POWER
Incident District MIRZAPUR Incident State UTTAR PRADESH