Whether justice is available to the widow Sugun Singh if Vindhyachal police is adopting biased approach by submitting parrot report
संदर्भ संख्या : 40019921009110 , दिनांक - 07 Jun 2021 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019921009110
आवेदक का नाम-Sugun Singhविषय-प्रार्थी द्वारा शिकायत संख्या:- 40019921008631 Whether concerned sub inspector and police officer can provide the concrete evidence of partition of the land under controversy if not how can he speak the language of Ashok Kumar Singh alias Angad Singh? Undoubtedly the integrity of the police officer concerned is under cloud. Aggrieved applicant has right to submit representation in the matter because she has the right to submit representation if the construction is taking place on the unpartitioned land and her rights are infringed by the muscle men. Whether partition is feasible after construction of houses on the unpartitioned land? Where is written that police can stop the construction only after the order passed by the competent authority? If the aggrieved applicant submitted representation against the illegal construction of houses on the unpartitioned land, then they had to verify the documents and if the claim of the aggrieved applicant is true then action had to be taken accordingly. Consequently, the redressal of the complaint प्रार्थी द्वारा शिकायत संख्या:- 40019921008631 is arbitrary and illegal. Please direct concerned competent authority to investigate the matter to fix the accountability of concerned sub inspector whose integrity is under cloud because of his biased dealings. श्री मान जी जांच अधिकारी महोदय की अखंडता संदिग्ध थी इसलिए ही उनके विरुद्ध प्रार्थी द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया किन्तु अभाग्य यह है की जो उच्चाधिकारी होते है वे उनके पास अपने विवेक तो होते नहीं अन्यथा वे उसका उपयोग जरूर करते जहा तक बटवारे का प्रश्न है वह तो महोदय तहसील के रिपोर्ट से ही स्पस्ट है जिसमे लेखपाल महोदय की आख्या जो की हिंदी भाषा में है उपनिरीक्षक महोदय और सम्बंधित अधिकारी को समझ में आनी चाहिए थी किन्तु समझ में नहीं आयी श्री मान जी अभी तक जमीन का बटवारा नहीं हुआ है प्रार्थी द्वारा शिकायत संख्या:- 40019921008631 अशोक कुमार सिंह उर्फ अंगद सिंह के ;ललकारने पर उनका पुत्र शिवराम और प्रभाकर सिंह मुझ विधवा को जान से मारने की नियत से गणासा ले कर मारने दौड़े अर्थात प्रार्थिनी द्वारा अनिल कुमार सिंह के विरुद्ध तो शिकायत नहीं की गयी जो सच है प्रार्थिनी ने वह किया किन्तु पुलिस की अखंडता तो संदिग्ध है न श्री मान जी गणासा जान से मारने नियत से दौड़ना एक अपराधिक मामला है और पुलिस को मालूम होना चाहिए की जिन धारा १०७ ऑब्लिक ११६ की बात सम्बंधित पुलिस बात सिर्फ अंगद सिंह और उनके पुत्रो को प्रोटेक्ट कर रही और उनके मन कानून का भय निकाल रही है श्री मान जी प्रार्थिनी यदि पुलिस की रिपोर्ट को सच भी माना जाय तो प्रार्थिनी अनिल कुमार सिंह से बात करेगी तो अंगद सिंह के लड़के गणासा ले कर जान से मारने दौङेगे है कोई कानून ब्यवस्था इस देश में
विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-07-07-2021शिकायत की स्थिति-
स्तर -क्षेत्राधिकारी स्तरपद -क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अग्रसारित विवरण :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 07-06-2021 07-07-2021 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-क्षेत्राधिकारी , नगर ,जनपद-मिर्ज़ापुर,पुलिस अनमार्क
संदर्भ संख्या : 40019921008631 , दिनांक - 07 Jun 2021 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40019921008631
आवेदक का नाम-Sugun Singhविषय-श्री मान जी विवेचक महोदय की कौन सी मजबूरी थी जिसकी वजह से उन्होंने झूठा और मनगढंत रिपोर्ट जनसुनवाई पोर्टल पर लगाया साथ विपक्षियों को टॉनिक देकर विधवा के ऊपर जान लेवा हमला करवाने का प्रयास किया गया श्री मान जी विवेचक महोदय मनगढ़ंत जवाब लगा कर बैठ गए और फीडबैक पर कोई कार्यवाही नहीं हुई परिणाम यह की अशोक कुमार सिंह उर्फ अंगद सिंह के ;ललकारने पर उनका पुत्र शिवराम और प्रभाकर सिंह मुझ विधवा को जान से मारने की नियत से गणासा ले कर मारने दौड़े किन्तु उपस्थित लोगो ने बीच बचाव किया घटना आज का करीब ११ बजे का है कृपया विवेचक महोदय की जिम्मेदारी सुनिश्चित किया जाय और दबंगो के विरुद्ध मुझ विधवा को जान मारने की नियत से आघात करने के प्रयास का मुकदमा पंजीकृत सुसंगत धाराओं निरुद्ध किया जाय तहसील खुद बटवारा से इंकार कर रहा है विवेचक महोदय कुछ उलटी ही गंगा बहा रहे है विवेचक की जांच के उपरांत प्रार्थी पर जानलेवा हमला खुद विवेचक महोदय अखंडता संदेह पैदा करती है विवेचक थाना विंध्याचल की आख्या संलग्न है शिकायत संख्या:-40019921007807 के साथ और शिकायत संख्या:-40019921008614 के साथ भी संलग्न है संदर्भ संख्या : 40019921007807 , दिनांक - 31 May 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:-40019921007807 और आवेदक का नाम-Sugun Singh महोदय आप तहसील सदर की रिपोर्ट ०६/०४/२०२१ का अवलोकन करे जिसके अनुसार प्रार्थिनी को यह सलाह दिया गया है की प्रार्थिनी राजस्व संहिता की धारा ११६ के अंतर्गत वाढ दाखिल कर अनुतोष प्राप्त करे अर्थात अभी तक भूमिधरी जमीन का बटवारा नहीं हुआ है जो की इस प्रत्यावेदन के साथ संलग्न है U.P. Revenue Code, 2006, U.P. Act No. 8 of 2012 Last Updated 30th March, 2021 116. Suit for division of holding. - A bhumidhar may sue for the division of the holding of which he is a co-sharer. In every such suit, the Court may also divide the trees, wells and other improvements existing on such holding but where such division is not possible, the trees, wells and other improvements aforesaid and valuation thereof shall be divided and adjusted in the manner prescribed. One suit may be instituted for the division of more holdings than one where all the parties to the suit other than the Gram Panchayat] are jointly interested in each of the holdings
विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-30-06-2021शिकायत की स्थिति-
स्तर -क्षेत्राधिकारी स्तरपद -क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक07-06-2021 को फीडबैक:-श्री मान जी जांच अधिकारी महोदय की अखंडता संदिग्ध थी इसलिए ही उनके विरुद्ध प्रार्थी द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया किन्तु अभाग्य यह है की जो उच्चाधिकारी होते है वे उनके पास अपने विवेक तो होते नहीं अन्यथा वे उसका उपयोग जरूर करते जहा तक बटवारे का प्रश्न है वह तो महोदय तहसील के रिपोर्ट से ही स्पस्ट है जिसमे लेखपाल महोदय की आख्या जो की हिंदी भाषा में है उपनिरीक्षक महोदय और सम्बंधित अधिकारी को समझ में आनी चाहिए थी किन्तु समझ में नहीं आयी श्री मान जी अभी तक जमीन का बटवारा नहीं हुआ है प्रार्थी द्वारा शिकायत संख्या 40019921008631 अशोक कुमार सिंह उर्फ अंगद सिंह के ललकारने पर उनका पुत्र शिवराम और प्रभाकर सिंह मुझ विधवा को जान से मारने की नियत से गणासा ले कर मारने दौड़े अर्थात प्रार्थिनी द्वारा अनिल कुमार सिंह के विरुद्ध तो शिकायत नहीं की गयी जो सच है प्रार्थिनी ने वह किया किन्तु पुलिस की अखंडता तो संदिग्ध है न श्री मान जी गणासा जान से मारने नियत से दौड़ना एक अपराधिक मामला है और पुलिस को मालूम होना चाहिए की जिन धारा १०७ ऑब्लिक ११६ की बात सम्बंधित पुलिस बात सिर्फ अंगद सिंह और उनके पुत्रो को प्रोटेक्ट कर रही और उनके मन कानून का भय निकाल रही है श्री मान जी प्रार्थिनी यदि पुलिस की रिपोर्ट को सच भी माना जाय तो प्रार्थिनी अनिल कुमार सिंह से बात करेगी तो अंगद सिंह के लड़के गणासा ले कर जान से मारने दौङेगे है कोई कानून ब्यवस्था इस देश में
फीडबैक की स्थिति -फीडबैक प्राप्त
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अधीनस्थ द्वारा प्राप्त आख्या :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी आदेश/आपत्ति दिनांक आदेश/आपत्ति आख्या देने वाले अधिकारी आख्या दिनांक आख्या स्थिति संलगनक
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 31-05-2021 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-क्षेत्राधिकारी , नगर ,जनपद-मिर्ज़ापुर 04-06-2021 अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित निक्षेपित
2 अंतरित क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त (पुलिस ) 31-05-2021 आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें एवं आख्या प्रेषित करें थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक-विन्ध्याचल,जनपद-मिर्ज़ापुर,पुलिस 04-06-2021 श्रीमान जी आख्या सादर सेवा में प्रेषित है। निस्तारित
Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2021/0390483
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Sugun Singh
Date of Receipt
31/05/2021
Received By Ministry/Department
Prime Ministers Office
Grievance Description
The matter concerns the unauthorised construction by the Ashok Kumar Singh Son of surju Singh village babura post babura district Mirzapur tehsil Sadar and main an authorised construction is being made by Anil Kumar Singh son of Suruju Singh of the same address as aforementioned. Here aggrieved applicant is Sugun Singh Wife of Krishna Kumar Singh village babura post babura district Mirzapur police station Vindhyachal. Construction taking place on the unpartitioned land of which boundary has not been decided must be stopped by the district administration so that any problem may be avoided. This is humble request of the applicant to direct the concerned staff of the government to decide the partition of the land as required under the law and direct police concerned to stop the construction of the building at the unpartitioned land.
Grievance Document
Current Status
Under process
Date of Action
01/06/2021
Officer Concerns To
Officer Name
Shri Bhaskar Pandey
Officer Designation
Joint Secretary
Contact Address
Chief Minister Secretariat Room No.321 U.P. Secretariat, Lucknow
Email Address
bhaskarpandey2214@gmail.com
Contact Number
2226350
प्राप्त फीडबैक -दिनांक07-06-2021 को फीडबैक:-श्री मान जी जांच अधिकारी महोदय की अखंडता संदिग्ध थी इसलिए ही उनके विरुद्ध प्रार्थी द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया किन्तु अभाग्य यह है की जो उच्चाधिकारी होते है उनके पास अपने विवेक तो होते नहीं अन्यथा वे उसका उपयोग जरूर करते जहा तक बटवारे का प्रश्न है वह तो महोदय तहसील के रिपोर्ट से ही स्पस्ट है जिसमे लेखपाल महोदय की आख्या जो की हिंदी भाषा में है उपनिरीक्षक महोदय और सम्बंधित अधिकारी को समझ में आनी चाहिए थी किन्तु समझ में नहीं आयी श्री मान जी अभी तक जमीन का बटवारा नहीं हुआ है
ReplyDeleteIt is quite obvious that no action is taken by the concerned police because of the rampant corruption in the department of the police. Here this question arises that why the accountable public functionaries of the department of the police is not taking any action in the matter?
ReplyDeleteFrom the post it is quite obvious that law and order in the state of Uttar Pradesh is failed quite obvious from the fact that later on police did not take cognizance of the matter because of the corruption in the department of the police. श्री मान जी विवेचक महोदय की कौन सी मजबूरी थी जिसकी वजह से उन्होंने झूठा और मनगढंत रिपोर्ट जनसुनवाई पोर्टल पर लगाया साथ विपक्षियों को टॉनिक देकर विधवा के ऊपर जान लेवा हमला करवाने का प्रयास किया गया श्री मान जी विवेचक महोदय मनगढ़ंत जवाब लगा कर बैठ गए और फीडबैक पर कोई कार्यवाही नहीं हुई परिणाम यह की अशोक कुमार सिंह उर्फ अंगद सिंह के ;ललकारने पर उनका पुत्र शिवराम और प्रभाकर सिंह मुझ विधवा को जान से मारने की नियत से गणासा ले कर मारने दौड़े किन्तु उपस्थित लोगो ने बीच बचाव किया घटना आज का करीब ११ बजे का है कृपया विवेचक महोदय की जिम्मेदारी सुनिश्चित किया जाय और दबंगो के विरुद्ध मुझ विधवा को जान मारने की नियत से आघात करने के प्रयास का मुकदमा पंजीकृत सुसंगत धाराओं निरुद्ध किया जाय तहसील खुद बटवारा से इंकार कर रहा है विवेचक महोदय कुछ उलटी ही गंगा बहा रहे है विवेचक की जांच के उपरांत प्रार्थी पर जानलेवा हमला खुद विवेचक महोदय अखंडता संदेह पैदा करती है
ReplyDeleteThink about the gravity of the situation that the Tahsil administration is saying that there is no partition of the land but government police in the state is saying that there has been partition already 15 years ago whether it is not contradiction that police is playing the negative role in the matter by submitting arbitrary reports because of the corruption in the department of police in the government of Uttar Pradesh. Here this question arises that who will bell the cat?
ReplyDeleteNow a days it has been practice that in criminal matters, nowadays police is submitting arbitrary reports by adopting biased approach in the matter which is the root cause needy are deprived of the justice in this largest democracy in the world.