If there is transparency and accountability in working of police then why not, PIO providing information sought by aggrieved

 

(Description of Information sought (upto 500 characters) )


* Description of Information Sought संदर्भ संख्या : 40015721024826 , दिनांक - 14 Apr 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:-40015721024826 आवेदक का नाम-Ashutosh Singh अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 06-04-2021 06-05-2021 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-क्षेत्राधिकारी कृष्णा नगर ,जनपद-लखनऊ,पुलिस अनमार्क


 1-Provide the name and designation processing aforementioned grievance submitted on the Jansunwai portal of the government of Uttar Pradesh.


 2-Provide the status of the grievance within 24 hours as matter concerns the death threat of the information seeker as four successive assaults took place.


संदर्भ संख्या : 40015721023892 , दिनांक - 14 Apr 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:-40015721023892 आवेदक का नाम-Ashutosh Singh  अंतरित क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त (पुलिस ) 03-04-2021 कृपया उपरोक्त सबंध में तत्काल नियमानुसार कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से अवगत कराने का कष्ट करें थानाध्‍यक्ष/प्रभारी नि‍रीक्षक-सरोजनी नगर,जनपद-लखनऊ,पुलिस 10-04-2021 श्रीमान जी शिकायती आख्या सादर सेवा में प्रेषित है। निस्तारित 


3-Provide the reason for not lodging F.I.R. in the third and fourth successive criminal activities by the criminal elements. 


4-First goons in the group of 15 equipped with weapons committed premises trespass and threatened to kill information seeker with hurling abuses thereafter again made attempt to murder information seeker. Please provide the reason for not lodging F.I.R. as the police concerned are informed regarding attempt to murder information seeker by gangsters.


* Concerned PIO SHRAVAN KUMAR SINGH


Registration Number PCLKO/A/2021/60069


Name Ashutosh Singh


Date of Filing 03/06/2021


Status APPEAL FORWARDED TO CONCERNED FIRST APPELLATE AUTHORITY as on 03/06/2021


Appellate Authority Details :- Telephone Number:- 9454400531, Email Id:- dcphqoffice@gmail.com


  Nodal Officer Details  


Telephone Number 9454401503


Email-ID jansuchanalko@gmail.com


Online RTI Appeal Form Details


Public Authority Details :-


   


* Public Authority POLICE COMMISSIONER OFFICE LUCKNOW


   


Personal Details of Appellant:-


Request Registration Number PCLKO/R/2021/60132


Request Registration Date 20/04/2021


* Name Ashutosh Singh


Gender Male


* Address APC State II Literacy house , Kanpur Road


Pincode 226001


Country India


State Uttar Pradesh


Status Details not provided


Pincode Literate


Phone Number Details not provided


Mobile Number +91-8687593247


Email-ID myogimpsingh[at]gmail[dot]com


Appeal Details :-


Citizenship Indian


* Is the Applicant Below Poverty Line ? No


* Ground For Appeal Refused access to Information Requested


* PIO of Public Authority approached SHRAVAN KUMAR SINGH


PIO Order/Decision Number Details not provided


* PIO Order/Decision Date


((Description of Information sought (upto 500 characters) )


* Prayer or Relief Sought Whether a public information officer in the office of police commissioner Lucknow is a layman not apprised with the provisions of Right to Information Act 2005? Right to Information Act 2005 has been introduced by the government of India to promote transparency and accountability in the working of the public authorities so that corruption in the public offices which is rampant in this largest democracy in the world may be reduced. Your appellant sought information under four points and incompetent public information officer cryptically denied the information on the flimsy round that action has uploaded in the grievance such and such. Everyone knows that there is circumstantial evidence that concerned police staffs have nexus with the criminal elements and committing crime through such goons and submitting arbitrary reports on the Jansunwai and CPGRAM portals of the government. Here the public information officer must know how the transparency and accountability will be ensured if information will be denied by him under R,T,I, Act 2005 in this cryptic manner by taking the recourse of such websites where there is no transparency and accountability and I can prove it through my representative through proper evidence if the government may order an inquiry against the concerned police.According to provision of Right to Information Act 2005, whatever information is available under any law for time being in force, same information is available under the provisions of Right to Information Act 2005. Right to Information Act 2005 is a special act which controversies are subject to the jurisdiction of the transparency ombudsman central information commission in the matters of central governments and state information commission in the case of states. How will the transparency ombudsmann ensure that PIO has provided information if matter will be brought up before it under subsection 3 of section 19 of the Right to Information Act 2005? Here information is not available as sought by the appellant from the public information officer in the office of police commissioner Lucknow. 


Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2021/0256877

Grievance Concerns To

Name Of Complainant

Ashutosh Singh

Date of Receipt

14/04/2021

Received By Ministry/Department

Prime Ministers Office

Grievance Description

श्री मान जी  विवेचक महोदय की आख्या चौंकाने वाली है श्रीमान जी जहां विवेचक महोदय धक्का मुक्की की बात कर रहे है  वही पर यदि आप संलग्न मेडिकल रिपोर्ट और प्रार्थी के बहते खून और आखो की स्वेलिंग देखे तो आप को खुद महसूस हो जाएगा की सम्बंधित पुलिस की विश्वसनीयता क्या है इसलिए यह स्पस्ट है की    शिकायत संख्या:-40015721023892 आवेदक का नाम-Ashutosh Singh का निस्तारण गुण  दोष के आधार पर नहीं हुआ है बल्कि विवेचक द्वारा बिना विषयवस्तु का परिशीलन किये मनमाने तरीके से किया गया है और ऐसा निस्तारण अपराधियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है महोदय जब सीधे प्रमाण है और पुलिस इन प्रमाणों की अनदेखी कर रही है और प्रत्यावेदन प्रस्तुत करने में प्रार्थी द्वारा कोई कोताही नहीं की गयी तो सोचिये सामान्य आदमी को क्या इस आराजकता  में न्याय मिल सकता है श्री मान जी तीसरे और चौथे आपराधिक खड्यंत्र को जो की प्रार्थी को जान से मारने का प्रयास किया गया सरोजनी नगर पुलिस क्यों नजर अंदाज कर रही है इससे तो यही प्रतीत होता है की तीसरा और चौथा हमला पुलिस को विश्वास में ले कर किया गया श्री मान जी पुलिस को लिखित तहरीर दिया गया किन्तु सरोजनी नगरपुलिस द्वारा अभी तक प्रथम सूचना रिपोर्ट तक दर्ज नहीं किया गया है श्रीमान जी क्या वे १५ अपराधी असलहो से लैस हो कर प्रार्थी को मारने पुलिस के सह से आये थे यदि नहीं पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में टालमटोल क्यों कर रही है यह भी हो सकता है की पुलिस खुद ही अपराधियों से भयाक्रांत हो अन्यथा कार्यवाही करने में कोताही क्यों 


संदर्भ संख्या : 40015721023892 , दिनांक - 14 Apr 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:-40015721023892 आवेदक का नाम-Ashutosh Singh

 अंतरित क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त (पुलिस ) 03-04-2021 कृपया उपरोक्त सबंध में तत्काल नियमानुसार कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से अवगत कराने का कष्ट करें थानाध्‍यक्ष/प्रभारी नि‍रीक्षक-सरोजनी नगर,जनपद-लखनऊ,पुलिस 10-04-2021 श्रीमान जी शिकायती आख्या सादर सेवा में प्रेषित है। निस्तारित

विषय-श्री मान जी अपराधियों को भारतीय दंड विधान की धारा  ३०७ में निरुद्ध किया जानासमीचीन होगाक्योकि उनका हौसला बढ़ा हुआ है और वे लोग प्रार्थी पर दो बार जान लेवाहमला कर चुके है आज तीसरी बार शाम पांच बजे १५ अराजक तत्व लाठीडंडे और राड से लैस होकर जिनके पास अत्याधुनिक असलहे भी थे प्राथी  के आवास applicant Ashutosh SinghS/O Mr Narendra Pratap Singh APC State II A  Literacy House Kanpur Road Lucknow पर धावाबोले जो प्रदेश की राजधानी में कानून की बिगड़ती दशा का द्योतक है यह महत्वपूर्ण है की क्या उन १५ दहसत गर्दो में प्रदेश की कानून ब्यवस्था का भय है क्यासम्बन्धित पुलिस अधिकारी तीसरा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरेंगे या अपराधियों बढे हुए मनोबल को परदेके पीछे से संजीवनी देंगे श्री मान जी पुलिस के समक्ष जान से मारने की धमकीदेना ही पुलिस की असलीपोल खोल रहा है क्याइन पंद्रह दहसत गर्दो को पुलिस का आशीर्वाद प्राप्त जो खुले आम एक शहरी को बार बार जान से मारने का प्रयास कर रहे है क्या सम्बंधित पुलिस कोई कार्यवाही की या सिर्फ मामले का तमाशबीन बन के रह जाएगी योगी आदित्यनाथ की कुर्सी के नीचेयह क्यातमाशा हो  रहा कानून व्यवस्था का नंगा नाच फिर भी कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त अर्थात सच से कोसो दूर श्री मान जी १५ लोगो के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरके बलवा का मुक़दमा कायम कियाजाय और प्रार्थी को सुरक्षा प्रदान की जाए अन्यथा प्रार्थी की मृत्यु के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगाक्यों की वरिष्ठ अधिकारिओं के संज्ञान में है मामला फिर भी निचला स्तर  खड्यंत्र करने से बाज नहीं आ रहा है प्रार्थी को पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाए

Grievance Document

Current Status

Case closed

Date of Action

19/06/2021

Remarks

अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित जाँचकर्ता की आख्या मूलरूप से पोर्टल पर अवलोकनार्थ सादर सेवा में प्रेषित है अनुमोदित श्री मान् जी आख्या प्रेषित है श्रीमान जी आख्या सादर सेवा में प्रेषित है

Reply Document

Rating

1

Poor

Rating Remarks

Public information officer did not provide even single point information to conceal wrongdoings of the subordinate because there is rampant corruption in the working of public authority police in the state capital. 1-Provide the name and designation processing aforementioned grievance submitted on the Jansunwai portal of the government of Uttar Pradesh. 2-Provide the status of the grievance within 24 hours as the matter concerns the death threat of the information seeker, as four successive assaults took place. 3-Provide the reason for not lodging F.I.R. in the third and fourth successive criminal activities by the criminal elements. 4-First goons in the group of 15 equipped with weapons committed premises trespass and threatened to kill information seeker with hurling abuses, thereafter again made attempt to murder information seeker. Please provide the reason for not lodging F.I.R. as the police concerned are informed regarding attempt to murder information seeker by gangsters.

Officer Concerns To

Officer Name

Shri Bhaskar Pandey

Officer Designation

Joint Secretary

Contact Address

Chief Minister Secretariat Room No.321 U.P. Secretariat, Lucknow

Email Address

bhaskar.12214@gov.in

Contact Number

2226350

Comments

  1. Who is promoting the anarchy and why accountable public functionaries of Lucknow police is silent on the issue of anarchy and lawlessness created by Sarojini Nagar police station?
    First goons in the group of 15 equipped with weapons committed premises trespass and threatened to kill information seeker with hurling abuses, thereafter again made attempt to murder information seeker. Please provide the reason for not lodging F.I.R. as the police concerned are informed regarding attempt to murder information seeker by gangsters.

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  2. Here it is quite obvious that police is acting by colluding with the criminals of the area in the state capital Lucknow and they are not providing information under the right information act 2005 which was introduced by the government of India to promote transparency and accountability in the working of the public authorities but because of rampant corruption in the public offices in the department of police in the government of Uttar Pradesh it is not providing any information under right to information act 2005 and submitting inconsistent report to the submissions of the grievances.

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  3. Right to information act 2005 was introduced by the government of India during the regime of Congress but when the Bhartiya Janata party government came into power there was rampant corruption in the government machinery and it began to dilute the provisions of right to information act 2005 because motive of right to information act is to root out corruption from the government machinery and Bhartiya Janata party government was not interested to remove the corruption from the government machinery so they made the right to information act 2005 ineffective and this is the root cause of not providing any information under right to information act 2005.

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  4. Here role of the Lucknow police is quite negative as There is tacit understanding between the Lucknow police and the criminal elements and they are Harassing the victim by colluding with criminal elements and creating undue pressure on the witnesses of the cases which is creating a negative impact on the case.

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