If L.D.A. is seeking documents from Dinesh Pratap Singh, then it must provide list in sequence so that verification may be carried out
संदर्भ संख्या : 40015721040389 , दिनांक - 14 Jun 2021 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40015721040389
आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singhविषय-संदर्भ संख्या : 40015721022420 , दिनांक - 14 Jun 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण :शिकायत संख्या:-40015721022420 आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singh 1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 27-03-2021 11-04-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण C-श्रेणीकरण 2 आख्या मंडलायुक्त 31-05-2021 07-06-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण कृपया प्रकरण का गंभीरता से पुनः परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए 07 दिवस में आख्या उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की गई है कार्यालय स्तर पर लंबितOngoing property officer, Snigdha Chaturvedi, Lucknow Development Authority in the aforementioned matter through its letter number 1184 dated 18/05/2021 attached as first page of PDF documents to this representation seeking documents concerned with allotment but did not mention explicitly which documents she needs. As quite obvious from the attached order passed by the Lucknow bench of the High court of Judicature at Allahabad title of the government plot allotted to opposition had to be decided by the competent court or authority which is yet to be decided so paper of registry is not available to applicant but all other documents of the allotted land to the opposition mentioned in the report of property officer of Lucknow Development Authority exchanged during the purchase of land is available in original form which is voluminous. Therefore for the convenience of public authority Lucknow Development Authority and applicant as well, competent property officer Mrs Snighdha Chaturvedi may provide the list of sequence of original documents which she needs to verify so that applicant may physically appear in her office to comply the authoritative order passed as it is corona virus pandemic period so useless frequent visit to the office of the public authority will not cultivate constructive result. O God please be kind to us.
Department -विकास प्राधिकरणComplaint Category -
नियोजित तारीख-29-06-2021शिकायत की स्थिति-
Level -विकास प्राधिकरणPost -उपाध्यक्ष
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक को फीडबैक:-
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अग्रसारित विवरण :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 14-06-2021 29-06-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण अनमार्क
संदर्भ संख्या : 40015721022420 , दिनांक - 14 Jun 2021 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-40015721022420
आवेदक का नाम-Dinesh Pratap Singhविषय-Order passed by the Lucknow bench of the High court of Judicature at Allahabad in the Writ Petition Number 135 HC Year 2006 as follows It is simply ordered that the respondent number 4 to 7 shall open the lock of the staircase so that Smt Anuradha Singh the petitioner may come out of the house and take the proper and appropriate remedy in the competent court and after that, she may have the liberty to go anywhere. Since it is not a case in the strict sense of illegal detention, therefore, no direction can be issued to the respondent to produce the detenue in the court and allow her to live free at her home but since she can not take necessary steps for taking the remedy in the competent court, therefore it is simply ordered that the alleged detenue Smt Anuradha Singh shall be allowed to go out of the house and respondent number 4 to 7 shall open the lock of the door and open the door so that Smt Anuradha Singh may come out and take appropriate remedy. Dated 07032006 Signed by the concerned Honourable Justices of Division bench of Lucknow.महोदय उपरोक्त आदेश प्रत्यावेदन के साथ संलग्न है | संलग्नक के प्रथम व द्वितीय पेज में प्रार्थी द्वारा दिनांक १५/ ०३ /२००७ तथा २६/०६ /२००७ को विपक्षियों के पक्ष में निबंधन किये जाने का विरोध किया गया जिसके कारण दिनांक १३/०८/२००७ को लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा अपने तत्कालीन संपत्ति अधिकारी के. के. सिंह द्वारा नोटिस जारी किया गया | पक्ष विपक्ष को सुनने के लिए उपरोक्त अधिकारी द्वारा तिथि दिनांक २५/०८/२००७ समय प्रातः ११ बजे तय किया | अफ़सोस की बात है की पक्ष अर्थात प्रार्थी दिनेश प्रताप सिंह उपस्थित हुए किन्तु पांचो विपक्ष उपस्थित नहीं हुए | प्रार्थी निम्न उक्त बिंदुओं को पुनः श्री मान के संज्ञान में लाना चाहता है | १- क्या बिपक्षी टाइटल बिबाद को निबंधन के समय तक सक्षम न्यायालय के माध्यम से हल कर चुके थे | २- सक्षम न्यायालय का विवरण उपलब्ध कराये | ३- सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आदेश की प्रति उपलब्ध कराये | ४-श्री मान जी यदि मूल दस्तावेज प्रार्थी के पास है तो लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा निबंधन की कार्यवाही किस आधार पर सम्पादित की गयी | ५- प्रार्थी के उपरोक्त प्रत्यावेदन पर तत्कालीन संपत्ति अधिकारी के. के. सिंह द्वारा क्या निर्णय लिया गया उसकी प्रति उपलब्ध कराया जाय |
विभाग -विकास प्राधिकरणशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-07-06-2021शिकायत की स्थिति-
स्तर -विकास प्राधिकरणपद -उपाध्यक्ष
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक24-05-2021 को फीडबैक:-आवेदक द्वारा बताया गया है की दिए गए समाधान से संतुष्ट नहीं है भी तक शिकायत पर कोई कार्यवाही नही की गयी है आवेदक रिपोर्ट से सहमत नही है ,कृपया समस्या का समाधान पुनःसे जाँच करके कार्यवाही की जाए
फीडबैक की स्थिति -सन्दर्भ पुनर्जीवित
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अग्रसारित विवरण :
क्र.स. सन्दर्भ का प्रकार आदेश देने वाले अधिकारी प्राप्त/आपत्ति दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश स्थिति
1 अंतरित ऑनलाइन सन्दर्भ 27-03-2021 11-04-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण C-श्रेणीकरण
2 आख्या मंडलायुक्त( ) 31-05-2021 07-06-2021 उपाध्यक्ष-लखनऊ,विकास प्राधिकरण कृपया प्रकरण का गंभीरता से पुनः परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए 07 दिवस में आख्या उपलब्ध कराए जाने की अपेक्षा की गई है कार्यालय स्तर पर लंबित
प्रार्थी निम्न उक्त बिंदुओं को पुनः श्री मान के संज्ञान में लाना चाहता है | १- क्या बिपक्षी टाइटल बिबाद को निबंधन के समय तक सक्षम न्यायालय के माध्यम से हल कर चुके थे | २- सक्षम न्यायालय का विवरण उपलब्ध कराये | ३- सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आदेश की प्रति उपलब्ध कराये | ४-श्री मान जी यदि मूल दस्तावेज प्रार्थी के पास है तो लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा निबंधन की कार्यवाही किस आधार पर सम्पादित की गयी | ५- प्रार्थी के उपरोक्त प्रत्यावेदन पर तत्कालीन संपत्ति अधिकारी के. के. सिंह द्वारा क्या निर्णय लिया गया उसकी प्रति उपलब्ध कराया जाय |
ReplyDeleteThink about the gravity of situation that concerned public authority Lucknow Development Authority didn't comply the order passed by the Lucknow bench of the high court of judicature at Allahabad which is quite obvious from the attached order passed by the high court of judicature attached to the post.
ReplyDeleteWhere is the good governance if such anarchy is not being removed by the accountable public functionaries?
Undoubtedly Deep irregularity was found in the working of the public authority Lucknow development authority but it is unfortunate that accountable public functionaries of the Government of Uttar Pradesh remained fail to trace the culprits and subject them prosecution under the law of land.
ReplyDeleteMore over order passed by the Lucknow bench of the high court of judicature at Allahabad was not taken into account by the concerned staff of the Lucknow development authorities which is quite obvious from the post.
Think about the gravity of situation that there is rampant corruption in the department of Lucknow development authority in which government plots allotted to those persons who were not entitled for it and most surprising thing is that they did not comply the order passed by the high court of judicature concerned with the anomalies which took place in the office of Lucknow development authority or we can say that there is complete anarchy and lawlessness in the working of the Lucknow development authority.
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