If justice is available in the VIP constituency Varanasi of Modi Sir, then why poor girl Sarita Singh wandering for six months
Gmail Beerbhadra Singh <myogimpsingh@gmail.com>
How the justice is available to vulnerable section in the state of Uttar Pradesh if police is procrastinating on the matter?
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Beerbhadra Singh <myogimpsingh@gmail.com> Fri, Apr 16, 2021 at 10:49 AM
To: sunil.12725@gov.in, ramjiyawanchaudhary38335@gmail.com, cmup@up.nic.in, csup@up.nic.in, hgovup@up.nic.in, pmosb <pmosb@pmo.nic.in>, presidentofindia@rb.nic.in, supremecourt <supremecourt@nic.in>, urgent-action <urgent-action@ohchr.org>, uphrclko@yahoo.co.in, sec.sic@up.nic.in, dgp@up.nic.in, dgpolice@sify.com, adglo.up@nic.in, igzonevns-up@nic.in
Sir more than dozen applications submitted by the applicant and applicant repeatedly requested on their mobile phones as provided by them and cooperated with them whenever they sought support like medical examination and witness testimony but alas the outcome remains zero. Sir justice delayed is justice denied.
श्री मान जी जनसूचना अधिकार २००५ के तहत यह ऑनलाइन प्रार्थना पत्र दिनांक ३१/०३/२०२१ को दिया गया था किन्तु आप द्वारा रजिस्ट्रेशन नंबर Registration Number DOCMO/R/2021/60294 दिनांक ०७/०४/२०२१ को भेजा गया और आज १६/०४/२०२१ है जनसूचना प्रार्थना पत्र का करंट स्टेटस निम्न है जिसमे आप द्वारा अभी तक उपधारा ३ धारा ६ का उपयोग नहीं किया गया क्योकि नोटिंग के अलावा समस्त सूचना वाराणसी पुलिस के नियंत्रण में है
Registration Number DOCMO/R/2021/60294
Name Sarita Singh Date of Filing 07/04/2021
Status REQUEST FORWARDED TO PIO as on 08/04/2021
Details of PIO :- Telephone Number:- , Email Id:- ramjiyawanchaudhary38335@gmail.com
Note :- You are advised to contact the above mentioned officer for further details.
Nodal Officer Details
Telephone Number 9454412725
Email-ID sunil.12725@gov.in
प्रार्थिनी द्वारा प्रस्तुत ऑनलाइन जनसूचना का विवरण निम्न है जिसमे प्रार्थिनी द्वारा चार विन्दुओं पर सूचना चाही है और अभी तक अप्राप्त है
Online RTI Request Form Details
Public Authority Details :- Public Authority Chief Minister office
Personal Details of RTI Applicant:-Registration Number DOCMO/R/2021/60294
Date of Filing 07/04/2021
* Name Sarita Singh Gender Female
* Address Flat number 11 , Jail Road Shivpur Pincode 221010
Country India
State Uttar Pradesh
Status Details not provided
Pincode Literate Phone Number +91-7309711847
Mobile Number +91-7309711847
Email-ID myogimpsingh[at]gmail[dot]com
Request Details :-Citizenship Indian
* Is the Applicant Below Poverty Line ? No
((Description of Information sought (upto 500 characters) )
* Description of Information Sought Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2021/0187654 Grievance Concerns To Name Of Complainant Sarita Singh Date of Receipt 13/03/2021 Received By Ministry/Department Prime Ministers Office Current Status Under process Date of Action 18/03/2021Remarks Grievance received by Subordinate Organization from Web API, Detail of F.I.R. lodged in Lanka police station District Varanasi is attached to communique. 1-Please provide the notings in regard to aforementioned grievance.
2- Please provide the action in the matter concerned.
3-Two sections of the IPC is imposed on accused Hritik Ranjan section 376 and 406 of the IPC as he and his family is not cooperating enquiry and not appearing before competent officers so need to take vigilant eyes on them. Please provide the information regarding the non arrest of accused Hritik Ranjan.
4-Undoubtedly it may be Lanka police may not have sent the requisite information but when concerned officers have sought information from aggrieved then it is their obligation to take him under custody but Hritik Ranjan still hatches conspiracy against the information seeker knowingly not supporting Lanka police in the investigation. Please provide the reason for not arresting the accused.
* Concerned PIO RAM JIYAWAN (L.S. Sec-1)
Supporting document ((only pdf upto 1 MB))
श्री मान जी प्रार्थिनी पिछले छह महीने से दौड़ रही है किन्तु विपक्षी गणो के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई है श्री मान जी मुल्जिम का पिता थानाध्यक्ष महोदय के समक्ष शादी कराने का वचन दिया किन्तु उससे हट गया क्या तह अपराध नहीं है श्री मान जी समस्त खड्यंत्र कारिओं के उपयुक्त कार्यवाही होनी चाहिए यदि नहीं उपस्थित हो रहे है तो कुर्की की कार्यवाही की जाए- का वर्षा जब कृषी सुखाने
श्री मान जी पुलिस द्वारा मुल्जिम के विरुद्ध तो अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी किन्तु प्रार्थिनी को बार बार दौड़ाया जा रहा है ऐसा प्रतीत होता है की प्रार्थिनी को परेशान करके केस में पैरवी करने से हतोत्साहित किया जा रहा है जिससे मुल्जिम को फायदा हो
According to subsection 1 of section 376 of Indian penal code Punishment for rape Whoever, except in the cases provided for by sub-section 2, commits rape shall be punished with imprisonment of either description for a term which shall not be less than seven years but which may be for life or for a term which may extend to ten years and shall also be liable to fine 376 Rape. Rigorous imprisonment of Cognizable Non-bailable Court of not less than 10 years Session.but which may extend to imprisonment for life and with fine.
श्री मान जी धारा ३७६ गैर जमानती है और हास्यास्पद यह है की किसी को गिरप्तार नहीं किया गया है उस पिता को ही गिरप्तार कर लेते जो थानाध्यक्ष महोदय के समक्ष शादी कराने का वादा करके जेल से मुक्त हो गया किन्तु खुद वादे से मुकर गया Whether it is not criminal breach of trust? Think about the dignity of women in the state of Uttar Pradesh and state of women in the VIP constituency of the Modi Sir.
संदर्भ संख्या : 92119700000597 , दिनांक - 14 Apr 2021 तक की स्थिति
आवेदनकर्ता का विवरण :
शिकायत संख्या:-92119700000597
आवेदक का नाम-सरिता सिहविषय-आवेदककर्ता द्वारा बताया गया है , की आवेदिका का नाम सरिता सिह , पिता का नाम शंकर लाल सिह ,मोहल्ला का नाम शिव पुर ,थाना का नाम लंका ,आवेदिका द्वारा बताया गया है ,की आवेदिका के साथ लड़के ने अपने प्यार के जाल में फसाकर आवेदिका के साथ धोखाधड़ी की गई है ,लड़के का नाम रितिक राजन , पिता का नाम राज नाथ है ,आवेदिका ने इस सम्बन्ध में महिला थाने में सम्पर्क किया था ,परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई है , आवेदिका लडके के खिलाफ कार्यवाही करना चाहती है ,कृपया समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए
विभाग -पुलिसशिकायत श्रेणी -
नियोजित तारीख-26-02-2021शिकायत की स्थिति-
स्तर -थाना स्तर पद -थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक
प्राप्त रिमाइंडर-
प्राप्त फीडबैक -दिनांक 04-04-2021 को फीडबैक:-शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया की वह विभाग द्वारा दिए गये समाधान से असंतुष्ट है अभी तक समस्या का समाधान नही हुआ है ,समस्या अभी भी बनी हुई है ,कृपया जाँच कर जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाए
फीडबैक की स्थिति -
संलग्नक देखें -Click here
नोट- अंतिम कॉलम में वर्णित सन्दर्भ की स्थिति कॉलम-5 में अंकित अधिकारी के स्तर पर हुयी कार्यवाही दर्शाता है!
अग्रसारित विवरण :
क्र.स. सन्दर्भ दिनांक नियत दिनांक अधिकारी को प्रेषित आदेश आख्या दिनांक आख्या रिपोर्ट स्थिति संलगनक
1 12-01-2021 26-02-2021 थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक-लंका,जनपद-वाराणसी,पुलिस शिकायतकर्ता द्वारा असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने पर पुनः परीक्षण कर निस्तारण हेतु प्रेषित. 02-02-2021 रिपोर्ट सादर सेवा में प्रेषित है असंतुष्ट फीडबैक
2 12-01-2021 26-02-2021 थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक-लंका,जनपद-वाराणसी,पुलिस शिकायतकर्ता द्वारा असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने पर पुनः परीक्षण कर निस्तारण हेतु प्रेषित. 24-02-2021 रिपोर्ट सादर सेवा मे प्रेषित है। निस्तारित
3 01-03-2021 31-03-2021 क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त-क्षेत्राधिकारी भेलुपुर,जनपद-वाराणसी,पुलिस शिकायतकर्ता द्वारा फिर से असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने पर उच्च अधिकारी को पुनः परीक्षण हेतु प्रेषित. 27-03-2021 आवेदिका के प्रार्थना पत्र का निस्तारण किया गया निस्तारित
4 30-03-2021 29-04-2021 पुलिस आयुक्त-वाराणसी शिकायतकर्ता द्वारा फिर से असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने पर उच्च अधिकारी को पुनः परीक्षण हेतु प्रेषित. 30-03-2021 श्रीमान् जी आख्या संलग्न है रिपोर्ट सादर सेवा में प्रेषित है। निस्तारित
5 04-04-2021 04-05-2021 पुलिस महानिरीक्षक/अतिरिक्त महानिदेशक जोन -बनारस शिकायतकर्ता द्वारा फिर से असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त होने पर उच्च अधिकारी को पुनः परीक्षण हेतु प्रेषित. 09-04-2021 परीक्षण से आख्या संतोषजनक पायी गयी ।
This is a humble request of your applicant to you Hon’ble Sir that how can anyone justify to withhold public services arbitrarily and promote anarchy, lawlessness and chaos arbitrarily by making the mockery of law of land? There is need of the hour to take harsh steps against the wrongdoer to win the confidence of citizenry and strengthen the democratic values for healthy and prosperous democracy. For this, your applicant shall ever pray for you, Hon’ble Sir.
Date-16/04/2021 Yours sincerely
Sarita Singh D/O Mr Shankar Lal Singh Mobile number- 7309711847 Block number 69 Flat number 11 Indrapur Colony, Jail Road, Shivpur Varanasi, Uttar Pradesh, India.
श्री मान जी धारा ३७६ गैर जमानती है और हास्यास्पद यह है की किसी को गिरप्तार नहीं किया गया है उस पिता को ही गिरप्तार कर लेते जो थानाध्यक्ष महोदय के समक्ष शादी कराने का वादा करके जेल से मुक्त हो गया किन्तु खुद वादे से मुकर गया Whether it is not criminal breach of trust? Think about the dignity of women in the state of Uttar Pradesh and state of women in the VIP constituency of the Modi Sir.
ReplyDeleteUndoubtedly human rights violations on its peak in the regime of Yogi Adityanath government in state of Uttar Pradesh and in the Government of Modi sir not a single online application is being accepted by the online portal of the Government of India managed by the ministry of personnel. Whether it is not a mockery of the law of land which is showing the insolence of the concerned staff who are deliberately not accepting the online submitted applications under right to information act 2005 quite obvious from the mysterious working style.
ReplyDeleteWhere is justice for women and girls in the state of Uttar Pradesh? Current pressure on the offenders will bring up positive result to the the aggrieved victim but later on only corruption will promote in the system. In which office of the Government of India bribes are not taken? I think that there is no exception in such matters.
ReplyDeleteRight to information act 2005 was brought up during the regime of Congress to promote transparency and accountability in the working of the public authorities but when the Bhartiya Janata party government came into power and Modi became the prime minister of this country he commenced to dilute the provisions of right to information act 2005 and now a days not a single information is being made available to the information seekers which is tantamount to throw the right to information act 2005 into a dustbin.
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