How the barbaric assault on an innocent by the criminal elements is being shielded by the Lucknow police in Yogi Govt. ?
Grievance Status for registration number : PMOPG/E/2021/0256877
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Ashutosh Singh
Date of Receipt
14/04/2021
Received By Ministry/Department
Prime Ministers Office
Grievance Description
श्री मान जी विवेचक महोदय की आख्या चौंकाने वाली है श्रीमान जी जहां विवेचक महोदय धक्का मुक्की की बात कर रहे है वही पर यदि आप संलग्न मेडिकल रिपोर्ट और प्रार्थी के बहते खून और आखो की स्वेलिंग देखे तो आप को खुद महसूस हो जाएगा की सम्बंधित पुलिस की विश्वसनीयता क्या है इसलिए यह स्पस्ट है की शिकायत संख्या:-40015721023892 आवेदक का नाम-Ashutosh Singh का निस्तारण गुण दोष के आधार पर नहीं हुआ है बल्कि विवेचक द्वारा बिना विषयवस्तु का परिशीलन किये मनमाने तरीके से किया गया है और ऐसा निस्तारण अपराधियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है महोदय जब सीधे प्रमाण है और पुलिस इन प्रमाणों की अनदेखी कर रही है और प्रत्यावेदन प्रस्तुत करने में प्रार्थी द्वारा कोई कोताही नहीं की गयी तो सोचिये सामान्य आदमी को क्या इस आराजकता में न्याय मिल सकता है श्री मान जी तीसरे और चौथे आपराधिक खड्यंत्र को जो की प्रार्थी को जान से मारने का प्रयास किया गया सरोजनी नगर पुलिस क्यों नजर अंदाज कर रही है इससे तो यही प्रतीत होता है की तीसरा और चौथा हमला पुलिस को विश्वास में ले कर किया गया श्री मान जी पुलिस को लिखित तहरीर दिया गया किन्तु सरोजनी नगरपुलिस द्वारा अभी तक प्रथम सूचना रिपोर्ट तक दर्ज नहीं किया गया है श्रीमान जी क्या वे १५ अपराधी असलहो से लैस हो कर प्रार्थी को मारने पुलिस के सह से आये थे यदि नहीं पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में टालमटोल क्यों कर रही है यह भी हो सकता है की पुलिस खुद ही अपराधियों से भयाक्रांत हो अन्यथा कार्यवाही करने में कोताही क्यों
संदर्भ संख्या : 40015721023892 , दिनांक - 14 Apr 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:-40015721023892 आवेदक का नाम-Ashutosh Singh
अंतरित क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त (पुलिस ) 03-04-2021 कृपया उपरोक्त सबंध में तत्काल नियमानुसार कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से अवगत कराने का कष्ट करें थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक-सरोजनी नगर,जनपद-लखनऊ,पुलिस 10-04-2021 श्रीमान जी शिकायती आख्या सादर सेवा में प्रेषित है। निस्तारित
विषय-श्री मान जी अपराधियों को भारतीय दंड विधान की धारा ३०७ में निरुद्ध किया जानासमीचीन होगाक्योकि उनका हौसला बढ़ा हुआ है और वे लोग प्रार्थी पर दो बार जान लेवाहमला कर चुके है आज तीसरी बार शाम पांच बजे १५ अराजक तत्व लाठीडंडे और राड से लैस होकर जिनके पास अत्याधुनिक असलहे भी थे प्राथी के आवास applicant Ashutosh SinghS/O Mr Narendra Pratap Singh APC State II A Literacy House Kanpur Road Lucknow पर धावाबोले जो प्रदेश की राजधानी में कानून की बिगड़ती दशा का द्योतक है यह महत्वपूर्ण है की क्या उन १५ दहसत गर्दो में प्रदेश की कानून ब्यवस्था का भय है क्यासम्बन्धित पुलिस अधिकारी तीसरा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरेंगे या अपराधियों बढे हुए मनोबल को परदेके पीछे से संजीवनी देंगे श्री मान जी पुलिस के समक्ष जान से मारने की धमकीदेना ही पुलिस की असलीपोल खोल रहा है क्याइन पंद्रह दहसत गर्दो को पुलिस का आशीर्वाद प्राप्त जो खुले आम एक शहरी को बार बार जान से मारने का प्रयास कर रहे है क्या सम्बंधित पुलिस कोई कार्यवाही की या सिर्फ मामले का तमाशबीन बन के रह जाएगी योगी आदित्यनाथ की कुर्सी के नीचेयह क्यातमाशा हो रहा कानून व्यवस्था का नंगा नाच फिर भी कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त अर्थात सच से कोसो दूर श्री मान जी १५ लोगो के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरके बलवा का मुक़दमा कायम कियाजाय और प्रार्थी को सुरक्षा प्रदान की जाए अन्यथा प्रार्थी की मृत्यु के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगाक्यों की वरिष्ठ अधिकारिओं के संज्ञान में है मामला फिर भी निचला स्तर खड्यंत्र करने से बाज नहीं आ रहा है प्रार्थी को पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाए
संदर्भ संख्या : 40015721023892 , दिनांक - 14 Apr 2021 तक की स्थिति आवेदनकर्ता का विवरण : शिकायत संख्या:-40015721023892 आवेदक का नाम-Ashutosh Singh
अंतरित क्षेत्राधिकारी / सहायक पुलिस आयुक्त (पुलिस ) 03-04-2021 कृपया उपरोक्त सबंध में तत्काल नियमानुसार कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से अवगत कराने का कष्ट करें थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक-सरोजनी नगर,जनपद-लखनऊ,पुलिस 10-04-2021 श्रीमान जी शिकायती आख्या सादर सेवा में प्रेषित है। निस्तारित
विषय-श्री मान जी अपराधियों को भारतीय दंड विधान की धारा ३०७ में निरुद्ध किया जानासमीचीन होगाक्योकि उनका हौसला बढ़ा हुआ है और वे लोग प्रार्थी पर दो बार जान लेवाहमला कर चुके है आज तीसरी बार शाम पांच बजे १५ अराजक तत्व लाठीडंडे और राड से लैस होकर जिनके पास अत्याधुनिक असलहे भी थे प्राथी के आवास applicant Ashutosh SinghS/O Mr Narendra Pratap Singh APC State II A Literacy House Kanpur Road Lucknow पर धावाबोले जो प्रदेश की राजधानी में कानून की बिगड़ती दशा का द्योतक है यह महत्वपूर्ण है की क्या उन १५ दहसत गर्दो में प्रदेश की कानून ब्यवस्था का भय है क्यासम्बन्धित पुलिस अधिकारी तीसरा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरेंगे या अपराधियों बढे हुए मनोबल को परदेके पीछे से संजीवनी देंगे श्री मान जी पुलिस के समक्ष जान से मारने की धमकीदेना ही पुलिस की असलीपोल खोल रहा है क्याइन पंद्रह दहसत गर्दो को पुलिस का आशीर्वाद प्राप्त जो खुले आम एक शहरी को बार बार जान से मारने का प्रयास कर रहे है क्या सम्बंधित पुलिस कोई कार्यवाही की या सिर्फ मामले का तमाशबीन बन के रह जाएगी योगी आदित्यनाथ की कुर्सी के नीचेयह क्यातमाशा हो रहा कानून व्यवस्था का नंगा नाच फिर भी कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त अर्थात सच से कोसो दूर श्री मान जी १५ लोगो के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरके बलवा का मुक़दमा कायम कियाजाय और प्रार्थी को सुरक्षा प्रदान की जाए अन्यथा प्रार्थी की मृत्यु के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगाक्यों की वरिष्ठ अधिकारिओं के संज्ञान में है मामला फिर भी निचला स्तर खड्यंत्र करने से बाज नहीं आ रहा है प्रार्थी को पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाए
Current Status
Grievance Received
Date of Action
14/04/2021
Officer Concerns To
Forwarded to
Prime Ministers Office
Officer Name
Shri Ambuj Sharma
Officer Designation
Under Secretary (Public)
Contact Address
Public Wing 5th Floor, Rail Bhawan New Delhi
Email Address
ambuj.sharma38@nic.in
Contact Number
011-23386447
श्री मान जी विवेचक महोदय की आख्या चौंकाने वाली है श्रीमान जी जहां विवेचक महोदय धक्का मुक्की की बात कर रहे है वही पर यदि आप संलग्न मेडिकल रिपोर्ट और प्रार्थी के बहते खून और आखो की स्वेलिंग देखे तो आप को खुद महसूस हो जाएगा की सम्बंधित पुलिस की विश्वसनीयता क्या है इसलिए यह स्पस्ट है की शिकायत संख्या:-40015721023892 आवेदक का नाम-Ashutosh Singh का निस्तारण गुण दोष के आधार पर नहीं हुआ है बल्कि विवेचक द्वारा बिना विषयवस्तु का परिशीलन किये मनमाने तरीके से किया गया है और ऐसा निस्तारण अपराधियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है
ReplyDeleteUndoubtedly it is surprising that four times criminal activities took place in the state capital within 15 days and criminals assaulted brutally an innocent youth but police in the state remained mute spectators and could not succeed to detain the culprits which is a mockery of the law of land and showing complete incompetency of the police personnel posted in the state capital of this largest populous state in this largest democracy in the world.
ReplyDeleteThere must be faith of the citizens in the Government of state but it seems that our police has been so incredible that it is overlooking substantial evidence because of the corruption in the department which is quite obvious from the post and the attached photographs in the post and most surprising is that repeated representations are being submitted before the accountable public functionaries in the state but they are overlooking these evidences and reluctant to to take action against the culprits.
ReplyDeletePolice in the state must be credible how one can consider the police credible if there was committed four repeated attacks on the youth within 15 days. The last two criminal incidents were not registered by the police concerned which reflects lawlessness and anarchy in the management of the police concerned.
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