Grievance Status for registration number : GOVUP/E/2021/03421
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
Yogi M P Singh
Date of Receipt
21/01/2021
Received By Ministry/Department
Uttar Pradesh
Grievance Description
श्री मान जी जिलाधिकारी मिर्ज़ापुर जिला पंचायतराज अधिकारी मिर्ज़ापुर और मुख्य विकास अधिकारी मिर्ज़ापुर क्या इस आधार पर पंचायती राज अधिनियम के तहत जिलाधिकारी द्वारा नामित जिलास्तरीय अधिकारी डिप्टी कमिश्नर मनरेगा और प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वारा जाँच को प्रभावहीन मान सकते है क्योकि प्रधान द्वारा यह आरोप लगाया गया की उपरोक्त दोनों ग्राम प्रधान से रुपया ५०००० घुस मांग रहे थे किन्तु उसका कोई ठोस सबूत नहीं था
यदि खंड विकास अधिकारी के द्वारा जांच को आधार बनाया जाय तो वे तो खुद ही जांच में दोषी पाए गए है जो कीजांच आख्या से स्पस्ट है उन्होंने गलत रिपोर्ट इसलिए प्रस्तुत की जिससे उन्हें रिकवरी से मुक्ति मिल जाए और बेदाग़ हो जाए
ठीक है इससे तो यही सिद्ध हुआ की उपरोक्त दोनों अधिकारी ५०००० रुपये घुस मांगने के दोषी है तो क्यों नहीं आप कार्यवाही करते क्यों की आप को भय है की वे लोग आप के इस भ्रष्टाचार को नंगा कर देंगे
रही बात वर्तमान परियोजना निदेशक के रिपोर्ट की तो उनका रिपोर्ट तो इसी बात से गलत सिद्ध हो जाता है की जिस भुगतान की बात वह कह रहे जांच आख्या के अनुसार उसी की रिकवरी होनी थी अर्थात प्रधान द्वारा जिन भाई चाचा और नजदीकी रिश्तेदारों को मेठ बनाया था और उनके नाम पर पैसा निकला था उनकी भी वसूली नहीं किया और रिपोर्ट में यह बता रहे है की सब का भुगतान हुआ है कितना भ्रष्टाचार है जिसने ईमानदारी दिखाई वह चोर हो गया और चोर ईमानदार हो गए वाह रे योगी सरकार
मेरे पास जांच का भी वीडियो है और तत्कालीन खंड विकास अधिकारी का मेरे चल भाष पर किये गए फोन टेप का रिकॉर्ड भी है जो उनके भ्रष्टाचार को उजागर करते है इसलिए ईश्वर ही इस देश को बचा सकते है आज फिर वेबसाइट पर ऑनलाइन कर देंगे १२ पेज का पीडीऍफ़ दस्तावेज संलग्न है
श्री मान जी पंचायती राज अधिनियम के तहत जिलाधिकारी द्वारा नामित जिलास्तरीय अधिकारी डिप्टी कमिश्नर मनरेगा और प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वारा जाँच की गयी और उस जांच में विकास खंड छानवे के कर्मचारी अनियमितता के दोषी पाए गए और एक लाख एक हजार छह सौ पंद्रह रुपये वसूली की सिफारिश अधिकारी द्वय द्वारा किया गया किन्तु आज तक वसूली नहीं हो पायी है इस अनियमितता के लिए ग्राम प्रधान सेक्रेटरी तकनीकी सहायक और ग्राम सेवक दोषी पाए गए और उनसे रिकवरी सुनिश्चित करना था जिलाधिकारी को और दंड भी सुनिश्चित करना था
फिर नाटकीय घटनाक्रम में जिनसे वसूली होनी थी वही जांच अधिकारी बन गए और वे अपने आप को दंड देना उचित नहीं समझे और खुद को क्लीन चिट दे दिए
महत्वपूर्ण बात यह हुई की ५० हजार रुपये प्रधान से घुस मांगने के लिए उपायुक्त मनरेगा और परियोजना निदेशक को बक्श दिया अन्यथा सिफारिश के देरी थे नहीं तो जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी की तिकड़ी दोनों अधिकारिओं को ले डूबती क्योकि वे लोग ५०००० रुपये घुस जो मांग रहे थे
घुस का जांच करने की आवश्यकता ही नहीं थी क्योकि जांच ही गलत सिद्ध हो गई तो ग्राम प्रधान का आरोप सिद्ध हो गया
Grievance Document
Current Status
Case closed
Date of Action
04/02/2021
Remarks
अधीनस्थ अधिकारी के स्तर पर निस्तारित महोदय आप की सेवा मे आख्या प्रेषित है
Reply Document
Rating
1
Poor
Rating Remarks
Whether Government of Uttar Pradesh headed by Honest Yogi Adityanath will tell how the office of chief minister accepted the grievances disposed of when District Panchayti Raj officer only told in its report that the matter concerns the deep rooted corruption is related to the office of the project director Mirzapur. They did not touch the submissions of the grievance. Here this question arises that why Yogi Aditynath Government is shielding the wrongdoers by overlooking the grievances on the flimsy ground ipso facto obvious.
Officer Concerns To
Officer Name
Shri Arun Kumar Dube
Officer Designation
Joint Secretary
Contact Address
Chief Minister Secretariat U.P. Secretariat, Lucknow
Email Address
sushil7769@gmail.com
Contact Number
0522 2226349
Tags:
Government
उस जांच में विकास खंड छानवे के कर्मचारी अनियमितता के दोषी पाए गए और एक लाख एक हजार छह सौ पंद्रह रुपये वसूली की सिफारिश अधिकारी द्वय द्वारा किया गया किन्तु आज तक वसूली नहीं हो पायी है इस अनियमितता के लिए ग्राम प्रधान सेक्रेटरी तकनीकी सहायक और ग्राम सेवक दोषी पाए गए और उनसे रिकवरी सुनिश्चित करना था जिलाधिकारी को और दंड भी सुनिश्चित करना था
ReplyDeleteUndoubtedly there is direct evidence both audio and visual before the Government functionaries of India but they are not taking any action and these representations which is a mockery of the law of land.
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